सीहोर नगर के विद्वान कथावाचक और समाजसेवी पंडित मथुराप्रसाद शास्त्री का शनिवार प्रात: 5 बजे निधन हो गया। 82 वर्षीय शास्त्री जी कुछ दिनों से अस्वस्थ्य चल रहे थे। वे अपने पीछे तीन पुत्र एक पुत्री सहित भरापरा परिवार छोड़ गए हैं। छावनी विश्रामघाट पर उनके ज्येष्ठ पुत्र विश्वनाथ शास्त्री ने उन्हें मुखाग्रि दी। उनकी शवयात्रा में परिजनों सहित बड़ी सं या में नागरिकों ने उपस्थित होकर मृतात्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। सर्वब्राह्मण समाज के अध्यक्ष प्रकाश व्यास की अध्यक्षता में सर्व ब्राह्मण समाज ने भी उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। श्मशान घाट पर पं. प्रदीप मिश्रा भागवताचार्य ने कहा कि आज नगर को अपूर्णीय क्षति हुई है। नगर के सर्वश्रेष्ठ कथावाचक और कर्मकाण्डी विद्वान अब हमारे बीच नहीं रहे। ईश्वर उनके परिजनों को इस अपार दुख को वहन करने की शक्ति दे। पं. मथुराप्रसाद जी के परम शिष्य पं. अभिषेक भारद्वाज ने कहा कि आज नगर का ज्ञान रूपी सूर्य हमेशा के लिए अस्त हो गया है। उन्होंने समाज के उत्थान के लिए नि:स्थार्थअपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया है। ऐसे सिद्ध पुरूष के लिए हम ईश्वर से कामना करते हैं कि वह उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे।
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