28 साल बाद हारे गम नहीं पर हार ने घर देख लिया
आज 28 साल इंग्लैंड टीम ने भारत से टेस्ट सीरिज जीत कर भारतीय क्रिकेट को इस बात का संकेत साफ तौर पर दे दिया है कि अब भारतीय मैदान पर कोई सी भी टीम आसानी से जीत हासिल कर सकती है। भारत के दौरे पर जब इंग्लैंड टीम आई तो यही कहा जा रहा था कि भारत इंग्लैंड से हुई हार का बदला लेगा पहले टेस्ट मैच में भारत की शानदार जीत से विशेषज्ञों की इस बात को बल भी मिला था पर जिस तरह से दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा
और चौथा टेस्ट मैच ड्रा हुआ उससे क्रिकेट प्रेमियों को करारा झटका लगा झटका इस बात का नहीं लगा कि भारतीय टीम हारी है हार जीत को खेल का अंग पर जिस तरह से भारत की पिचों पर भारतीय स्पिनर फेल हुए और उन्हीं पिचों पर इंग्लैंड के स्पिनरों ने दुनिया में स्पिनरों को शानदार तरीके से खेलने में माहिर भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा उसका गम अधिक है यहां पर एक पुरानी कहावत याद आ रही है कि बुढिय़ा के मरने को कोई डर नहीं है डर तो इस बात का है कि मौत ने घर देख लिया है भारतीय टीम पर यह कहावत चरितार्थ बैठ रही है कि हार का कोई गम नहीं है पर हार ने घर देख लिया है कल तक भारतीय पिचों पर भारतीय स्पिनरों का जलजला चला करता था अब उन्हीें पिचों पर विदेशी गेंदबाजों का भी जलजला चलेगा तो अन्य सीरिजों के परिणाम भी इसी तरह के रहेंगे।
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