महाविद्यालयों के एस.सी., एस.टी. विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें
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निर्धारित राशि में वृद्धि का निर्णय |
शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत् अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्यार्थियों को निःशुल्क पुस्तकें एवं स्टेशनरी प्रदाय के लिए निर्धारित राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने वर्तमान में निःशुल्क पुस्तकों के लिए स्नातक स्तर पर दी जा रही 600 रूपये और स्नातकोत्तर स्तर पर 800 रूपये की राशि को बढ़ाकर 1500 रूपये करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। शासन द्वारा राशि में वृद्धि के आदेश जारी किये जा रहे हैं। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर स्टेशनरी के लिए प्रति विद्यार्थियों को दी जा रही 50 रूपये की राशि को बढ़ाकर 500 रूपये करने का निर्णय लिया गया है।
शासन के इस निर्णय से महाविद्यालयों के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लगभग 4 हजार विद्यार्थियों को लाभ होगा। इस पर प्रति वर्ष लगभग 11 करोड़ रूपये का व्यय आयेगा। वर्तमान में इस योजना में प्रदाय की जाने वाली पुस्तकें विद्यार्थियों से परीक्षा उपरांत वापस लेने का प्रावधान है। विद्यार्थियों को भविष्य में अध्ययन् एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में पुस्तकों की आवश्यकता को देखते हुए शासन ने इन वर्गों के विद्यार्थियों को पुस्तकों की वापसी के बंधन से मुक्त रखने का भी निर्णय लिया है।
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