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Tuesday, November 27, 2012

मध्यप्रदेश के सभी टाईगर रिजर्व के बफर जोन की अधिसूचना जारी
वनों के पास से गुजरने वाली विद्युत लाइनों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान, मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक


 
मध्यप्रदेश में स्थित सभी छह टाइगर रिजर्व के बफर जोन की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। वन्य-प्राणियों की सुरक्षा के मद्देनजर वनों के आस-पास से गुजरने वाली विद्युत लाइनों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ संपन्न राज्य वन्य-प्राणी बोर्ड की बैठक में दी गयी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में कहा कि वन्य-प्राणियों के संरक्षण तथा वन क्षेत्र से जुड़े ग्रामों में विकास के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाये। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में आने वाले ग्रामों के रहवासियों की समस्याओं के समुचित निराकरण के प्रयास किये जाये।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में घोषित कोर एवं बफर क्षेत्रों के एकीकृत प्रशासनिक नियंत्रण से टाइगर रिजर्व में वन्य-प्राणियों के प्रबंधन और सुरक्षा के प्रयास बेहतर ढंग से किये जा सकेंगे। बताया गया कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में स्थित गाँवों के पुनर्वास की योजना तैयार की गयी है। इस योजना में संरक्षित क्षेत्र के 730 ग्राम में से 192 ग्राम को वहीं पर इन्क्लेव के रूप में रखा जायेगा। इसके अलावा 426 ग्राम को संरक्षित क्षेत्र की सीमाओं से बाहर किया जायेगा। इस तरह कुल 112 गाँव का वास्तविक रूप से पुनर्वास किया जायेगा, इनमें से 3 ग्राम का पुनर्वास किया जा चुका है। शेष 109 ग्राम में से टाइगर रिजर्व के अंतर्गत 85 तथा अन्य राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के अंतर्गत 24 ग्राम स्थित है। इन ग्रामों में रहने वाले प्रति परिवार औसत 3 इकाई मानते हुए प्रति इकाई 10 लाख रूपये दिया जाना प्रस्तावित है। इसमें टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के लिये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तथा राष्ट्रीय उद्यानों तथा अभयारण्यों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के लिये राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध करवायी जायेगी।
बैठक में बैहर-चिल्पी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 26 के कान्हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले खण्ड के चौड़ीकरण, सोन घड़ियाल अभयारण्य के अंतर्गत बरही-हनुमना राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 52 के अंतर्गत दो लेन निर्माण, सोन चिड़िया अभयारण्य घाटीगांव की सीमा से 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले मार्ग, माधव राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 पर फोर लेन, बोरी अभयारण्य होशंगाबाद की सीमा से 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 69 में निर्माण, रातापानी अभयारण्य ओबेदुल्लागंज की दक्षिणी सीमा से 10 किलोमीटर की परिधि में आने वाले मार्ग, बोरी अभयारण्य होशंगाबाद और नरसिंहगढ़ अभयारण्य राजगढ़ की सीमा से 10 किलोमीटर की परिधि में नेचुरल गैस पाईप लाईन, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य मुरैना के अंतर्गत ग्वालियर-जयपुर पारेषण लाईन निर्माण, संजय दुबरी अभयारण्य के अंतर्गत कंचनपुर में रेलवे स्टेशन निर्माण तथा राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के अंतर्गत उमेद घाट पर पुल निर्माण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। बैठक में वन मंत्री श्री सरताज सिंह, वन राज्य मंत्री श्री जयसिंह मरावी, वन्य-प्राणी बोर्ड के सदस्य तथा मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


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