एयरटेल में शिकायत करने के लिए प्रश्नपत्र हल करना पड़ता है
कस्टमरकेयर पर सवालों की छड़ी
20 दिन में भी नहीं हो पा रहा शिकायत का निराकरण
सीहोर। इन दिनों एयरटेल फोन की शिकायत दर्ज करने के लिए उपभोक्ताओं को एक तरह से एक लंबा चौड़ा प्रश्न पत्र हल करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। इन प्रश्नों के उत्तर नहीं देने वाले उपभोक्ता की शिकायत दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया जाता है। शिकायत के निवारण की स्थिति यह है कि 20 दिन मेें भी उसका समाधान नहीं हो पा रहा है।
इन दिनों एयरटेल लैंड लाइन के उपभोक्ताओं को काफी कठिन प्रक्रिया से गुजरने पर विवश होना पड़ रहा है। किसी भी लैंडलाइन के उपभोक्ता को शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले 198 पर फोन लगाना पड़ रहा है जो काफी देर तक तो लगता ही नहीं है और यदि लग जाता है तो उनके बीस से अधिक प्रश्नों को सुनने के बाद 121 नम्बर लगाने का परामर्श दिया जाता है वहां पर इसी प्रकार के प्रश्नों को सुनने के बाद अपना नम्बर डायल करने का परामर्श दिया जाता है जिसमें करीब पन्द्रह से आधे घंटे का होल्ड रखने के बाद कस्टमर केयर के अधिकारी से बात कराई जाती है जहां पर अधिकारी आपकी शिकायत सुनने के पहले सवाल पर सवाल दागता जाता है, पहले फोन नम्बर एसटीडी कोड सहित जाना जाता है उसके बाद आपका एकाउंट नम्बर जो आमतौर पर उपभोक्ता को याद नहीं रहता है, उसके बाद घर का पूरा पत्ता जिस पते पर बिल आता है पूछा जाता है, उसके बाद आपके द्वारा आखिर बिल किस तारीख को किस तरह से जमा किया गया है उसकी जानकारी मांगी जाती है इनमें से यदि आपका एक भी सवाल गलत हो गया तो आपकी शिकायत दर्ज नहीं की जाएगी। इतने सारे सवालों का जवाब देने के बाद आपको शिकायत नम्बर दिया जाएगा जिसके निराकरण आलम यह है कि 07562- 406298 के उपभोक्ता द्वारा 8 सितम्बर को शिकायत दर्ज कराई गई है उसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है। रोजाना फोन लगाने के बाद उपभोक्ता को उन्हीें सवालों के जवाबों की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि जब किसी उपभोक्ता की शिकायत के लिए इतनी बड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा तो निजी कंपनी की सेवाओं का लाभ ही क्या? आश्चर्य का विषय तो यह है अधिकारियों द्वारा इस दिशा में ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
कस्टमरकेयर पर सवालों की छड़ी
20 दिन में भी नहीं हो पा रहा शिकायत का निराकरण
सीहोर। इन दिनों एयरटेल फोन की शिकायत दर्ज करने के लिए उपभोक्ताओं को एक तरह से एक लंबा चौड़ा प्रश्न पत्र हल करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। इन प्रश्नों के उत्तर नहीं देने वाले उपभोक्ता की शिकायत दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया जाता है। शिकायत के निवारण की स्थिति यह है कि 20 दिन मेें भी उसका समाधान नहीं हो पा रहा है।
इन दिनों एयरटेल लैंड लाइन के उपभोक्ताओं को काफी कठिन प्रक्रिया से गुजरने पर विवश होना पड़ रहा है। किसी भी लैंडलाइन के उपभोक्ता को शिकायत दर्ज कराने के लिए पहले 198 पर फोन लगाना पड़ रहा है जो काफी देर तक तो लगता ही नहीं है और यदि लग जाता है तो उनके बीस से अधिक प्रश्नों को सुनने के बाद 121 नम्बर लगाने का परामर्श दिया जाता है वहां पर इसी प्रकार के प्रश्नों को सुनने के बाद अपना नम्बर डायल करने का परामर्श दिया जाता है जिसमें करीब पन्द्रह से आधे घंटे का होल्ड रखने के बाद कस्टमर केयर के अधिकारी से बात कराई जाती है जहां पर अधिकारी आपकी शिकायत सुनने के पहले सवाल पर सवाल दागता जाता है, पहले फोन नम्बर एसटीडी कोड सहित जाना जाता है उसके बाद आपका एकाउंट नम्बर जो आमतौर पर उपभोक्ता को याद नहीं रहता है, उसके बाद घर का पूरा पत्ता जिस पते पर बिल आता है पूछा जाता है, उसके बाद आपके द्वारा आखिर बिल किस तारीख को किस तरह से जमा किया गया है उसकी जानकारी मांगी जाती है इनमें से यदि आपका एक भी सवाल गलत हो गया तो आपकी शिकायत दर्ज नहीं की जाएगी। इतने सारे सवालों का जवाब देने के बाद आपको शिकायत नम्बर दिया जाएगा जिसके निराकरण आलम यह है कि 07562- 406298 के उपभोक्ता द्वारा 8 सितम्बर को शिकायत दर्ज कराई गई है उसका निराकरण आज तक नहीं हो पाया है। रोजाना फोन लगाने के बाद उपभोक्ता को उन्हीें सवालों के जवाबों की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि जब किसी उपभोक्ता की शिकायत के लिए इतनी बड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा तो निजी कंपनी की सेवाओं का लाभ ही क्या? आश्चर्य का विषय तो यह है अधिकारियों द्वारा इस दिशा में ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।
0 comments:
Post a Comment