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Thursday, November 29, 2012


मध्यप्रदेश में पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकारों के लिये श्रद्धा-निधि योजना को मंजूरी

नियम तथा योजना जारी, आवेदन की अंतिम तिथि 29 दिसम्बर
राज्य शासन ने मध्यप्रदेश में पत्रकारिता करने वाले वरिष्ठ और बुजुर्ग पत्रकारों के लिये श्रद्धा-निधि योजना को स्वीकृति दी है। शासन ने श्रद्धा-निधि के लिये नियम, शर्तें तथा योजना को भी जारी किया है। श्रद्धा-निधि के लिये निर्धारित प्रपत्र में आवेदन 29 दिसम्बर, 2012 तक जनसंपर्क संचालनालय के पत्रकार कल्याण विभाग में जमा किये जा सकते हैं। आवेदन का निर्धारित प्रारूप जनसंपर्क संचालनालय की वेबसाइट www.mpinfo.org  पर उपलब्ध है।

श्रद्धा-निधि के नियम एवं शर्तें

श्रद्धा-निधि ऐसे पूर्णकालिक अधिमान्य पत्रकार को प्रदान की जायेगी, जो किसी दैनिक/साप्ताहिक समाचार-पत्र में कम से कम से कम बीस वर्ष तक सवैतनिक कार्य करते रहे हों और उनकी आयु एक जुलाई, 2012 की स्थिति में 62 वर्ष हो। उन्हें प्रतिमाह 5 हजार रुपये श्रद्धा-निधि के रूप में देने का निर्णय लिया गया है। श्रद्धा-निधि प्रारंभ में 5 वर्ष के लिये दी जायेगी।

योजना के अनुसार श्रद्धा-निधि केवल उन पत्रकारों को दी जायेगी, जिन्हें राज्य शासन से कोई अन्य नियमित सहायता प्राप्त नहीं हो रही हो। अधिमान्य पत्रकार को यह शपथ-पत्र देना होगा कि वह आयकर दाता की श्रेणी में नहीं आता। यह पात्रता उन अधिमान्य पत्रकारों को होगी, जो जनसंपर्क संचालनालय मध्यप्रदेश से कम से कम 10 वर्ष अधिमान्य रहे हों। एक पत्रकार को प्रतिमाह 5 हजार रुपये तक श्रद्धा-निधि की पात्रता होगी।

इसी प्रकार अधिमान्य पत्रकार को बैंक में बचत-खाता खुलवाना होगा, जिससे उनके बैंक खाते में राशि जमा की जा सके। इसके लिये पत्रकार को आवश्यक प्रमाण-पत्र वर्ष में एक बार प्रस्तुत करना होगा, जिससे उनके बैंक खातों में प्रतिमाह श्रद्धा-निधि जमा की जा सके। अधिमान्य पत्रकार पर किसी प्रकार का कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं होना चाहिये। श्रद्धा-निधि स्वीकृति के संबंध में एक उच्च-स्तरीय 5 सदस्यीय निर्णायक मण्डल का गठन होगा, जो प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर अपनी अनुशंसाएँ देगा। निर्णायक मण्डल की अनुशंसा शासन के लिये मान्य करना बंधनकारी नहीं होगा।

श्रद्धा-निधि की पात्रता स्वीकृति के बाद किसी भी समय समाप्त की जा सकती है। यदि लाभार्थी का आचरण पत्रकारिता के मान्य सिद्धांतों, मानदण्डों के विपरीत पाया जाता है या उनके विरुद्ध कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज होता है, तो पात्रता समाप्त की जा सकेगी। श्रद्धा-निधि स्वीकृति के 5 वर्ष पश्चात प्रकरणवार समीक्षा भी की जायेगी।

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