अभी भी भोपाल पर निर्भरतासीहोर। ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों को स्टेशन पर सुविधा प्राप्त होने के बाद भी राजधानी पर निर्भर होना पड़ रहा है। जिसके कारण न केवल लोगों का समय खराब हो रहा है बल्कि उनको आर्थिक रुप से भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस समय शादी का सीजन प्रारंभ हो चुका है जिसका असर चारो तरफ नजर आने लगा है, मई और जून माह में शादियों की अधिकता के कारण बाजार में रौनक ओर भी बढ़ेगी, शादियों की अधिकता का असर सबसे अधिक प्रभाव ट्रेन रिर्जेवेशन कांउटर पर नजर आ रहा है। अभी से विभिन्न ट्रेनों की रिर्जेवेशन मिलना मुश्किल कार्य हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर अन्य दिनों की तुलना में रिर्जेवेशन कांउटर पर काफी भीड़ नजर आ रही है, रिर्जेवेशन कराने के लिए अधिकृत समय कम होने के कारण लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीहोर में दोपहर में तीन बजे तक ही रिर्जेवेशन हो पाते है पहले यह समय दोपहर दो बजे तक ही था जिसे बढ़ाकर तीन बजे तक किया गया जबकि अन्य शहरों में यह समय रात आठ बजे और रात दस बजे तक का है, ऐसे में सीहोर में रिर्जेवेशन कराने के लिए केवल आधा दिन होने के कारण अभी भी भोपाल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। दोपहर तीन बजे तक तो फिर भी रिर्जेवेशन हो जाते है पर उसके बाद यदि उसे कैंसिल करवाना होते है तो यात्रियों को भोपाल ही जाना पड़ता है जिससे कारण उन्हें आर्थिक रुप से नुकसान उठाना पड़ता है, लोगों का कहना है कि सीजन के समय तो विभाग को रिर्जेवेशन कांउटर का समय बढ़ाकर कम से कम रात आठ बजे किया जाना चाहिए।
इस समय शादी का सीजन प्रारंभ हो चुका है जिसका असर चारो तरफ नजर आने लगा है, मई और जून माह में शादियों की अधिकता के कारण बाजार में रौनक ओर भी बढ़ेगी, शादियों की अधिकता का असर सबसे अधिक प्रभाव ट्रेन रिर्जेवेशन कांउटर पर नजर आ रहा है। अभी से विभिन्न ट्रेनों की रिर्जेवेशन मिलना मुश्किल कार्य हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर अन्य दिनों की तुलना में रिर्जेवेशन कांउटर पर काफी भीड़ नजर आ रही है, रिर्जेवेशन कराने के लिए अधिकृत समय कम होने के कारण लोगों का काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीहोर में दोपहर में तीन बजे तक ही रिर्जेवेशन हो पाते है पहले यह समय दोपहर दो बजे तक ही था जिसे बढ़ाकर तीन बजे तक किया गया जबकि अन्य शहरों में यह समय रात आठ बजे और रात दस बजे तक का है, ऐसे में सीहोर में रिर्जेवेशन कराने के लिए केवल आधा दिन होने के कारण अभी भी भोपाल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। दोपहर तीन बजे तक तो फिर भी रिर्जेवेशन हो जाते है पर उसके बाद यदि उसे कैंसिल करवाना होते है तो यात्रियों को भोपाल ही जाना पड़ता है जिससे कारण उन्हें आर्थिक रुप से नुकसान उठाना पड़ता है, लोगों का कहना है कि सीजन के समय तो विभाग को रिर्जेवेशन कांउटर का समय बढ़ाकर कम से कम रात आठ बजे किया जाना चाहिए।
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