कलयुगी मामा को कारावास
बलात्संग के मामले में मामा का सुनाई की गई सजा
सीहोर। सोमवार को द्वितीय अपर सत्र श्रीमती छाया कौल ने बलात्संग के आरोपी युवक को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई । अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा द्वारा की गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार निकटवर्ती ग्राम भाऊखेड़ी में अगस्त 12 में यह बात प्रकाश में आई कि वहां एक कुंवारी लड़की माँ बन गई है जिसे मृत बच्चा पैदा हुआ, जब परिजनों द्वारा इस लड़की पर से उसके पिता की जानकारी चाही गई तो परिजनों के पैरों से जमीन खिसक गई क्योंकि उसने जिसका नाम बताया था वो तो उसका रिश्ते में मामा लगता था। अभियोजन के अनुसार ग्राम भाऊखेड़ी निवासी 38 वर्षीय जगदीश आत्मज रामबक्श खाती गांव की अन्य समाज की महिला से राखी बंधवाता था इसी कारण उसका उसके घर आना जाना रहता था, एक दिन घर पर बहन नहीं थी केवल बिटिया थी, जिसे जगदीश खाती ने चाय बनाने के लिए कहा पर उसे नहीं मालूम था कि मामा की नीयत उस पर खराब हो चुकी है मामा ने उसके साथ जबरिया दुष्कृत्य किया और इस बात की धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो वो जान से मार देगा इसी बात के भय से बालिका ने किसी को नहीं बताया बालिका के भय को भांपते हुए जगदीश खाती बालिका घर में अकेली मिलती तो जबरिया दुष्कृत्य करता इसी सब के चलते बालिका को गर्भ ठहर गया और राज भी खुल गया, बालिका ने पुलिस को बताया कि जनवरी 12 से यह क्रम लगातार चल रहा है जिस पर प्रकरण कायम किया गया था, सोमवार को तीय अपर सत्र श्रीमती छाया कौल ने बलात्संग के आरोपी युवक जगदीश को कुंवारी कन्या के साथ बलात्संग का दोषी सिद्ध पाते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा द्वारा पैरवी की गई
प्राप्त जानकारी अनुसार निकटवर्ती ग्राम भाऊखेड़ी में अगस्त 12 में यह बात प्रकाश में आई कि वहां एक कुंवारी लड़की माँ बन गई है जिसे मृत बच्चा पैदा हुआ, जब परिजनों द्वारा इस लड़की पर से उसके पिता की जानकारी चाही गई तो परिजनों के पैरों से जमीन खिसक गई क्योंकि उसने जिसका नाम बताया था वो तो उसका रिश्ते में मामा लगता था। अभियोजन के अनुसार ग्राम भाऊखेड़ी निवासी 38 वर्षीय जगदीश आत्मज रामबक्श खाती गांव की अन्य समाज की महिला से राखी बंधवाता था इसी कारण उसका उसके घर आना जाना रहता था, एक दिन घर पर बहन नहीं थी केवल बिटिया थी, जिसे जगदीश खाती ने चाय बनाने के लिए कहा पर उसे नहीं मालूम था कि मामा की नीयत उस पर खराब हो चुकी है मामा ने उसके साथ जबरिया दुष्कृत्य किया और इस बात की धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो वो जान से मार देगा इसी बात के भय से बालिका ने किसी को नहीं बताया बालिका के भय को भांपते हुए जगदीश खाती बालिका घर में अकेली मिलती तो जबरिया दुष्कृत्य करता इसी सब के चलते बालिका को गर्भ ठहर गया और राज भी खुल गया, बालिका ने पुलिस को बताया कि जनवरी 12 से यह क्रम लगातार चल रहा है जिस पर प्रकरण कायम किया गया था, सोमवार को तीय अपर सत्र श्रीमती छाया कौल ने बलात्संग के आरोपी युवक जगदीश को कुंवारी कन्या के साथ बलात्संग का दोषी सिद्ध पाते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अनिल शर्मा द्वारा पैरवी की गई
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