यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Sunday, September 19, 2010

डोल ग्यारस पर्व परम्परागत उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया

 सीहोर  शनिवार को डोल ग्यारस पर्व परम्परागत भक्ति भरे माहौल में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर एक भव्य चल समारोह निकाला गया जिसमें विभिन्न अखाड़ों के सदस्यों ने भाग लेकर हैरत अंगेज कारनामों से लोगों को मोहित कर दिया। शनिवार की दोपहर में स्थानीय कोतवाली चौराहे से डोल ग्यारस पर्व का चल समारोह निकाला गया। यह चल समारोह शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए सीवन नदी पर पूजन अर्र्चन के बाद समाप्त हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। पुलिस प्रशासन ने भी पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम किए।
डोल ग्यारस पर्व पर शनिवार को सारा माहौल धर्ममय नजर आ रहा था। सुबह से लोगों द्वारा घरों में पूजन किया जा रहा था जबकि विभिन्न मंदिरों के सदस्यों द्वारा सुबह से विमानों को सजाने का कार्य किया जा रहा था। मंदिरों से दोपहर बाद विमान आने का सिलसिला कोतवाली चौराहे पर शुरू हो चुका था। यहां पर लोगों द्वारा विमानों का पूजन अर्चन किया जाकर प्रसाद अर्पित किया गया। इन विमानों के आगे अखाड़े के कलाकार प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे।
घर-घर पर पूजा
चल समारोह में शमिल करीब दो दर्जन से भी अधिक विमानों की घरों के बाहर पूजा अर्चना की गई। विभिन्न मंदिरों के इन विमानों के सीवन नदी से लौटते समय भी रात तक पूजा अर्चना की जाती रही। महिलाओं, युवतियों तथा बच्चों ने आरती कर प्रसाद ग्रहण किया।
फलों की मांग रही
डोल ग्यारस पर्व पर श्रद्धालुओं ने उपवास भी रखे जिससे बाजार में फलों की मांग भी काफी रही। विमानों पर केले अर्पित करने की परम्परा रही है जिसका परिपालन आज भी कई परिवारों द्वारा किया जाकर केले का प्रसाद चढ़ाया गया। केले की मांग दिन भर बनी रही। उधर नारियल की मांग भी बढ़ोत्तरी हुई जिसके चलते उसके भाव में दो से तीन रूपए प्रति नग की वृद्धि हुई।
मौसम रहा खुला
डोल ग्यारस पर्व पर मौसम खुनला करने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों की उपस्थिति काफी अच्छी  रही। बारिश न होने के कारण ग्रामीणों ने भागीदार कर विमानों के दर्शन कर प्रसाद ग्र्रहण किया। साथ ही जोरदार बारिश की प्रार्थना भी ईश्वर से की।
मेला भराया
कोतवाली चौराहे से लेकर पान चौराहे तक मेले जैसा वातावरण बना रहा बच्चों ने फुग्गे तथा अन्य मनोरंजक सामग्री का आनंद उठाया। डोल ग्यारस चल समारोह में भाग लेने के लिए आए लोगों ने शहर में स्थापित की गई भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं के दर्शन किए। चल समारोह में शामिल विमानों का हिन्दू  उत्सव समिति द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। अध्यक्ष सतीश राठौर सहित पंडित हरिप्रसाद तिवारी तथा मोहन चौरसिया, हरिपालीवाल, राजेश जायसवाल आदि ने सभी विमान के साथ चल रहे मंदिर पुजारियों का स्वागत किया। इस अवसर पर पुलिस द्वारा भी माकूल प्रबंध किए गए थे। डोल ग्यारस पर्व पर निकले चल समारोह में शनिवार को अखाडेÞ के कलाकारों द्वारा शानदार कला कौशल का प्रदर्शन कर लोगों का दिल जीत लिया। यहां शामिल हुए अखाड़े के उस्ताद और खलीफाओं के दिशा निर्देशन में युवाओं और बच्चों ने अपने प्रदर्शन से लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस तरह के प्रदर्शनों से अखाड़े के कलाकारों ने एक बात साबित कर दी कि उनका यह प्रदर्शन अनंत चतुर्देशी चल समारोह पर और भी जोरदार रहेगा। क्योंकि उन्होंने आज अपने प्रदर्शन में कई दाव पेंच अनंत चतुर्देर्शी के लिए भी सुरक्षित रखे है। लोगों का मानना है कि अनंत चतुर्देशी पर इनका प्रदर्शन और भी अच्छा रहेगा। आज के प्रदर्शन में लाठियों के शानदार बैलेंन्स के अलावा बच्चों को कांधे पर बैठाकर रिंग का चलाने आदि प्रदर्शन को सराहा गया। इसके अलावा तलवार बाजी के भी कई जोखिम भरे प्रदर्शन इनके द्वारा दिखाए गए जिसको सभी के द्वारा काफी सराहा गया। प्रदर्शन का यह सिलसिला रात तक लगातार चलता रहा। अखाड़े के उस्तादों और खलीफाओं का भी हार पहनाकर स्वागत अंभिनंदन किया गया।

0 comments: