कुदरत का नियम अटल है-स्वामी रामकमल दास वेदांती महाराज
सीहोर। मानव में धर्म, मानवता और चरित्र का पतन हो गया है। जब धर्म, मानवता और चरित्र गिर जाते हैं तो कुदरत अपनी ओर से कुछ करती है और विनाश की प्रक्रिया कर फिर से धर्म की स्थापना करती है, मानवता का उत्थान करती है और गिरे हुऐ चरित्र को उठाकर समाज में सामंजस्य की स्थापना करती है। कुदरत का नियम अटल है। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति के तत्वाधान में मानस सम्मेलन संगीतमयी श्री रामकथा के दौरान परम पूज्य स्वामी रामकमल दास वेदांती महाराज ने कही। ग्राम बरखेड़ा हसन गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बना हुआ है। यहां पर पिछले तीस सालों के अजीम भाई टेलर द्वारा भगवान श्रीराम और रामलीला आदि के वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां पर धार्मिक कार्यक्रमों झंडी व स्वागत द्वारा भी मुस्लिम भाइयों द्वारा बनाए जाते है। इन दिनों ग्राम बरखेड़ा हसन हिन्दू-मुस्लिम भाई मिलकर धर्ममय हो गए है। इन दिनों अजीम भाई, इरफान मौलाना, लतीफा खं, सत्तार शाह मिलकर धार्मिक कार्यक्रम मेें हिस्सा ले रहे है। संगीतमय श्री राम कथा के दौरान सोमवार को होने राजा जनक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राजा जनक दो प्रकार का जीवन जीते है। जब राजा रहते है तो प्रजा के पालन हार होते है। जब गद्दी से उतरते है तो योगी की भांति हो जाते है। स्वामी जी ने कहा कि जन्म जिसका होता है उसको तो मरना है। जन्म होना, बीमार होना और मर जाना, यह शरीर के साथ लगा है। तुम इसे जानने वाले हो। तुम सत् बनोगे नहीं अभी हो, तुम चेतन बनोगे नहीं अभी हो, आनन्दस्वरूप तुम अभी हो, तुम चेतन बनोगे नहीं अभी हो। प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने दोषों को दूर करने में लग जाए तो आज ही इस धरती पर राम राज्य पैदा हो सकता है। इंसान से शैतान बनने के लिए कुसंग की आवश्यकता है और इंसान से भगवान बनने के लिए सत्संग की आवश्यकता है। कुसंग में बिना कुछ किए आदमी इंसान से शैतान बन जाता है। सत्संग में बिना कुछ किए आदमी इंसान से भगवान बन जाता है। करना दोनोंं में कुछ नहीं है, लेकिन देानों के परिणामों में बड़ा अन्तर है, कुसंग में आदमी का बिना कुछ ही सब कुछ का पतन हो जाता है, और सत्संग मेंं बिना कुछ किए ही आदमी का उत्थान हो जाता है, अब स्वयं इंसान को विचार करना चाहिए कि वह क्या करें। सबसे अच्छा यही है कि अच्छा संग करो, सत्संग करो। आनन्दस्वरूप तुम अभी हो, बाद में होओगे नहीं। उस परम सत्य में जग जाओ, बस। रविवार को जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और भाजपा नेता रमांकात भार्गव, राजेन्द्र राजपूत, आजाद राजपूत, महेश उपाध्याय आदि ने संगीतमय श्रीराम कथा का आनंद लिया।
सीहोर। मानव में धर्म, मानवता और चरित्र का पतन हो गया है। जब धर्म, मानवता और चरित्र गिर जाते हैं तो कुदरत अपनी ओर से कुछ करती है और विनाश की प्रक्रिया कर फिर से धर्म की स्थापना करती है, मानवता का उत्थान करती है और गिरे हुऐ चरित्र को उठाकर समाज में सामंजस्य की स्थापना करती है। कुदरत का नियम अटल है। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति के तत्वाधान में मानस सम्मेलन संगीतमयी श्री रामकथा के दौरान परम पूज्य स्वामी रामकमल दास वेदांती महाराज ने कही। ग्राम बरखेड़ा हसन गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बना हुआ है। यहां पर पिछले तीस सालों के अजीम भाई टेलर द्वारा भगवान श्रीराम और रामलीला आदि के वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां पर धार्मिक कार्यक्रमों झंडी व स्वागत द्वारा भी मुस्लिम भाइयों द्वारा बनाए जाते है। इन दिनों ग्राम बरखेड़ा हसन हिन्दू-मुस्लिम भाई मिलकर धर्ममय हो गए है। इन दिनों अजीम भाई, इरफान मौलाना, लतीफा खं, सत्तार शाह मिलकर धार्मिक कार्यक्रम मेें हिस्सा ले रहे है। संगीतमय श्री राम कथा के दौरान सोमवार को होने राजा जनक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राजा जनक दो प्रकार का जीवन जीते है। जब राजा रहते है तो प्रजा के पालन हार होते है। जब गद्दी से उतरते है तो योगी की भांति हो जाते है। स्वामी जी ने कहा कि जन्म जिसका होता है उसको तो मरना है। जन्म होना, बीमार होना और मर जाना, यह शरीर के साथ लगा है। तुम इसे जानने वाले हो। तुम सत् बनोगे नहीं अभी हो, तुम चेतन बनोगे नहीं अभी हो, आनन्दस्वरूप तुम अभी हो, तुम चेतन बनोगे नहीं अभी हो। प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने दोषों को दूर करने में लग जाए तो आज ही इस धरती पर राम राज्य पैदा हो सकता है। इंसान से शैतान बनने के लिए कुसंग की आवश्यकता है और इंसान से भगवान बनने के लिए सत्संग की आवश्यकता है। कुसंग में बिना कुछ किए आदमी इंसान से शैतान बन जाता है। सत्संग में बिना कुछ किए आदमी इंसान से भगवान बन जाता है। करना दोनोंं में कुछ नहीं है, लेकिन देानों के परिणामों में बड़ा अन्तर है, कुसंग में आदमी का बिना कुछ ही सब कुछ का पतन हो जाता है, और सत्संग मेंं बिना कुछ किए ही आदमी का उत्थान हो जाता है, अब स्वयं इंसान को विचार करना चाहिए कि वह क्या करें। सबसे अच्छा यही है कि अच्छा संग करो, सत्संग करो। आनन्दस्वरूप तुम अभी हो, बाद में होओगे नहीं। उस परम सत्य में जग जाओ, बस। रविवार को जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और भाजपा नेता रमांकात भार्गव, राजेन्द्र राजपूत, आजाद राजपूत, महेश उपाध्याय आदि ने संगीतमय श्रीराम कथा का आनंद लिया।
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