सीहोर के इतिहास में पहला फैसला
सीहोर। कुल्हाड़ी से अपनी पांच बेटियों की निर्ममता पूर्वक हत्या करने वाले पिता को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश ने आज दोपहर में फांसी की सजा सुनाई है। सीहोर जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी मुलजिम को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस फैसले का सुनने के लिए बड़ी संख्या में अभिभाषकगण भी सत्र न्यायालय में उपस्थित थे। अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक ओमप्रकाश मिश्रा द्वारा की गई। अभियोजन के अनुसार निकटवर्ती तहसील मुख्यालय इछावर के समीपस्थ ग्राम कनेरिया निवासी मगन लाल आत्मज मांगीलाल बारेला ने 11 जून 2010 की शाम को अपने घर के ही कमरे में दरवाजा बंद कर कसाई की भांति अपनी एक साल की बेटी जमना, तीन साल की बेटी लीला, चार वर्षीय आरता, पांच वर्षीय सविता तथा छह वर्षीय फूलकुंवर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। यह सनसनी खेज घटनाक्रम पूरे प्रदेश में चर्चाओं में रहा था। घटना केे तुरंत बाद ही आरोपी मगनलाल ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने का भी प्रयास किया था पर उसे बचा लिया गया था। इछावर पुलिस ने अपराध क्रमांक 216/ 10 के अन्र्तगत आरोपी मगनलाल पर हत्या करने पर भादवि की धारा 302 तथा आत्महत्या करने के प्रयास पर भादवि की धारा 309 केे अंर्तगत प्रकरण दर्ज किया था। जिला सत्र न्यायालय में गुरुवार की दोपहर में सत्र न्यायाधीश श्री वेदप्रकाश ने अपने 43 पृष्ठीय निर्णय में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। इस पूरे मामले में अभियोजन की ओर दस लोगों के साक्ष्य कराए गए। आरोपी की दो पत्नी है जिसमें से बसंती बाई की तीन पुत्री एक साल की बेटी जमना, तीन साल की बेटी लीला, चार वर्षीय आरता तथा संतो बाई की दो बेटी पांच वर्षीय सविता तथा छह वर्षीय फूलकुंवर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। यह पहला अवसर है कि जब सीहोर में किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक ओम प्रकाश मिश्रा द्वारा पैरवी की गई।
सीहोर। कुल्हाड़ी से अपनी पांच बेटियों की निर्ममता पूर्वक हत्या करने वाले पिता को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश ने आज दोपहर में फांसी की सजा सुनाई है। सीहोर जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी मुलजिम को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस फैसले का सुनने के लिए बड़ी संख्या में अभिभाषकगण भी सत्र न्यायालय में उपस्थित थे। अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक ओमप्रकाश मिश्रा द्वारा की गई। अभियोजन के अनुसार निकटवर्ती तहसील मुख्यालय इछावर के समीपस्थ ग्राम कनेरिया निवासी मगन लाल आत्मज मांगीलाल बारेला ने 11 जून 2010 की शाम को अपने घर के ही कमरे में दरवाजा बंद कर कसाई की भांति अपनी एक साल की बेटी जमना, तीन साल की बेटी लीला, चार वर्षीय आरता, पांच वर्षीय सविता तथा छह वर्षीय फूलकुंवर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। यह सनसनी खेज घटनाक्रम पूरे प्रदेश में चर्चाओं में रहा था। घटना केे तुरंत बाद ही आरोपी मगनलाल ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने का भी प्रयास किया था पर उसे बचा लिया गया था। इछावर पुलिस ने अपराध क्रमांक 216/ 10 के अन्र्तगत आरोपी मगनलाल पर हत्या करने पर भादवि की धारा 302 तथा आत्महत्या करने के प्रयास पर भादवि की धारा 309 केे अंर्तगत प्रकरण दर्ज किया था। जिला सत्र न्यायालय में गुरुवार की दोपहर में सत्र न्यायाधीश श्री वेदप्रकाश ने अपने 43 पृष्ठीय निर्णय में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। इस पूरे मामले में अभियोजन की ओर दस लोगों के साक्ष्य कराए गए। आरोपी की दो पत्नी है जिसमें से बसंती बाई की तीन पुत्री एक साल की बेटी जमना, तीन साल की बेटी लीला, चार वर्षीय आरता तथा संतो बाई की दो बेटी पांच वर्षीय सविता तथा छह वर्षीय फूलकुंवर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। यह पहला अवसर है कि जब सीहोर में किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक ओम प्रकाश मिश्रा द्वारा पैरवी की गई।
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