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Saturday, September 25, 2010

बाजार में पसरा सन्नाटा

 सीहोर शुक्रवार को शहर में सन्नाटे का माहौल नजर आया। दिनभर व्यापारी ग्राहकों के प्रतीक्षा करते देखे गए। हालांकि बाजार में पिछले तीन दिनों से लोगों का आना कम हो गया था, पर शुक्रवार को एकदम सन्नाटा पसरा हुआ नजर आया। 24 तारीख को आने वाले फैसले को टलने की खबर एक दिन पहले आ जाने के बाद भी बाजार में उसका असर दिखाई नहीं दिया। जिस प्रकार की उम्मीदें लोगों द्वारा व्यक्त की जा रही थीं। ठीक उसी प्रकार का वातावरण शुक्रवार को नजर आया। बाजार में पूरे दिन सन्नाटा का वातावरण दिखाई दिया। शहर के मुख्य बाजार गांधी रोड सहित मेन रोड, सराफा तथा अन्य क्षेत्रों में सामान्य से भी कम चहल-पहल रही। ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का आना बिल्कुल नहीं होने से दिनभर यही आलम बना रहा। व्यापारी वर्ग ग्राहकों की प्रतीक्षा करते हुए देखा गया। हालांकि श्राद्ध पक्ष में ग्राहकी का माहौल अन्य दिनों की तुलना में कम हो जाता है, लेकिन बाजार में चहल-पहल बनी रहती है। 24 तारीख को देखते हुए बाजार में तीन दिन पहले से खासतौर से किराना दुकानों पर ग्राहकी का माहौल बना हुआ था। आटा-चक्कियों पर भी गेंहू पिसवाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ रहा था। आलम यह था कि 23 तारीख के सुबह तक शहर की कई आटा चक्कियां चलती रहीं। फैसला टलने की सूचना आ जाने के बाद ऐसा महसूस किया जा रहा था कि शुक्रवार को बाजार में सामान्य दिनों के भांति काम काज होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। व्यापारियों का मानना है कि इसी प्रकार की स्थिति 29 सितम्बर तक बनी रह सकती है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहर आने जाने में किसी प्रकार का जोखिम मोल नहीं लेना चाहते हैं।
नहीं मिली सवारियां
बाजार में सन्नाटे के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की ओर से आने जाने वाली बसों को सवारियां नहीं मिली। जानकारी के अनुसार ग्राम नांदनी से शहर आने वाली बस में रोजाना पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती है, लेकिन शुक्रवार को इस बस में 80 की जगह केवल 18 यात्री ही सीहोर के लिए सवार हुए। रास्ते में पड़ने वाले सभी ग्रामों से बस को यात्री नहीं मिले। इसके अलावा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से आने जाने वाली बसों और जीपों में भी यात्रियों का अभाव देखा गया। सीहोर-भोपाल चलने वाले वाहनों में भी यात्रियों का टोटा देखा गया। ट्रेनों में भी शुक्रवार को यात्रियों की भीड़ नजर नहीं आई। लोग जरूरी काम से ही यात्रा कर रहे थे। पहले 24 तारीख को लेकर रिर्जवेशन स्थगित हुए, अब लोग आगे की तारीखों के भी रिर्जवेशन कैंसिल कराते हुए नजर आ रहे हैं।

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