स्टेट आई टी सेन्टर का उद्घाटन बुधवार को
60 करोड़ से बनी है देश की नायाब इमारत
मध्यप्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी गतिविधियों के मुख्य केन्द्र के रूप में स्टेट आई टी सेन्टर बन कर तैयार हो गया है। लगभग 60 करोड़ की लागत से बनी देश की इस नायाब इमारत में स्टेट डाटा सेन्टर, स्वॉन नेटवर्क मॉनीटरिंग सेन्टर, मध्यप्रदेश इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेन्ट कार्पोरेशन और मेप आई टी के कार्यालय लगेंेगे। साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियाँ भी यहाँ से संचालित होंगी। इस अत्याधुनिक सेन्टर के बनने से मध्यप्रदेश आई टी के क्षेत्र में उन्नत राज्यों में शामिल हो गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय 12 दिसम्बर बुधवार को शाम 6 बजे अरेरा हिल्स पर निर्मित इस सेन्टर का उद्घाटन करेंगे।
क्या है सेन्टर?
प्रशासन में ई-गवर्नेंस का प्रयोग शुरू होने के बाद शासकीय विभागों द्वारा नागरिकों को अधिक से अधिक सेवाएँ इलेक्ट्रानिक माध्यमों से दी जाने लगी हैं। साथ ही विभागों की आंतरिक जानकारियों का संधारण, संचालन और कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग आदि का कार्य भी इलेक्ट्रानिक स्वरूप में शुरू हो गया है। जो जानकारियाँ, आँंकड़े या डाटा नस्तियों में लिखकर रखा जाता था उसे अब हार्डवेयर में स्टोर किया जाने लगा है। इस डाटा को सुरक्षित रखना और उसे त्वरित गति से प्राप्त करना एक चुनौती है। शुरू में हर विभाग ने अपनी जरूरत के मुताबिक छोटे-छोटे सर्वर से काम करना प्रारंभ किया। लेकिन इनमें सुरक्षा के अन्तर्राष्ट्रीय मापदण्डों का पालन नहीं हो सकता। इसके अलावा पृथक-पृथक डाटा स्टोर करने की व्यवस्था नहीं थी। इसलिये नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान में राज्यों में ई-गवर्नेन्स गतिविधियाँ शुरू करने के लिये चार तरह के कोर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर के अन्तर्गत स्टेट डाटा सेन्टर की अवधारणा आई। इसका उद्देश्य राज्य सरकार और उसके विभागों, निगमों, मंडलों आदि को ई-गवर्नेंस एप्लीकेशन्स के प्रबंधन और होस्टिंग के लिये सहभागी (शेयर्ड) विश्वसनीय और सुरक्षित अधोसंरचनात्मक सेवा उपलब्ध करवाना है।
डाटा सेन्टर को अतिसुरक्षित जोन के रूप में विकसित किया गया है। इसमें अनाधिकृत प्रवेश बिल्कुल नहीं होगा। यहाँ बॉयामैट्रिक एक्सेसज कंट्रोल और सीसीटीवी लगे है। स्वान के माध्यम से पूरे राज्य में वर्टिकल और हॉरिजोन्टल कनेक्टिविटी दी गई है। दोनों तरह की कनेक्टिविटी राज्य स्तर पर रीयल टाईम मॉनीटरिंग के लिये नेटवर्क मॉनीटरिंग सेन्टर की स्थापना की गई है।
नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान में शेष तीन कोर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर के अन्तर्गत स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (स्वान), कॉमन सर्विस सेन्टर (सीएससी) तथा स्टेट सर्विस डिलेवरी गेटवे (एसएसडीजी) शामिल हैं। स्वान के माध्यम से समर्पित नेटवर्क के जरिये तहसील स्तर तक के कार्यालयों को प्रदेश स्तर से जोड़ा जा रहा है।
विभागों को लाभ
सेन्टर से विभागों को आई टी सेवाओं के लिये डाटा संधारित करने, अन्तर्राष्ट्रीय मापदण्डों पर निर्मित और सुरक्षित प्रबंधकीय व्यवस्था, निरंतर कनेक्टिविटी और विशेषज्ञ सेवाएँ प्राप्त होंगी। इससे शासन और नागरिकों के बीच (जी टू सी), शासन के विभिन्न विभाग के बीच (जी टू जी) और शासन तथा व्यावसायिक इकाइयों (जी टू बी) के बीच सेवाओं का आदान-प्रदान त्वरित और अधिक प्रभावी ढंग से होगा। सेन्टर में डेटा संधारित करने वाले विभागों को निरंतर बिजली आपूर्ति, कूलिंग, नियंत्रित प्रवेश और निरंतर चौकसी, अग्नि-सुरक्षा, बिल्डिंग मैनेजमेन्ट सिस्टम तथा इक्युपमेन्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम के जरिये मॉनीटरिंग, हेल्प डेस्क, बेक अप, आपदा प्रबंधन, निरंतर कनेक्टिविटी, स्टोरेज और ब्लेड सर्वर की सुविधाएँ प्राप्त होंगी।
किस तरह होगा उपयोग?
सेन्टर में दो तरह के होस्टिंग मोडेल्स (डाटा संधारित करने के तरीके) उपलब्ध होंगे। छोटे आकार के विभाग, जिनका डाटा कम है, डाटा सेन्टर के ही कोर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर का उपयोग कर डाटा संग्रहीत कर सकते हैं। इससे उन्हें हार्डवेयर का व्यय नहीं करना होगा और उन्हें सेन्टर की प्रबंधकीय सामान्य सेवाएँ उपलब्ध रहेगी। ज्यादा डाटा वाले बड़े विभाग सेन्टर में अपना हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर होस्ट करवा सकते हैं। उन्हें सेन्टर की सामान्य सेवाएँ उपलब्ध रहेगी परन्तु यह विकल्प रहेगा कि वे स्वयं भी यह कार्य कर सकते हैं।
नागरिकों को लाभ
स्टेट आई टी सेन्टर से प्रदेश में ई-गवर्नेंस कार्यों को गति मिलेगी, प्रशासन में पारदर्शिता आयेगी, शासकीय कार्यों की मॉनीटरिंग बेहतर हो सकेगी और नागरिकों को सेवाएँ इलेक्ट्रानिक माध्यम से त्वरित गति से मिल सकेगी।
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