भेडि़ए का आंतक, जागकर गुजारी रात
सीहोर। बुधवार की रात नसरुल्लागंज के ग्राम धौलपुर में एक भेडि़ए ने आंतक का वातावरण निर्मित कर दिया, उसके हमले से तीन लोगों के घायल होने का समाचार है जबकि एक बकरी के मारे जाने तथा एक गाय के घायल होने की भी खबर है।
प्राप्त जानकारी अनुसार नसरुल्लागंज के ग्राम धौलपुर में बुधवार की मध्यरात्रि करीब डेढ़ बजे गांव के ही अनुसूचित जाति के कैलाश के घर में भेडिय़ा घुस आया और कैलाश सहित उसके भाई श्रीराम तथा माता गंगा बाई पर हमला कर दिया, बताया जाता है कि जिस समय यह हमला किया उस समय यह सभी लोग सो रहे थे सबसे पहले भेडि़ए ने 75 वर्षीय गंगा बाई पर हमला किया उन्हें ही सर्वाधिक लहुलुहान कर दिया उनके दोनों हाथों तथा पैरों को नोंच लिया इसके अलावा कैलाश और श्रीराम के हाथ पैर पर काट लिया, इनकी चीख पुकार सुन अन्य गांव वाले भी जाग गए जब तक वे आते तब तक भेडिय़ा एक बकरी को अपना शिकार व एक गाय को भी घायल कर चुका था जिसको लेकर गांव में दहशत का वातावरण बन गया सारी रात ग्रामीण हाथों में लाठिया लेकर आग तापते हुए नजर आए, इन घायलों को एम्बूलेंस की मदद से उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया, ग्रामीणों ने पूरी रात सजग होकर निकाली और सूर्य उदय के बाद ही उनमें जान आई
सीहोर। बुधवार की रात नसरुल्लागंज के ग्राम धौलपुर में एक भेडि़ए ने आंतक का वातावरण निर्मित कर दिया, उसके हमले से तीन लोगों के घायल होने का समाचार है जबकि एक बकरी के मारे जाने तथा एक गाय के घायल होने की भी खबर है।
प्राप्त जानकारी अनुसार नसरुल्लागंज के ग्राम धौलपुर में बुधवार की मध्यरात्रि करीब डेढ़ बजे गांव के ही अनुसूचित जाति के कैलाश के घर में भेडिय़ा घुस आया और कैलाश सहित उसके भाई श्रीराम तथा माता गंगा बाई पर हमला कर दिया, बताया जाता है कि जिस समय यह हमला किया उस समय यह सभी लोग सो रहे थे सबसे पहले भेडि़ए ने 75 वर्षीय गंगा बाई पर हमला किया उन्हें ही सर्वाधिक लहुलुहान कर दिया उनके दोनों हाथों तथा पैरों को नोंच लिया इसके अलावा कैलाश और श्रीराम के हाथ पैर पर काट लिया, इनकी चीख पुकार सुन अन्य गांव वाले भी जाग गए जब तक वे आते तब तक भेडिय़ा एक बकरी को अपना शिकार व एक गाय को भी घायल कर चुका था जिसको लेकर गांव में दहशत का वातावरण बन गया सारी रात ग्रामीण हाथों में लाठिया लेकर आग तापते हुए नजर आए, इन घायलों को एम्बूलेंस की मदद से उपचार हेतु अस्पताल ले जाया गया, ग्रामीणों ने पूरी रात सजग होकर निकाली और सूर्य उदय के बाद ही उनमें जान आई
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