लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में अब 104 सेवायें
105 अधिकारियों पर 3 लाख रूपये का जुर्माना, मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा आवेदनों के निराकरण की नियमित समीक्षा के निर्देश
प्रदेश में लोक सेवा गांरटी प्रदाय अधिनियम में वर्तमान में 16 विभागों की 52 सेवाओं को शामिल करते हुये 104 सेवायें शामिल हो जायेंगी। पाँच नये विभागों - वित्त, उद्योग, वाणिज्यिक कर, योजना, आवास एवं पर्यावरण की सेवाओं को शामिल करते हुये अब 21 विभागों की सेवायें अधिनियम के दायरे में आयेंगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक में 52 नई सेवाओं को शामिल करने के लिये संबंधित विभागों ने अपनी सहमति दे दी है।
अधिनियम के प्रभावशील होने के बाद से अब तक 1 करोड़ 58 लाख आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 1 करोड़ 57 का निराकरण हो गया है। वर्तमान में 336 लोक सेवा केन्द्रों में 105 कार्यरत हैं। इनके माध्यम से 45 सेवायें मिलना शुरू हो गयी हैं और अब तक 3 लाख आवेदनों का निराकरण हुआ है। जनवरी 2013 के अंत तक शेष लोक सेवा केन्द्र काम करना शुरू कर देंगे।
अब तक 1400 अपीलें प्रस्तुत हुई और सेवाओं के प्रदाय में विलम्ब करने के कारण 105 अधिकारियों पर 3 लाख रूपये का अर्थदण्ड हुआ। विलम्ब से सेवा प्रदान करने के कारण 536 आवेदकों को 2 लाख 46 हजार रूपये का हर्जाना दिया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खसरा-खतौनी नकल प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सेवा प्रदाय करने वाले विभागों को निर्देश दिये कि वे आवेदन पत्रों के निराकरण की स्थिति पर निगरानी रखें और नियमित रूप से समीक्षा करें। उन्होंने समय-सीमा में सेवायें नहीं मिलने वाले प्रकरणों में तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे लोक सेवा केन्द्रों का दौरा करें और अपने-अपने विभागों की सेवाओं के प्रदाय के संबंध में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर करें।
बैठक में लोक सेवा प्रबंधन मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम एवं संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
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