सीहोर। राजधानी भोपाल के सबसे पास का जिला सीहोर है, इसके बाद भी यहां दलितों की स्थिति चिंताजनक है, हमने सर्वे करवाया है, उसमें जो आंकड़े और जानकारियां सामने आई है, उससे सरकार को अवगत कराया जाएगा। पूरे जिले में युवाओं की टीम बनाकर उसे सक्रिय किया गया है। सभी तरफ से सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, जिससे उ मीद है कि हमारा अभियान अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा और दलितों की स्थिति सुधरेगी।
उक्त बातें जिला मु यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में दलित सोलिडेरिटी पीपुल्स के जनरल सैकेट्री डा. प्रमोद कुमार ने कही। डा. कुमार ने बताया कि देश की आजादी के बाद से दलितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं बनी, वहीं अनेक दलित बड़े-बड़े पदों पर भी पहुंचे, उसे दलितों का उत्थान नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान जानकारी मिल रही है कि दलितों के नाम जो योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उसका लाभ पात्र हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। अनेक योजनाओं के बारे में तो निचले तबके लोग जानते तक नहीं है। ऐसे में दलितों की स्थिति स्वाभाविक रूप से चिंताजनक हो रही है। सरकार अपने स्तर पर प्रयास करती है, लेकिन कई बार देखा जाता है कि कागजी आंकड़े योजनाओं की सफलता का बयान करते हैं, कोई भी योजना दलितों की हितैषी और ईमानदारी से सफल तब ही हो पाएगी जब हर स्तर पर दलितों को योजना का लाभ मिले। उन्हें ज्यादा से ज्यादा शिक्षित होने के प्रयास होने चाहिए, हमने अपने संगठन के माध्यम से युवाओं के दो दल बनाए हैं जो पूरे जिले में पांच पांच सौ घरों में पहुंचकर सर्वे कर रहे हंै। इस सर्वे के माध्यम से जो प्रारंभिक जानकारी सामने आ रही है, वो काफी चौंकने वाली है, हमने निश्चत किया है कि सरकार को जमीनी हकीकत से अवगत कराया जाएगा।
उक्त बातें जिला मु यालय पर आयोजित एक कार्यक्रम में दलित सोलिडेरिटी पीपुल्स के जनरल सैकेट्री डा. प्रमोद कुमार ने कही। डा. कुमार ने बताया कि देश की आजादी के बाद से दलितों के उत्थान के लिए कई योजनाएं बनी, वहीं अनेक दलित बड़े-बड़े पदों पर भी पहुंचे, उसे दलितों का उत्थान नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान जानकारी मिल रही है कि दलितों के नाम जो योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उसका लाभ पात्र हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। अनेक योजनाओं के बारे में तो निचले तबके लोग जानते तक नहीं है। ऐसे में दलितों की स्थिति स्वाभाविक रूप से चिंताजनक हो रही है। सरकार अपने स्तर पर प्रयास करती है, लेकिन कई बार देखा जाता है कि कागजी आंकड़े योजनाओं की सफलता का बयान करते हैं, कोई भी योजना दलितों की हितैषी और ईमानदारी से सफल तब ही हो पाएगी जब हर स्तर पर दलितों को योजना का लाभ मिले। उन्हें ज्यादा से ज्यादा शिक्षित होने के प्रयास होने चाहिए, हमने अपने संगठन के माध्यम से युवाओं के दो दल बनाए हैं जो पूरे जिले में पांच पांच सौ घरों में पहुंचकर सर्वे कर रहे हंै। इस सर्वे के माध्यम से जो प्रारंभिक जानकारी सामने आ रही है, वो काफी चौंकने वाली है, हमने निश्चत किया है कि सरकार को जमीनी हकीकत से अवगत कराया जाएगा।
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