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Monday, May 16, 2011

इधर मुख्यमंत्री गए उधर डम्फर भी चला गया

सीहोर। पिछले पन्द्रह सालों से उपेक्षित पड़ी सड़क को बनाने का कार्य होली के पहले जब प्रारंभ होने लगा तो लोगों के चेहरों पर खुशियों का वातावरण देखा गया पर उन्हें इस बात की भी उम्मीद नहीं थी कि यह सड़क खुशियां कम परेशानियां अधिक प्रदान करेगी। धीरे-धीरे करके सड़क का कार्य छूटे हुए करीब दो माह का ही समय होने का आया है। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री आभार प्रदर्शन करने के लिए सीहोर पधारे तो अचानक लोगों के चेहरों पर फिर से खुशियों की चमक दिखाई देने लगी और ठेकेदार द्वारा अचानक डम्फर पर डम्फर कार्य करने के लिए जुटा दिए गए जिससे लोगोंं का लगा कि अब कार्य निपट जाएगा। पहले तो मुख्यमंत्री का इस रोड से निकलना ही तय नहीं था पर जैसे ही उनका इस रोड से आना तय हुआ कार्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर कर दिया गया उनके आने का इतना फायदा हुआ कि पूरे रास्ते में दोनों तरफ मार्ग चौड़ा करने के लिए जो नालियां खोद दी गई थी वो न केवल दुकानदारों के लिए बल्कि यहां से निकलने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी उसे ताबड़तोड़ में भरवा दिया गया जिस प्रकार से मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना को लेकर कार्य की गति प्रारंभ हुई थी उससे यही लग रहा था कि इस बार कार्य पूरा होकर स्थायी राहत मिलेगी पर ऐसा हुआ नहीं इधर मुख्यमंत्री का राजधानी की ओर प्रस्थान हुआ नहीं कि उधर ठेकेदार द्वारा अपने डम्फर तुरंत ही दूसरी साइड पर भेज दिए गए जिससे जो उम्मीद बंधी थी वो टूटकर रह गई लोगों में एक बार फिर निराशा के भाव देखे जा रहे है अभी यह कोई बताने वाला नहीं है कि सड़क का निर्माण कब तक और किस प्रकार से पुन: प्रारंभ होगा। जिस प्रकार से कार्य की गति चल रही है उससे लोगों के माथे पर इस बात की भी चिंता की लकीरे देखी जा रही है कि यदि बरसात के पहले सड़क का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो बारिश से उत्पन्न होने वाली मुसीबतों से भी निपटना आसान नहीं होगा।
सीवन अभियान फिर फिस्सजिस प्रकार से सीवन नदी की सफाई को लेकर एक बार फिर चिंता प्रकट की जाकर श्रेय लेना का प्रयास प्रारंभ किया गया था उससे लगने लगा था कि इस बार कार्य काफी अच्छा चलने की संभावना थी पर जैसा कि हर बार होता आया है कि श्रेय लेने के चक्कर में ही सीवन को कभी जीवन नहीं मिला है श्रेय लेने वाले लोगों द्वारा अपना अभियान केवल फोटो खींचने और वाही वाही लेने तक ही सीमित रहता है यही कारण है कि सीवन को जीवन मिलने के पहले ही उसके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगता है इस बार जिस प्रकार से प्रयास किए गए थे उससे लगता नहीं था कि सीवन का कार्य गति नहीं पकड़ पाएगा पर हुआ वही जो हर बार होता है। खैर जिन्होंने भी सीवन को जीवन देने का संकल्प लिया है और दिलवाया है उनके पास अभी भी आधी मई और आधा जून पड़ा है वो इस दौरान वाकई कार्य कर और करवाकर  अपनी वजनदारी को साबित कर सकते है ताकि बारिश के दौरान तो नदी लबालब बनी रहे ताकि लोगों को कुछ राहत मिले, बरहाल देखना यह है कि यह सीवन का अभियान प्रचार प्रसार से दूर रहकर कुछ गति भी पकड़ पाता है या फिर अगले साल एक बार फिर श्रेय लेने के अभियान का इंतजार किया जाएगा। 
कार्रवाई की रस्म अदायगी पूरा शहर पीने के पानी की समस्या से जूझता हुआ नजर आ रहा है ऐसे में मकान निर्माण के कार्य लोगों को हैरान परेशान किए हुए है, लगातार जब मीडिया द्वारा ध्यान आकृष्ट कराया गया तो कुछ लोगों के यहां पर कार्रवाई कर उन लोगों के मकान पर जप्ती की कार्रवाई की गई उसे मात्र रस्म अदायगी माना जाए तो शायद अतिश्योक्तिपूर्ण ही माना जाएगा क्योंकि जहां जहां पर भी यह कार्रवाई की गई उसके आसपास भी मकान बनने का सिलसिला बिना किसी रोकटोक के चलता रहा कई मकानों पर तो बड़ी बड़ी छत भी डलती रही और अभी भी बिना किसी रुकावट के वहां पर कार्य चल ही रहा है ऐसे में उन लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा है जिन्होंने अपने मकान का कार्य जनहित को देखकर स्वयं ही बंद कर दिया है। ऐसे में अपने मकान के आसपास मकान बनते देख इन लोगों को हैरान परेशान होना स्वभाविक ही है। लोगों का कहना है कि इस दिशा में सक्रियता के साथ कदम उठाए जाने की जरुरत है ताकि जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उन्हें तो कम से कम से इस बात की शिकायत नहीं हो कि जो कार्रवाई की गई है वो पक्षपात पूर्ण रही है। देखना यह है कि आने वाले दिनों में किस प्रकार से कदम उठाए जाते है या फिर सब कुछ यूं ही चलते रहने दिया जाएगा।
एक बार फिर साबित किया भाजपा विधायक रमेश सक्सेना ने सीहोर जिले के सहकारी क्षेत्र में एक बार फिर अपनी दमदारी साबित करते हुए साफ कर दिया है कि सहकारी क्षेत्र में किसी भी दल के पास उनका कोई विकल्प नहीं है जो उनका मुकाबला कर सके। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक अध्यक्ष पद पर विधायक रमेश सक्सेना की धर्मपत्नी श्रीमती उषा सक्सेना की नियुक्ति के बाद उनके समर्थकों के चेहरों पर खुशियां देखी गई। जिला सहकारी बैंक के प्रारंभ से ही विधायक रमेश सक्सेना का दबादबा कायम बना हुआ है।
पानी के लिए मशक्कत जैसे गर्मी अपने शबाव पर आती दिखाई दे रही है वैसे वैसे लोगों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि नपा द्वारा अपने स्तर पर प्रयास किए जा रहे है और वार्ड में भी पानी भिजवाने का कार्य टैंकरों के माध्यम से किया जा रहा है पर यह टैंकर पर्याप्त साबित नहीं हो रहे है लोगों को अभी भी पीने के पानी का इंतजाम करने के लिए भटकना पड़ रहा है। आने वाले दिन भी गर्मी के लिहाज से काफी कष्टदायक रहेंगे ऐसे में व्यवस्थाओं पर सभी की निगाह रहेगी।

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