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Friday, November 30, 2012


वल्लभ भवन विस्तार परियोजना के लिए वास्तुविद का चयन
स्थानाभाव को दूर करने की ठोस पहल
आने वाले वर्ष में मंत्रालय के वर्तमान भवन को नया स्वरूप देने की विधिवत् शुरूआत हो जाएगी। वर्तमान वल्लभ भवन की विस्तार परियोजना के लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा वास्तुविद के चयन की कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) को वास्तुविद के चयन का जिम्मा सौंपा गया था। पर्यावरण एवं जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया ने प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण से वल्लभ भवन विस्तार परियोजना के संबंध में चर्चा की। श्री मलैया ने वास्तुविद के चयन के बाद आगामी कार्यवाही के लिए राजधानी परियोजना एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है। चयनित वास्तुविद द्वारा वर्तमान वल्लभ भवन तथा उससे लगे सतपुड़ा एवं विंध्याचल भवनों को ध्यान में रखते हुए कांसेप्ट डिजायन को तैयार किया गया है। यह डिजायन इन भवनों की निर्माण कला से साम्य रखती है। वर्तमान वल्लभ भवन का उद्घाटन 4 अप्रैल 1965 को हुआ था। उस समय 23 शासकीय विभाग थे। वर्तमान में 57 विभाग के साथ ही मुख्यमंत्री सहित 33 मंत्री के कक्ष हैं और कार्यरत अधिकारियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। मंत्रालय में अधिक स्थान की जरुरत को देखते हुए वल्लभ भवन परिसर में अतिरिक्त भवन के निर्माण का विचार किया गया। वास्तुविद के चयन के लिए पाँच सदस्यीय समिति गठित की गई थी। समिति में प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव लोक निर्माण, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन, प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण तथा मुख्य वास्तुविद लोक निर्माण विभाग शामिल थे। एप्को में रजिस्टर्ड सभी वास्तुविद फर्म से सहमति बुलाई गई थी। ऐसी फर्म की संख्या 100 से अधिक थी। जिन फर्मों से सहमति प्राप्त हुई थी उनमें से ऐसी वास्तुविद फर्मों का चयन किया गया जिन्हें कम से कम 25 वर्ष का कार्यानुभव हो और कम से कम इस तरह की तीन परियोजनाओं का क्रियान्वयन अनुभव (आवासीय भवन निर्माण छोड़कर) भी हो। इसके साथ ही फर्म द्वारा 100 करोड़ रुपए से ज्यादा तथा प्रोजेक्ट के समान प्रकार के कार्यालय भवन का निर्माण करने के अनुभव को भी आवश्यक माना गया। इस आधार पर एप्को द्वारा 6 वास्तुविद फर्मों को अपनी फर्म एवं कार्यों के प्रेजेन्टेशन के लिए समिति के समक्ष जुलाई माह में आमंत्रित किया गया था। समिति द्वारा कांसेप्ट डिजायन के प्रस्तुतिकरण के लिए इस माह फर्मों को बुलाया गया था। ज्यूरी द्वारा मूल्यांकन के पश्चात सर्वसम्मति से मेसर्स सी.पी. कुकरेजा एंड एसोसिएट प्रायवेट लिमिटेड नई दिल्ली को परियोजना के लिए सलाहकार वास्तुविद नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। इस फर्म के प्रस्तुतीकरण को सर्वश्रेष्ठ पाया गया। कांसेप्ट डिजायन के प्रस्तुतीकरण के मूल्यांकन के लिए गठित ज्यूरी में प्रो. के.टी. रविन्द्रन, स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली तथा चेयरमेन दिल्ली आर्ट कमीशन, श्री एम.एन. बुच (पद्मश्री), पूर्व मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी एवं प्रो. अजय खरे, संचालक, स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर, भोपाल शामिल किए गए।

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