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Sunday, October 24, 2010

गंदगी ने तोड़ दी परम्परा

सीहोर.कार्तिक स्नान में सीवन की गंदगी और बदबू ने खड़ी की बाधा गंदगी ने तोड़ दी परम्पराकार्तिक माह में नदी पर स्नान करने की परम्परा को सीवन नदी में व्याप्त गंदगी और बदबू ने तोड़ दी है। सूर्य उदय के पहले स्नान के लिए आने वाली महिलाओं की टोली ने अब सीवन नदी पर आना ही बंद कर दिया है।शनिवार से कार्तिक माह का श्रीगणेश हो चुका है, लोगों में इस माह को लेकर व्यापक में उत्साह का वातावरण बना हुआ है पर महिलाओं में सीवन नदी में व्याप्त गंदगी और बदबू के कारण नाराजगी का वातावरण बना हुआ है क्योंकि यहां की गंदगी ने परम्परा को तोड़ने पर विवश कर दिया है। कार्तिक माह की शुरुआत हो चुकी है इस माह में नदी में स्नान करने की पुरानी परम्परा है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में स्नान का तीर्थ के समान महत्व है। यह माह धनधान्य समृद्धि की प्रतीक देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए माना जाता है। सीहोर में भी सीवननदी पर स्नान करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व तक महिलाओं की टोलियां सूर्य उदय से भी पहले सीवन नदी पर स्नान के लिए आती रही है। यहां पर स्नान के पूर्व भजन कीर्तन किए जाने की भी परम्परा रही है पर अल्प वर्षा और प्रदूषण के चलते गंदगी और बदबू का पर्याय बन रही सीवन नदी पर महिलाओं ने स्नान करने के लिए आना लगभग से बंद कर दिया है। हालांकि अभी भी इक्का दुक्का महिलाएं आ जाती है पर यहां फैली गंदगी के कारण वहां से जाने के अलावा उनके पास कोई विकल्प भी नहीं रहता है। इस बार नगरपालिका परिषद द्वारा दो बार सीवन नदी की सफाई कराई गई है पर इस केवल औपचारिकता भर ही कहा जाए तो शायद अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा क्योंकि प्रतिमा विर्सजन के लिए थोड़ी सी जगह पर ही सफाई की गई पर नहाने के लिए आज भी वहां पर कोई व्यवस्था नहीं है जिससे लोग नाराज है।
 पुरुष घाट पर महिलाएं
सीवन नदी पर नगरपालिका द्वारा केवल पुरुष घाट पर ही सफाई कराई गई । महिला घाट पर आज भी गंदगी व्याप्त है जिसके कारण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों सड़क से गुजरने वाले लोग उस समय हतप्रभ रह जाते है क्योंकि उन्हें पुरुष घाट पर महिलाएं कपड़े घोती नजर आती है। मजबूरी में इनके पास कोई विकल्प नहीं रहता है।

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