यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Monday, February 28, 2011

बैंड बाजे के साथ निकाली जागरूकता रैली


 मुस्लिमों  ने भी दी आपरेशन की स्वीकृति
 सीहोर -  ग्राम दौराहा  में ग्राम पंचायत  द्वारा  बैंड  बाजे  के साथ  जन जागरूकता  रैली  निकाली  गई ।  रैली निकालने काम मुख्य उद्देश्य लोगों   को नसबंदी  कराने के लिए प्रेरित करना था ।  रैली दोपहर 11 बजे ग्राम पंचायत कार्यालय  से शुरू  हुई  जो कस्बे  के मुख्य मार्गो  से होकर पंचायत कार्यालय प्रांगण  में समाप्त हुई पंचायत प्रांगण  में उपस्थित  जनसमुदाय को तहसीलदार शिल्पी दिवाकर, स्वास्थ  अधिकारी रश्मि  पटेल सरंपच  शहाना कलीम पठान ,पंच कलीम पठान  पंच पुरूषोत्तम  जोशी और भागंचद गंधर्व ने संबोधित किया । इस अवसर पर अनेक लोगो  ने नंसबंदी कराने की स्वीकृति दी ।  सरंपच शहाना कालीम  पठान ने बताया कि दोराहा  उपस्वास्थय केंद्र को 300 आपरेशन  का लक्ष्य  दिया गया है . और हम इमें पूरा करेगे । 
  डा. रश्मि  पटेल  ने ग्रामीणों  को बताया कि इस आपरेशन  से डरने  की जरूरत नहीं है यह बहुत  साधारण प्रक्रिया है इसमें किसी  भी प्रकार का खतरा नही हेै ।  आपरेशन के मात्र 1 घंटे के बाद ही पुरूष कोई भी काम कर सकते है  महिलाओं  को इस के बाद थोड़ा  समय तक आराम करना पड़ता है ।
 तहसीलदार  शिल्पी  दिवाकर ने बताया कि यदि आप अपने बच्चों का भविष्य अच्छा बनाना चाहते  हे तो दो बच्चों  के बादा आपरेशन करना जरूरी  है । बच्चे कम होगे  तो आप उनकी अच्छी देख भाल  कर सकते हे ओर उन्हें  उच्च पद पर पहुंचा सकते  है ।   शहना कलीम  पठान ने उपस्थित जनसमुदाय  को बताया कि  आपरेशन  से डर नही अपने बच्चें  का भविष्य बनाए दो बच्चों  के बाद आपेरशन कराए इसमें  कस्बे  का विकास होगा और आपका छोटा परिवार  होगा तो सुख समृद्धि भी होगी ।  आपरेशन  कराने में पुरूष  को 11 सौ और  महिला  को 600 रूपए   तथा  पुरूष  को   पेंट शर्ट  का कपड़ा और महिलाओं  को साड़ी शासन  द्वारा  दीजा रही है ।  शासन द्वारा आपके हित में चलाई  जा रही इस योजना का लाभ उठाऐ  ।
 इसीक्रम  में दौराहा के पूर्व संरपच और वर्तमान  पंच कलीम  पठान ने कहा कि मुस्लिम  धर्म  में नसंबदी  कराना अनुचित नही है  जब मुस्लिम  धर्म  बना उस समय  नसंबदी  क्या होती है कोई जानता ही  नहीं था ।  नंसबदी  कराने में शरीर  का कोई अंग कम नही होता है और नसबंदी कराने वाला व्यक्ति  चाहे वह स्त्री  हो या पुरूष  उसे नमाज  पढऩे का पूर्ण  अधिकर है ।  आज इन सब बातों से ऊपर उठकर हमें सबसे पहले अपने परिवार की खुशहाली के विषय में सोचना चाहिए ।  उदबोधन से प्रेरित होकर  कस्बा वासियों  में से कुछ लोगो ने आपरेशन  की स्वीकृति  दी । अवसर पर तहसीलदार रश्मि दिवाकर ने इनका पुष्यहारों से स्वागत  किया । इनके नाम है   रईस पठान  (पंच पति ) पुरुषोत्तम जोशी  पंचायत सदस्य नरेश प्रेम मीनू बाई/ प्रेम नारायण , अनिता / राधेश्याम  हसीब खां  , कलाबाई / दौलतसिहं  रामबाबू , सविया / नवाब , राबिया / गुडू पीर खा , मनु / प्रेम नारायण  आदि  ने सरपंच द्वारा  आयोजित  कार्यक्रम पर आपरेशन की स्वीकृृति  दी । इस अवसर पर स्वंय सरंपच पति और पंच कलीम पठान ने भी  दो बच्चों के बादआपरेशन कराने कीघोषा की ।

राम नाम लिखे पत्थर भी पानी में तैर जाते है-श्री छोटे मुरारी बापू

सीहोर। राम नाम लिखे पत्थर भी पानी में तैर गए और राम के चरणों के स्पर्श से अहिल्या का उद्धार हुआ, इसलिए जीव को राम नाम की महिमा को जानकर उनका स्मरण करना चाहिए। उक्त उद्गार सिंधी कालोनी ग्राउंड में जारी दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा और मानस प्रवचन के दौर सातवें दिन पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि श्रीराम कथा सुनने से जीव को भक्ति मिलती है और भक्ति से ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। भगवान को प्राप्त करने के लिए अभिमान का त्याग आवश्यक है।
रविवार को आरण्य कांड की कथा में बताया कि आरण्य का अर्थ है जंगल। इस जंगल में राम, सीता लक्ष्मण पूर्ण आनंद में रहते है। जंगल में मंगल तब होता है। जब सारे सदस्य एक चित्त होकर रहे। चाहे वह जंगल ही क्यों न हो। इसी दौरान लक्ष्मण ने भगवान श्रीराम से कहा कि प्रभु आज मैं आपसे कुछ प्रश्न कर रहा हूं। कृपा कर आप अपना दास समझकर मेरे मन में उठने वाले प्रश्नों का समाधान करे। ज्ञान किसे कहते है? भक्ति और माया किसे कहते है? वैराग्य क्या है? इस अवसर पर लक्ष्मण की जिज्ञासा का समाधान करते हुए भगवान श्रीराम ने कहा कि यह मेरा है, यह तेरा है। इसी का नाम माया है। पूरे संसार के प्राणी मात्र में प्रभु के रूप को देखते हुए प्यार करे। इसी को ज्ञान कहते है। कोई वस्तु हाथ से छूट जाए, उसका नाम है त्याग और कोई वस्तु हृदय से दूर हो जाए, उसका नाम है वैराग्य। प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण की अनेक जिज्ञासाओं को शांत किया।
रविवार को कथा के दौरान पूज्य बापू जी ने शबरी प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि शबरी के गुरू ने शबरी को कहा था की शबरी मैं तुझे आशीर्वाद देता हूं कि कि बेटी तुझे इसी कुटिया में प्रभु श्रीराम के दर्शन होगे। शबरी ने अपने गुरू के वचनों पर विश्वास रखकर इंतजार किया और नि:स्वार्थ रूप से भक्ति में जुट गई। उसका परिणाम यह हुआ कि भगवान श्रीराम प्रभु को शबरी के पास दर्शन देने आना पड़ा।
पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि विश्वास और श्रद्धा से भगवान के दर्शन होते है। इसके लिए भगवान के भक्त में विश्वास जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे पांच फीट का गड्ढा दस जगह खोदने से अच्छा है कि एक ही जगह पचास फीट का गड्ढा खोद दिया जाए। इससे पानी अवश्य प्राप्त होगा। एक जगह ध्यान केन्द्रित करने से कार्य में सफलता मिलती है। सोमवार को सुंदर कांड के बारे में कथा के आठवें दिन भक्त हनुमान जी के बारे में वर्णन किया जाएगा।

Saturday, February 26, 2011

दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा में विवाहोत्सव मनाया गया

सीहोर। जनक दुलारी सीता के स्वयंवर में भगवान राम द्वारा शिव धनुष का भंजन करना ऋषि परशुराम को क्रोध अग्नि में उस समय धधका गया जब भगवान राम के अनुज लक्ष्मण ने ऋषि का उपहास उड़ाते कह दिया बहु धनु ही तोड़ी लरकाई, कबहु न अस रिसि कीन्ह गोसाई। यहीं से परशुराम-लक्ष्मण के मध्य जबर्दस्त संवाद शुरू हो गया। उसके बाद भगवान श्रीराम ने धनुष को तोड़कर शुक्रवार को सिंधी कालोनी ग्राउंड पर चल रही दिव्य संगीतमय दिव्य श्रीराम कथा और मानस प्रवचन के पांचवें दिन भगवान श्रीराम और सीता का पूर्ण विधि-विधान से विवाह हुआ। इस अवसर पर पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने मंच पर जयमाला का आयोजन कराया। इसके बाद कन्या का दान हुआ और भगवान श्रीराम की बारात निकाली गई। पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि दुनिया में कोई भी ऐसा बाप नही है जो अपनी पुत्री के विवाह में नही रोता है। महाराज दशरथ अपनी बेटी की विदाई में बच्चों की तरह फूट-फूट कर रोने लगे। उसके बाद पूर्ण संस्कारों और वैदिक विधि से भगवान श्रीराम और उनकी बेटी का विवाह किया और विदाई दी। संत श्री ने दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवें दिन कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र आज भी मानव मात्र के लिए अत्यंत आदर्श से परिपूर्ण हैं। लाखों साल के बाद भी मौलिक एवं प्रासंगिक है। प्रभु श्रीराम का स्वभाव रावण जैसे शत्रु को भी अच्छा लगता है, वह भी मुक्त कंठ से उनकी भगवान श्रीराम की प्रशंसा करता है। उन्होंने आगे कहा कि ाीराम के जाप से मनुष्य सुखमय जीवन का आनंद प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि खुशी के लिए मनुष्य निरंतर प्रयत्नशील रहता है। यही कारण है कि वह भटकाव में रहता है जिससे प्रसन्न नहीं रह पाता। जबकि, सच्चाई यह है कि खुशी मनुष्य के अंदर होती है। हंसराज ने कहा कि यदि मनुष्य सुबह और शाम सच्चे मन से श्रीराम का नाम जपे तो उसे शांति के साथ सुख की प्राप्ति होगी। शुक्रवार को राम की महिमा पर प्रकाश डाला यदि मनुष्य राम नाम का जाप करे तो वह हमेशा सुखी रहेगा। जैसे ही उन्होंने आते भी राम बोलो जाते भी राम, सुबह व शाम बोलो राम राम राम भजन पेश किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सिंधी कालोनी परिसर में श्रद्धालु शामिल थे। महाआरती के बाद प्रसादी का वितरण किया। मंच पर भगवान श्रीराम और सीता का रूप धारण कर दो छोटे-छोटे बच्चे आकर्षित लग रहे थे। पूरा माहौल राम मय हो गया था।

Friday, February 25, 2011

पतांजलि योग की बैठक
जिला जेल में जनगणना
ब्राइट सोशल सोसायटसी में मानसिक विकलांग बच्‍चों की जनगणना

प्रभु के नाम में प्रभाव है-संत मुरारी बापू

सीहोर। नौ दिवसीय संगीतमय दिव्य श्रीराम कथा के चौथे दिन पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने भगवान श्रीराम के नामकरण संस्कार के अवसर पर कथा प्रसंग में बताया कि महाराज दशरथ जी अपने बालकों के नाम संस्कार पर गुरु वशिष्ठï जी को बुलाया। महाराज स्वयं नाम रख सकते थे। वह बड़े ज्ञानी थे। लेकिन हम मानवों को मानों बताया कि नाम में बहुत प्रभाव है। पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कथा को आगे बढ़ते हुए कहा कि आप जब भी अपने बालक का नामकरण करो तो किसी संत किसी ज्ञानी पुरुष के द्वारा नाम संस्कार करना, क्योंकि संत अथवा ज्ञानी यदि आपके बालक का नाम रखेगा तो वह नाम प्रभु से संबंधित होगा। उसका नाम धार्मिक होगा। प्रभु नाम की महिमा बताते हुए कहा कि एक बार राजा दशरथ भोजन करने बैठे उन्होंने बिना भगवान का नाम लिए खाना शुरू किया। उन्हें अचानक याद आया कि सभी पुत्र तो आ गए है। मेरे पुत्र राम कहा है। वह राम के कक्ष में गए तो पता चला श्रीराम चुपचाप बैठे है। राजा दशरथ ने कहा कि तुम्हें क्यों नही आए। तो बाल रूप भगवान श्रीराम ने कहा कि आपने मुझे याद नही किया। आपने मुझे पुकारा नही तो मैं क्यों आऊंगा। बाल रूप श्रीराम ने कहा कि आप जब भी भोजन करने बैठे मुझे पुकारा करो। संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि आप जब भी भोजन करने बैठे ईश्वर को अवश्य याद करे। क्योंकि हम जो भोजन ग्रहण करते है। वहां ईश्वर द्वारा प्रदान किया जाता है। जिस ईश्वर ने हमें शरीर दिया और भोजन दिया है उसका स्मरण अवश्य करना चाहिए। जब इंसान अपने अभिमान को त्यागकर समर्पित भाव से मुक्त होकर संत की शरण में जाता है। तो पल भर में ही इंसान को परमात्मा की प्राप्ति हो जाती है। गुरु की महिमा अपार है। संसार में मनुष्य योनि सर्वश्रेष्ठ है। इसमें व्यक्ति ईश्वर की पहचान कर जन्म मरण से छुटकारा पा सकता है। ईश्वर की पहचान सद्गुरु करा सकते हैं। सद्गुरु की शरण में जाने पर ही मोक्ष मिलता है। नगर के सिंधी कालोनी ग्राउंड पर जारी दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा में चौथे दिन बड़ी संख्या में भक्तों ने भजन और संगीत की धुन पर नृत्य किया। अम्बाजी धाम गुजरात से पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि आप कर्म करेंगे तो जरूरी नही कि सफलता मिल ही जाए। लेकिन आपको घबराना नही है। अगर बार बार भी हताशा हाथ आती है, तो भी आपको निराश नही होना है।

Thursday, February 24, 2011

श्री माता जी का पुण्य स्मरण

सीहोर। सहज योग प्रवर्तक श्रीमाता जी निर्मला देवी के अवसान का समाचार मिलने पर सीहोर जिले के सहज योगी भी व्यथित हो गए। गुरुवार की शाम को सहज योगियो ने सेन्टर पर श्रीमाता जी का पुण्य स्मरण कर उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। पूज्य माता निर्मलादेवी ने सदा ही अपने भक्तों से  कहा कि एक ही चीज मुझे खुशी दे सकती है और वह है कि जैसा प्यार मैंने आपसे किया है, वही प्यार आप एक दूसरे से करे। श्रीमाता जी का इटली में बुधवार की रात को हो गया है इस समाचार को पाकर जिले के सहज योगियों में शोक की लहर दौड़ गई।

सीरिया देश के कृषि वैज्ञानिकों ने दी किसानों को सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने किसान संगोष्ठ में दी किसानों को उपयोगी सलाह
वैज्ञानिकों ने बताया कि दहलनी फसल से कैसे लाभ कमाए?
सीहोर। बीज के ज्ञान का अभाव, खाद, कीटनाशक, बोबाई के समय की अज्ञानता के कारण हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी किसानों को पूरी तरीके से खेती से लाभ नहीं मिल पाता है। खेती को लाभ धंधा बनाने और खेतों से अधिक उत्पादन लेने किसान संगोष्ठïी में सीरिया देश के अंतराष्टï्रीय कृषि वैज्ञानिक और आरएके कालेज कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उपयोगी सलाह दी गई। समीपस्थ ग्राम सेवनिया में आयोजित किसान संगोष्ठïी में किसानों की समस्याओं का
समाधान भी किया गया। जैविक कृषि फार्म से किसानों के लिए प्रेरणा बने जिले के जैविक किसान प्रहलाद सिंह पटेल के खेत पर आयोजित किसान संगोष्ठïी में इंटरनेशनल सेन्टर फार एग्रीकल्चर रिसर्च इन ड्राइ एरिया एलीपो सीरिया देश के  मसूर फसल प्रजनक कृषि वैज्ञानिक डा. शिवकुमार अग्रवाल और चना के प्रजनक डा. इंतियाज सहित आरएके कालेज के डीन वीएस गौतम, डा.एचएस यादव, आरपी सिंह, केके नेमा, एससी गुप्ता, डीआर सक्सेना आदि उपस्थित थे। कृषि वैज्ञानिकों ने सबसे पहले सेवनिया के जैविक किसान प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा जैविक खेती का उपयोग कर बंजर जमीन का उपजाऊ बनाकर खेती को लाभ का सौदा बनाने की प्रशंसा की। इसके बाद कृषि वैज्ञानिकों ने किसान संगोष्ठïी में किसानों की समस्याओं का निराकरण करते हुए सोयाबीन के साथ ही दलहनी फसल के अधिक उत्पादन लेने संबंधी उपाय सुझाए। वैज्ञानिकों ने किसानों बताया कि चना की बोबाई इस प्रकार करना चाहिए की दिसंबर के माह के अंतिम सप्ताह ओर जनवरी माह के प्रथम पखवाड़े में फसलों में फूल की स्थिति नहीं होना चाहिए। किसान इस तरीके से फसल की बोवनी करे कि फूल आने  के समय तापमान 15 डिग्री से अधिक हो। 15 डिग्री से कम तापमान होने पर दलहनी फसल चना, तुवर, मसूर का उत्पादन कम हो जाता
है। इस साल किसानों की चना फसल पाले से खराब होने का भी यही प्रमुख कारण रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों में लगातार एक तरह की फसल पर भरोसा नहीं करने की सलाह देते हुए कम से कम तीन साल में फसल चक्र बदलने का कहा। साथ ही किसान खेतों में टेस्टेड बीज, कीटनाशक, खाद आदि के संबंध में भी जानकारों से सलाह लेने के बाद ही उपयोग करें। इस अवसर पर जैविक कृषि फार्म से किसानों के लिए प्रेरणा बने किसान प्रहलाद सिंह ने किसानों ने कहा कि जैविक खेती का उपयेाग करने के साथ ही किसान भाई गोपालन, डेरी, मधुमक्खी पालन, मशरूम आदि का कार्य कर भी आर्थिक स्थिति सुधार सकता है।  इस अवसर पर प्रमुख रूप से किसान प्रेमनारायण, रामबगस, रामसिंह, घनश्याम, अनार सिंह, रूप सिंह वर्मा, अनोखी लाल, मांगीलाल, नन्नूलाल राठोर, नन्नूलाल वर्मा, जसमत सिंह, राधेश्याम आदि उपस्थित थे।

Wednesday, February 23, 2011

सीहोर एक्‍सप्रेस का 23 फरवरी का अंक पढ़ने के लिये नीचे तस्‍वीर पर क्लिक करें

सीहोर एक्‍सप्रेस का 23 फरवरी का अंक पढ़ने के लिये नीचे तस्‍वीर पर क्लिक करें

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जनगणना कार्य देखने दिल्‍ली से आए अधिकारी
सीहोर नपा   में नव‍ निर्वाचित बोर्ड  की पहली बैठक हुई

राम का नाम दुष्ट का नाश करने वाला है-मुरारी बापू

सीहोर। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार राम सिर्फ एक नाम नहीं अपितु एक मंत्र है, जिसका नित्य स्मरण करने से सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। राम शब्द का अर्थ है मनोहर, विलक्षण, चमत्कारी, पापियों का नाश करने वाला व भवसागर से मुक्त करने वाला। उक्त उद्गार सिंधी कालोनी ग्राउंड में चल रही दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा मानस प्रवचन के दूसरे दिन अम्बाजी धाम गुजरात से पधारे पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहे। मंगलवार को कथा के दौरान शिव पार्वती के विवाह के बारे में सुंदर वर्णन किया गया। मंगलवार को कथा के शुभारंभ में मुख्य यजमान विष्णु श्रीवास्तव ने व्यास पूजन किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रदीप बिजौरिया, रमेश आहूजा, अमित कटारिया, पंडित दुष्यंत समाधिया, मोहित पाठक, वीपी तिवारी, विद्या बिजौरिया शामिल थे।

अहंकार मनुष्य के विनाश का कारण बनता है-पंडित उपाध्याय

धूमधाम से मनाया भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी का विवाह
सीहोर। कभी अहंकार को अपने ऊपर हावी नही होने देना चाहिए। अहंकार मनुष्य के विनाश का कारण बनता है। सहजता और सौम्यता बड़प्पन के गुण हैं । शिशु से बालक, तरुण एवं युवा होते कृष्ण ने अपनी बाल लीला करते हुये तृणावर्ण, अघासुर, अरिष्टासुर, केशी, व्योमासुर, चाणूर, मुष्टिक तथा कंस जैसे दुष्ट दैत्यों और राक्षसों का वध कर डाला। राधा तथा गोपियों के साथ रासलीला की। यमुना के भीतर घुसकर विषधर कालिया नाग को नाथा। गोवर्धन पर्वत को उठा कर इन्द्र के अभिमान को चूर-चूर किया। अपने बड़े भाई बलराम के द्वारा धेनुकासुर तथा प्रलंबसुर का वध करवा दिया। विश्वकर्मा के द्वारा द्वारिका नगरी का निर्माण करवाया। कालयवन को भस्म कर दिया। जरासंघ को सत्रह बार युद्ध में हराया। कस्बा स्थित पुरानी निजामत क्षेत्र में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठे दिवस श्रीमद्भागवत कथा अमृत वृष्टि के दौरान यह उद्गार पंडित चेतन उपाध्याय ने व्यक्त किए। संगीतमय श्रीमद्भागवत में बुधवार कथा के दौरान भगवान कृष्ण और रुक्मणी का विवाह धूमधाम से मनाया गया। पंडित श्री उपाध्याय ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जरासंघ के पाप का घड़ा अभी भरा नहीं था और उसे अभी जीवित रहना था, इसलिये अठारहवीं बार उससे युद्ध करते हुये रण को छोड़ कर द्वारिका चले गये। इसीलिये कृष्ण का नाम रणछोड़ पड़ा। इस प्रकार कृष्ण युवा हो गये। उन्होंने कहा कि कृष्ण के शील व पराक्रम का वृत्तान्त सुनकदर विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी उन पर आसक्त हो गई। विदर्भराज के रुक्म, रुक्मरथ, रुक्मबाहु, रुक्मकेस तथा रुक्ममाली नामक पाँच पुत्र और एक पुत्री रुक्मणी थी। रुक्मणी सर्वगुण सम्पन्न तथा अति सुन्दरी थी। उसके माता-पिता उसका विवाह कृष्ण के साथ करना चाहते थे किन्तु रुक्म चाहता था कि उसकी बहन का विवाह चेदिराज शिशुपाल के साथ हो। अत: उसने रुक्मणी का टीका शिशुपाल के यहाँ भिजवा दिया। रुक्मणी कृष्ण पर आसक्त थी इसलिये उसने कृष्ण को एक ब्राह्मण के हाथों संदेशा भेजा। कृष्ण ने संदेश लाने वाले ब्राह्मïण से कहा, हे ब्राह्मïण देवता! जैसा रुक्मणी मुझसे प्रेम करती हैं वैसे ही मैं भी उन्हीं से प्रेम करता हूँ। मैं जानता हूँ कि रुक्मणी के माता-पिता रुक्मणी का विवाह मुझसे ही करना चाहते हैं परन्तु उनका बड़ा भाई रुक्म मुझ से शत्रुता रखने के कारण उन्हें ऐसा करने से रोक रहा है। तुम जाकर राजकुमारी रुक्मणी से कह दो कि मैं अवश्य ही उनको ब्याह कर लौटूंगा। पंडित जी ने कहा कि अनेक विपत्तियों के उपरांत भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी को लेकर द्वारिकापुरी आये जहाँ पर वसुदेव तथा उग्रसेन ने कुल पुरोहित बुला कर बड़ी धूमधाम के साथ पूर्ण विधि से दोनों का पाणिग्रहण संस्कार करवाया। मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा के दौरान अंतिम क्षणों में महिलाओं ने भगवान के साथ पुष्प वर्षा कर होली खेली। यहां पर बड़ी संख्या में आई महिलाएं संगीतमय भजनों की धुन पर आनंद से नृत्य करने लगी।

Tuesday, February 22, 2011

भगवान सभी प्राणियों के भीतर निवास करते हैं-पंडित उपाध्याय

श्रीमद् भागवत कथा में गोबर्धन की पूजा की 
सीहोर। पंडित चेतन उपाध्याय ने संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान कृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया। इसमें पूतना वध, माखन चोरी आदि लीलाओं का वर्णन सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। सोमवार को कथा के पांचवें दिन गोबर्धन की पूजा की गई।
भगवान सभी प्राणियों के भीतर निवास करते हैं, वे हम सभी में विद्यमान हैं, इसीलिए हम सभी को सबके प्रति दया का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर दुर्लभ है। अत: हमें यह समझते हुए काम, क्रोध, लोभ, द्वेष तथा अहंकार से दूर रहकर भगवान का स्मरण करना चाहिए। भक्ति योग का एक मूल है। भागवत कथा श्रवण से सुख शांति की प्राप्ति होती है। पंडित श्री उपाध्याय ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं एवं माखन चोरी का वर्णन प्रस्तुत कर वहां मौजूद श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
पंडित उपाध्याय ने कहा कि धर्म इंसान का मार्गदर्शन करता है। धर्म पालन से मनुष्य के चरित्र में निर्मलता आती है एवं जीवन में उन्नति होती है। कस्बा स्थित पुरानी निजामत क्षेत्र में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा का लाभ व आनंद उठा रहे है।
जन्म से प्रकट हुई लीला
पंडित श्री उपाध्याय ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं उनके जन्म से ही प्रकट होने लगी थीं। इस अवसर पर उन्होंने भगवान विष्णु के विभिन्न अवतार नृसिंह, वामन, राम सहित अन्य देवी-देवताओं की कथा का वर्णन संगीत के साथ प्रस्तुत किया, जिसपर श्रद्धालु झूमने लगे।
कृष्ण की लीलाएं अनंत
पंडित श्री उपाध्याय ने कहा कि कृष्ण की तरह उनकी लीलाएं भी अनंत हैं और उनकी हर लीला के पीछे कोई मकसद छुपा हुआ है। कृष्ण का जन्म ही नहीं, बल्कि उनका कर्म भी दिव्य था। उन्होंने जेल की विषम परिस्थितियों में जन्म लिया, लेकिन उनके जन्म लेते ही वे विषम परिस्थितियां दूर होती चली गईं। उन्होंने जन्म लेते ही नंद बाबा को निर्देश दिया और उनका मार्गदर्शन किया। ऐसा कोई दिव्य आत्मा ही कर सकती है। माखन चुराने और मटकी फोडऩे के पीछे भी उनका मकसद यही था कि कंस गोकुल से जो सारा दूध, दही और माखन कर के रूप में अपने पास मंगवा लेता था, वह उसके पास न पहुंच पाए।
गायों ने बाड़े को तोड़ा
ऐसा करके उन्होंने कंस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। जब कंस ने गोकुल की सारी गायों को एक बाड़े में बंद करवा दिया, तो उन्होंने ऐसी मुरली बजाई कि सारी गाएं बाड़ा तोड़कर उनकी तरफ दौड़ी चली आईं। उमा शर्मा ने कहा कि कृष्ण ने अपनी अलग-अलग लीलाओं से हर तरह की शिक्षा दी है। वे सबको सुख देना चाहते थे, सबके साथ रहना चाहते थे और सबका ख्याल रखना जानते थे। अपनी लीलाओं में उन्होंने यही सब दर्शाया है। नगर के कस्बा स्थित क्षेत्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

Monday, February 21, 2011

व्यापारी की निर्ममतापूर्वक हत्या से सनसनी

दुकान में मिली लाश
सीहोर। आज सुबह स्थानीय बस स्टैंड क्षेत्र में एक व्यापारी की निर्ममतापूर्वक की गई हत्या से सनसनी का वातावरण बन गया। सुबह दुकान में लाश मिलने के बाद पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर जांच कार्य शुरू कर दिया है। दुकानदार रात को दुकान पर ही सोता था।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार न्यू बस स्टैंड पर स्थित नीलम स्वीट्स के पीेछे की लाइन में राठौर बेल्डिंग शाप है जिसके प्रोपाइटर 70 वर्षीय नारायण प्रसाद लुहार राठौर आत्मज जगनप्रसाद राठौर निवासी स्वदेश नगर है। बताया जाता है कि नारायण प्रसाद रोजाना रात को कार्य करने के बाद अपनी दुकान के भीतर ही सोता था दुकान पर ताले भीतर से ही लगाए जाते है। पुलिस के अनुसार आज सुबह जब नारायण प्रसाद का पुत्र कैलाश दुकान पर पहुंचा तो कुंदे अटका हुआ पाया जहां से वह भीतर गया तो उसके पिता नारायण प्रसाद पलंग पर लेटे थे उनके मुंह तक चादर थी जिसे कैलाश ने हटाया तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। वहां पर उसके पिता का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था, पुलिस को खबर दी गई बताया जाता है कि बदमाशों ने उनके सिर तथा गर्दन पर धारदार हथियार से मौत की नींद सुला दिया है। पुलिस अधिकारियों ने शव को देखने के बाद ही निष्कर्ष निकाल लिया कि बदमाशों ने नारायण प्रसाद की निर्ममता पूर्वक हत्या की है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच कार्य शुरू कर दिया है पर इन पंक्तियों के लिखे जाने तक यह ज्ञात नहीं हो सका है घटना के पीछे किनका हाथ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक के पास हरदम दस हजार रुपए से ही अधिक रहा करते थे तथा वो देर रात तक कार्य करते थे। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

Sunday, February 20, 2011

धूमधाम से मनाया गया नंदोत्सव

विषम परिस्थितियों में आनंद करने वाला ही योगेश्वर है-पंडित उपाध्याय
सीहोर।जिसके जन्म से पहले कई भाई मार दिए गए हों, माता-पिता दुष्टï राजा कंस के यहां पर बंद हों, राजा प्राण का प्यासा बना हो, इसके बाद भी जो आनंद से रास रचा सके, गोप-गपालों को आनंद का पाठ पढ़ा सके, वह केवल कृष्ण ही हो सकता है। विषम परिस्थिति में भी जो संयम न तोड़े, धैर्यवान, विवेकशील होकर वृंदावन की रक्षा कर सके, वह कृष्ण है। कांटों में भी फूलों सा खिलता रहे, वह कृष्ण है। पीड़ा में भी जो प्रसन्न मुख हो, वह कृष्ण है। आसुरी शक्ति से बिना डरे जो बांसुरी बजा सके, वह कृष्ण है। दुखों की आंच में भी जो प्रेम से नृत्य कर सके, वह कृष्ण है, इसीलिए कृष्ण विषम परिस्थितियों में आनंद करते हैं और योगेश्वर कहलाते हैं। कस्बा स्थित पुरानी निजामत क्षेत्र में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन श्रीमद्भागवत कथा अमृत वृष्टि के दौरान यह उद्गार पंडित चेतन उपाध्याय ने व्यक्त किए। संगीतमय श्रीमद्भागवत में शनिवार कथा के दौरान नंद उत्सव धूमधाम से मनाया गया।
पंडित उपाध्याय ने कृष्ण की तुलना राम से करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम रामजी का जीवन पद्धति प्रधान है और कृष्ण का जीवन परिणाम प्रधान है। श्री राम परिणाम की चिंता किए बगैर मर्यादा से पद्धति का पालन करते हैं, वहीं कृष्ण पद्धति का आग्रह छोड़ धर्मानुकूल परिणाम लाने का रास्ता बताते हैं।
यहां प्रतिदिन दोपहर बारह बजे से शाम चार बजे तक भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचकर इसका लाभ उठा रहे हंै। रविवार को भागवत कथा के दौरान नंदोत्सव मनाया गया। कथा के दौरान बालक ध्रुव, प्रहलाद कथा समुद्र मंथन, वामन कथा आदि का सुंदर वर्णन किया गया। पंडित उपाध्याय ने कथा के दौरान कहा कि तमाम वैज्ञानिक तरक्की के बाद भी जिस तरह आज भी अंतरिक्ष के अनेक रहस्य बेपर्दा है, उसी तरह पृथ्वी के गर्भ में भी अनेक राज छुपे हैं। बात जब पृथ्वी की हो तो हिन्दू धर्म शास्त्रों में भी पृथ्वी की गहराई में पाताल लोक को लेकर अनेक रोचक बातें बताई गई हैं। वैसे पुराणों के मुताबिक मृत्यु के बाद जाकर देव भक्त रहते हैं, लोक कहलाता है। ऐसे ही लोकों में पाताल लोक भी एक है।
विष्णु अवतार
कथा के दौरान पंडित उपाध्याय ने पुराणों में पाताल लोक के बारे में सबसे लोकप्रिय प्रसंग विष्णु अवतार वामन और राजा बलि का माना जाता है। बली ही पाताल लोक के राजा माने जाते हैं। रामायण में भी अहिरावण द्वारा राम-लक्ष्मण का हरण कर पाताल लोक ले जाने पर श्री हनुमान के वहां जाकर अहिरावण वध करने का प्रसंग आता है। इसके अलावा भी ब्रह्मïांड के तीन लोकों में पाताल लोक का भी धार्मिक महत्व बताया गया है।पंडित उपाध्याय ने कहा कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में पृथ्वी के नीचे स्थित पाताल लोक की गहराईयों को लेकर अद्भूत तथ्य हैं। जिनके मुताबिक भू-लोक यानि पृथ्वी के नीचे सात प्रकार के लोक हैं, जिनमें पाताल लोक अंतिम है। विष्णु पुराण भी इस संख्या की पुष्टि करता है। विष्णु पुराण के अनुसार पूरे भूमण्डल का क्षेत्रफल पचास करोड़ योजन है। इसकी ऊंचाई सत्तर सहस्र योजन है। इसके नीचे ही सात लोक हैं। जिनमें क्रम अनुसार पाताल नगर अंतिम है।

भक्तों ने भगवान के साथ खेली होली

विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ की बैठक संपन्न
सीहोर। आगामी 13 अपै्रल को श्री विट्ठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में होने वाले विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ एवं नानी बाई का मायरा के बारे में नगर के सभी समाज के स्त्री-पुरुषों ने रविवार को इंग्लिशपुरा स्थित कंचन बाग में आयोजन समिति की बैठक जिले के प्रसिद्ध रामस्वरूप समाधिया की अध्यक्षता और मुख्य आयोजक भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के सानिध्य में की गई। इस अवसर पर यहां पर मौजूद भक्तों ने भगवान के साथ होली खेली। होली की दस्तक के साथ श्री विट्ठलेश सेवा समिति और यहां पर आए भक्तों ने एक दूसरे पर गुल्ला और फूलों के साथ होली का आनंद लिया।  इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि बैठक में आगामी 13 अपै्रल को होने जा रहे विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ एवं नानी बाई का मायरा के लिए यहां पर उपस्थितजनों ने विशाल आयोजन के लिए बस स्टैंड स्थित टाउन हाल एवं इंग्लिशपुरा स्थित कंचन बाग के बारे में सुझाव दिया। इसके उपरांत यहां पर उपस्थित सभी धर्मप्रेमियों को संबोधित करते हुए इस भव्य कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी दी गई। इसके उपरांत विभिन्न समितियों का गठन किया गया जिसमें प्रभात फेरी के संयोजक में कमल भावसार, भारत अग्रवाल, देवेन्द्र चौरसिया को शामिल किया गया। यज्ञ स्थल की व्यवस्था ओम अग्रवाल, पंकज झंवर और अशोक वियाणी, यज्ञ के आचार्य पंडित रामस्वरूप समाधिया, मंच व्यवस्था नीमा नेता, नंदलाल राठौर, सदुल डाबी, बन्टू, कान्हा और प्रचार-प्रसार के लिए आशीष गुप्ता और ठहराने की व्यवस्था राजेन्द्र मंगी एवं सतीश बाहेती को सौंपी गई है।  होगी सोने-चांदी की आहुति श्री विट्ठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में होने जा रहे विशाल कुबेर धन लक्ष्मी यज्ञ में सोने, चांदी, गन्ना, कमल गट्ठा, नागर मोथा, भोजपत्र, शहद, लालफूल, शुद्ध घी, अनार, बादाम, खारक, इलायची, लौंग व साकल्य आदि से प्रतिदिन यज्ञ किया जाएगा।
नानी बाई का मायरा
श्री विट्ठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में होने जा रहे विशाल कुबेर धन लक्ष्मी यज्ञ के नानी बाई का मायरा सोलह अपै्रल की शाम को सात बजे से मायरा खजांची लाइन स्थित श्री जी की हवेली से प्रारंभ होकर कार्यक्रम स्थल पर जाएगा।
इस अवसर पर सभी भक्तों को विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ एवं नानी बाई का मायरा के बारे में जानकारी देते हुए भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि घर-घर में शांति और समृद्धि के लिए भारत की भूमि पर पहली बार इस तरह का आयोजन किया जा रहा है। पांच दिवस तक कार्यक्रम स्थल पर 108 अखंड ज्योत सरसों के तेल की, कुबेर धन लक्ष्मी आवरण रात में किया जाएगा। इसके अलावा कार्यक्रम को भव्यता दिलाने के लिए खास इंतजाम किए गए है। इसमें देश विदेश के अनेक भक्तों के शामिल होने की संभावना है।

Saturday, February 19, 2011

धर्म के मर्म को समझना चाहिए-पंडित चेतन उपाध्याय

भगवान के भजनों पर श्रद्धालुओं ने किया नृत्य
सीहोर। पूजा-पाठ, उपासना और धार्मिक होने का आडम्बर धर्म नहीं है बल्कि वास्तविक धर्म सदाचार, कर्तव्य पालन और शास्त्र-पुराणों में वर्णित जीवन पद्धति के आधार पर दिव्य जीवन को अपनाना ही धर्म है। जो लोग धर्म के इस मर्म को समझ पाते हैं वे ही असली मनुष्य हैं।
उक्त उद्गार कस्बा स्थित पुरानी निजामत क्षेत्र में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा अमृत वृष्टि के दौरान यह उद्गार व्यक्त किए। संगीतमय श्रीमद्भागवत के दौरान भगवान के भजनों पर यहां पर मौजूद श्रद्धालु परम आनंद में मग्न होकर नृत्य करने लगते है। कथा के मुख्य यजमान सुदीप-हेमा व्यास ने कथा के आरंभ से पहले विधि-विधान से पूजा अर्चना की।  गौमाता की सेवा, माता-पिता के प्रति आदर और दैव श्रद्धा पर जोर देते हुए पंडित चेतन उपाध्याय महाराज ने कहा कि आज गौ हत्याएं हो रही हैं, गायों के जीने लायक माहौल नहीं रहा, गोचर भूमि पर लोगों ने हर कहीं कब्जा कर रखा है और गायों का भाग्य का चुरा कर खा रहे हैं, ऐसे में लोग भगवान से आशा करते हैं कि समय पर बरसात हो, जीवन में आनंद मिले और समस्याएं नहीं रहें। यह कैसे संभव है।  पंडित उपाध्याय ने कहा कि आज हम शास्त्रों और धर्म की नीतियों का पालन नहीं कर रहे हैं और यही हमारी सारी समस्याओं का मूल कारण है। अनीति, अन्याय और अधर्म की इन गतिविधियों को अभी नहीं छोडा गया तो पीढयों तक पछताना होगा।  पंडित उपाध्याय ने विभिन्न उदाहरणों और पौराणिक आख्यानों के माध्यम से संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा करते हुए श्रद्धालुओं को भागवत धर्म का रसास्वादन कराया और धर्ममय जीवनयापन का उपदेश देते हुए कहा कि प्रभु सर्वत्र व्याप्त है। लेकिन उनकी कृपा का अनुभव तभी किया जा सकता है जब हमारा चित्त निर्मल हो, इन्द्रियों पर संयम हो और भगवत्प्राप्ति की उत्कण्ठा तीव्र हो। इस संबंध में सर्व ब्राह्मïण समाज के अध्यक्ष प्रकाश व्यास काका ने नगर के धर्मप्रेमी जनता से अपील करते हुए कहा कि कस्बा स्थित पुरानी निजामत कस्बा चौकी पास में कथा चल रही है। कथा का समय दोपहर बारह बजे से चार बजे तक है। उन्होंने सभी धर्मप्रेमी जनता से कथा में शामिल होकर धर्म का लाभ लेने की अपील की।

प्रेम रस प्रदायनी है कृष्ण कथा : पंडित अजय पुरोहित


सीहोर  श्रीमद भागवत सात दिनों में मुक्ति दिलाने वाला ग्रंथ है । अनेक जन्मों तक साधन साधना रकने पर भी नहीं मिलने वाली मुक्ति या अति दुर्लभ मुक्ति राजा परीक्षित को सात दिन में मिल गई । यथार्थ में श्रीमद भागवत पुराण प्रेम रस प्रदायिनी है । उक्त उदगार निकटस्थ मोगराराम में चल रही श्रीमद भागवत कथा में महामंडलेश्वर पंडित अजय पुरोहित ने व्यक्त किये । उन्होंने आगे बताया कि राजा परीक्षित ने जब शुकदेव जी से पूछा था कि जिस व्यक्ति की मृत्यु सामने खड़ी हो उस समय उसे क्या करना चाहिये शुकदेव जी उस समय परीक्षित को यज्ञ करने की सलाह देते तो सात दिनेां में मुक्ति संभव नहीं थी । जीवन के अंतिम श्वांस में में भी विकार का विचार न आये वैसा उपाय करना था । शुकदेव जी ने सोचा कि राजा को यदि कृ ष्ण कथा में तन्मयता से मुक्ति मिल सकती है तो यही सबसे अच्छा विचार है । पंडित अजय पुरोहित ने कहा कि रामजी सत्य के अवतार हैं, कपिल दत्तात्रेय चित्त संबंधी अवतार हैं हैं किन्तु भगवान कृष्ण आनंद के अवतार हैं । जो दूसरों को आनंदित करता है वेा जीव ही नंद है उसके घर नंद उत्सव होता है । भगवान कृष्ण का सम्पूर्ण जीवन आनंद से भरा है जैसे स्वर्ण आभूषण में स्वर्ण ही स्वर्ण है ऐसे ही भगवान कृष्ण के स्वरूप में आनंद ही आनंद है । सांसारिक विषयों का विस्मरण होने पर सच्चा आनंद प्राप्त होाता है । सांसारिक बंधन छूटन्े पर ही ब्रह्म से संबंध जुड़ता है । कृष्ण कथा ऐसी है जो जगत को भुला देती है । जगत में रहना भी है और जगत को भुलाना भी है । जहां जाते हैं वहीं संसार आता है । संसार को छोडऩा नहीं है उसे मने से बाहर निकालना है । मोगराराम में कथा सुनने आस पास के गांवों से हजारों लोग पहुंच रहे हैं ।

Friday, February 18, 2011

देवास ने किया प्रदेश स्तरीय खिताब पर कब्जा

सिद्धपुर क्रिकेट कप का रंगारंग समापन
सीहोर। देवास क्रिकेट टीम के विस्फोटक बल्लेबाज राहुल बक्सी धुआंधार 40 गेंदों पर आतिशी 61 रनों की धमाकेदार अद्र्धशतकीय पारी की बदौलत एक रोमांचक मैच में देवास क्रिकेट टीम ने इंदौर क्रिकेट टीम को पटखनी देते हुए फाइनल के खिताब पर कब्जा किया। अंतिम ओवर में यह मैच काफी चरम पर था। जब देवास क्रिकेट टीम को अंतिम गेंद पर चार रनों की दरकार थी। उस समय देवास के तनय ने अंतिम गेंद पर छक्का मारकर देवास क्रिकेट टीम को यादगार जीत दिलाई। इंदौर क्रिकेट टीम के कप्तान ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। पहले बल्लेबाजी करते उतरी इंदौर क्रिकेट टीम की शुरूआत बहुत अच्छी रही। मैच के पहले पांच ओवर में इंदौर टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 70 रन बनाए। इसके बाद रंजी खिलाड़ी अमित पाल ने 54 गेंदों पर 71 रन, दिनेश शर्मा ने 18 गेंदों पर 30 रन और वी नायडू ने 14 गेंदों पर 21 रनों के सहयोग से पांच विकेट के नुकसान पर 177 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। देवास क्रिकेट टीम की ओर से गेंदबाजी करते हुए रंजी खिलाड़ी रोहन श्रीवास्तव ने चार ओवर में 33 रन देकर दो विकेट, मंजीत, देवानंद और नायर ने 1-1 विकेट झटके।  डीसीए प्रवक्ता मनोज दीक्षित मामा ने जानकारी देते हुए बताया कि जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी देवास टीम के राहुल बक्सी ने चालीस गेंदों पर 61 रन, परिहार ने 45 गेंदों पर 43 रन और तनय ने पांच गेंदों पर 14 रनों की आतिशी पारी खेली।  मैच के अंत में क्लब के चेयरमैन प्रमोद पटेल, हरीश राठौर, लखन गोहिया, दिनेश पटेल, आशीष शर्मा, विनेश चौहान, अंकुश गांधी ओम मेडिकल, मदन कुशवाहा, कमलेश परोचे, महेन्द्र शर्मा आदि ने विजेता टीम को 31 हजार और उपविजेता टीम को 21 हजार रुपए के साथ ट्राफी दी। फाइनल मैच में लोगों को यहां पर मौजूद दर्शकों को आनंद आ गया।

भागवत कथा के पांचवे दिन नंद उत्सव मनाया गया

संसार के सारे कार्य परमात्मा के आदेशनुसार माया द्वारा संपन्न किये जाते हैं। उक्त उद्गार निकटस्थ ग्राम मोगराराम  में चल रही भागवत कथा के दौरान महामंडलेश्वर पंडित अजय पुरोहित ने व्यक्त किये । पं पुरोहित ने बताया कि भगवान श्याम सुन्दर चार तरह के माधुर्य से मधुमय होकर मधुरतम एवं सुन्दरतम हो गए हैं। और इस सुन्दरतम श्यामसुंदर को अपना निजजन बना लेने का सहज उपाय है शुद्ध प्रेम को पूर्णरूपेण श्रीकृष्ण में समर्पण कर देना। भगवान कृष्ण जिन चार माधुर्यों से मधुरतम हुए है उसमें प्रथम है भगवान का रूप माधुर्य, भगवान का रूप इतना सुंदर है कि स्वंय वे ही अपने रूप को निहारकर मोहित हो जाते हैं। गोपियाँ जब भगवान को देखती है तो वह स्वयं ही कृष्ण हो जाती हैं। भगवान का दूसरा माधुर्य वेणु माधुर्य है, परमात्मा जब अपने अधरों की माधुर्य  राशि को बांसुरी के अंदर से प्रसारित करते  हैं तो वही नाद रूप मे परिणित होकर समस्त विश्व जगत में व्याप्त हो जाती है। बांसुरी की तान से गिरिराज गोवर्धन की शिलाएँ गलने लगती हंै, यमुना स्थिर होकर रूक जाती है। ये भगवान का वेणुमाधुर्य है। भगवान का तीसरा माधुर्य प्रेम माधुर्य है जिन श्यामसुंदर के डर से स्वंय यमराज थर थर काँपते हंै वो भगवान यशोदा माँ के डर से कांपने लगते है एंव झूठ बोलने लगते हैं। भगवान कृष्ण का चौथा माधुर्य लीला माधुर्य है लीलायम हरि  की लीला में ऐश्वर्य और माधुर्य दो वस्तुएँ है। श्री भगवान ने पूतना का वध किया है स्तन पान करते करते। पूतना के वध में एश्वर्य है किन्तु स्तन पान मेें माधुर्य है। कलिया नाग के दमन में एश्वर्य है किन्तु उसके फन पर नृत्य करना ये श्यामसुंदर का माधुर्य है। कथा के पांचवे दिन नंद उत्सव मनाया गया कथा श्रवण करने आसपास के कई गाँवो से भक्त गण हजारों की संख्या में आ रहे है।

कथा श्रवण करने से मिलती है पापों से मुक्ति-पंडित चेतन उपाध्याय

कलश यात्रा के कथा का शुभारंभ
सीहोर। श्रीमद् भागवत कथा इनसान को जीवन जीने का सार्थक मार्ग दिखाती है। वही मनुष्य अधिक पुण्य न करे, तो कोई बाधा नहीं है लेकिन उसे पाप भी नहीं करना चाहिए। ज्ञानी को यह जगत आनंदमय लगता है जबकि अज्ञानी को यह जगत बिगड़ा हुआ। कथा का श्रवण करने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति सपरिवार अपने सभी पापों से मुक्त होकर नारायण के धाम में वास करता है। उक्त उद्गार पुरानी निजामत कस्बा में शुक्रवार से शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा के दौरान जिले के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित चेतन उपाध्याय ने यहां पर उपस्थित श्रद्धालुओं से कही। शुक्रवार को कलश यात्रा हनुमान फाटक से निकाली गई। इस अवसर पर अनेक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया। कथा के दौरान मुख्य यजमान सुदीप और हेमा व्यास शामिल थे। कथा को आगे बढ़ाते हुए पंडित चेतन उपाध्याय ने कहा कि कथा सुनने आना एक बात होती है, किंतु यदि कथा को पूरे ध्यानपूर्वक मन लगाकर न सुना जाए तो इस प्रकार से कथा सुनने से कोई लाभ नही मिलता है। कथा को पूरे एकाग्र रूप से श्रवण करना चाहिए। जब लाभ की प्राप्ति होती है। कथा सुनते समय किसी से बात भी न करे और पूरे मनोभाव से कथा का श्रवण अपने नेत्रों को बंद कर प्रवचनकर्ता की कथा के अनुरूप कल्पना करते हुए कथा श्रवण करें। जिस प्रकार काल का प्रसंग हो हम उसी काल में पहुंच जाऐंगे और सारे दृश्य साक्षात रूप में देखें जा सकते है। क्योंकि हमारे मन की गति प्रकाश की गति से तेज होती है। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। इस संबंध में सर्व ब्राह्मïण समाज के अध्यक्ष प्रकाश व्यास काका ने बताया कि कथा का समय दोपहर बारह बजे से शाम चार बजे तक है।

बाबा रामदेव के आगमन की तैयारी

सीहोर। योग गुरु बाबा रामदेव के पहली बार शहर आगमन को लेकर व्यापक उत्सुकता का माहौल देखा जा रहा है। पंताजलि योग समिति द्वारा इसको लेकर काफी तैयारियां की जा रही है। जानकारी अनुसार बाबा रामदेव आगामी 7 जून को सीहोर में एक दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इस दिन बाबा व्याख्यान के साथ-साथ योग के गुरु मंत्र भी लोगों को प्रदान कर उन्हें सुखी एवं निरोग रहने की कला भी सिखा सकते है।

लक्ष्यहीन मानव पशु के समान हैं-मुनि प्रमाण सागर

सीहोर। लक्ष्यहीन यात्रा, यात्रा नहीं सिर्फ भटकाव है। मनुष्य के जीवन में लक्ष्य निर्धारण आवश्यक है। लक्ष्यहीन मानव पशु के समान हैं। उक्त उद्गार श्री श्री 108 जैन मुनि प्रमाण सागरजी महाराज ने इंग्लिशपुरा में स्थित मंदिर में बड़ी संख्या आए जैन समाज और भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। भगवान महावीर की विधिविधान से पूजा अर्चना की। इसके पूर्व उपस्थित श्रद्धालुओं ने मुनि प्रमाण सागरजी महाराज महाराज के सभागार में पहुंचते ही जयकारा गुरूदेव का, जय-जय गुरूदेव का उद्घोष किया गया। मंगलाचरण वंदना के बाद  जैन समाज के पदाधिकारियों ने मुनि के चरणों में श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद ग्रहण किया। संत मुनि प्रमाण सागरजी महाराज ने ओजपूर्ण प्रवचन में कहा कि मनुष्य गतिशील है। लेकिन इसका गंतव्य नहीं है। उन्होंने कहा कि संतों के अनुसार गतिशील वही है, जिसका गंतव्य हो। उन्होंने कहा कि जीवन का वास्तविक लक्ष्य जीवन का सत्कार है। शांति, संपन्नता व प्रसन्नता ही जीवन का वास्तविक आधार है। मुनि ने कहा कि जीवन में विपन्नता भले हो, लेकिन मन में प्रसन्नता है, तो जीवनसार्थक है। उन्होंने कहा कि भौतिक पदार्थ अर्थात पैसा मनुष्य को सुविधा दे सकता है, शांति नहीं। पैसा जीवन निर्वाह का साधन हो सकता है, साध्य नहीं। इसके पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिसौदिया ने कहा कि आज शहरवासियों के लिए स्वर्णिम समय है। देवस्वप्न मुनि की वाणी को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुनि प्रमाण सागरजी महाराज अपने ज्ञान के अनुभव से हम सबों को अनुग्रहित कराएंगे। इस दौरान बोली का आयोजन और भूमि पूजन का कार्यक्रम किया। इसमें ताम्रपात्र सुनीता जैन, कल्सा जैनपाल जैन और स्वर्ण शिला गणेशी लाल और पारा अशोक जैन व खेती फावड़ा बीसी जैन आदि ने प्राप्त किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए समाज के वरिष्ठï पदाधिकारी पवन जैन ने बताया कि मंत्री पेट्रोल पंप पर महाराज श्री की अगवानी की गई। इस दौरान समाज के अध्यक्ष ललित जैन, देवचंद जैन, अजय जैन, अंबर जैन, डीके जैन, वीसी जैन, मांगीलाल जैन, अरुण जैन, रविन्द्र जैन, गोलू जैन, मुकेश जैन, ओम प्रकाश जैन, जैनपाल जैन, प्रेम काका, डॉ.आरसी जैन, निर्मल जैन, सुनील जैन, अशोक जैन और शील जैन आदि शामिल थे।

Thursday, February 17, 2011

सीहोर एक्‍सप्रेस का 16 फरवरी का अंक पढ़ने के लिये नीचे तस्‍वीर पर क्लिक करें ।

सीहोर एक्‍सप्रेस का 16 फरवरी का अंक पढ़ने के लिये नीचे तस्‍वीर पर क्लिक करें ।

16feb

फिर बदलना पड़ सकता है सरनेम

सीहोर। हाल ही में बहावलपुर समाज द्वारा इस बात के काफी तेजी के साथ प्रयास किए गए कि उनके समाज के लोगों को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया जाए। इसके लिए सीहोर की पंचायत के अलावा बुदनी, औबेदुल्लागंज तथा रायसेन आदि की पंचायत एक होकर महापंचायत बन कर लगातार अपना पक्ष शासन के नुुमाइंदों के समक्ष रख रही थी। जिसका परिणाम गत माह उस समय देखने को मिला जब सीहोर तथा बुदनी में बहावलपुर समाज के लोगों से मुलाकात करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की एक टीम आई। इस टीम ने न केवल लोगों से मुलाकात की बल्कि बस्तियों का भ्रमण कर वहां की स्थिति से भी रु-ब-रु हुए। बताया जाता है कि पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा यह तो मान लिया गया है कि बाहवलपुर किराड़ समाज के लोग  पिछड़ा वर्ग में आने की पात्रता तो रखते है पर उनका सरनेम आड़े आ सकता है। बताया जाता है कि आयोग के सदस्यों द्वारा समाज के लोगों को परामर्श दिया गया है कि वे अपना सरनेम एक करते हुए अपने नाम के आगे सरनेम के रुप में किराड़ लिखना प्रारंभ करे ताकि उसकी प्रक्रिया को आगे चलाया जा सके। अभी तक समाज के लोग आहूजा, सचदेवा, चावला, चोपड़ा आदि सरनेम का उपयोग करते है जिसके कारण अन्य जाति के लोगों को भी लाभ मिल सकता है इसलिए अपना सरनेम बदल ले।

Tuesday, February 15, 2011

भाजपाई भूल गए पंडित जी को

सीहोर।  आत्मीयता, सरलता, सादगी, सिद्वान्तों पर चलकर दृढ़ता के सभी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखने वाले सहनशील व्यक्तित्व पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि पर सीहोर में भाजपा नेता कार्यकर्ता कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सके। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि 11 फरवरी को भाजपा द्वारा श्रद्वाजंलि का कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है पर इस साल जिला मुख्यालय पर उनकी याद में कोई कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाना राजनैतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ऐसे थे पंडित जी-  एक व्यक्ति लखनऊ से कानपुर रेल से यात्रा कर रहा था। तीसरी श्रेणी के डिब्बे में। अपने थैले से सुई-धागा निकालता है। फटी धोती को सुई-धागे से सिलने लगता है। फिर वह अपने बनियान को सिलने लगता है। इतनी देर में एक स्टेशन पर गाड़ी रुकती है। वहाँ दो-तीन महिलाएँ डिब्बे में घुसती हैं। सिपाही इन्हें बुरी तरह मार रहे हैं। उस व्यक्ति का चेहरा गुस्से में तमतमाने लगा और सिपाहियों से बोला, ''आप इन्हें मार क्यों रहे हैं ? बंद कीजिए यह सब तमाशा।ÓÓ एक सिपाही ने कहा, ''पंडित जी (धोती-कुरते में थे न) ये सब बहुत बदमाश हैं। आप लोगों की चोरियाँ कर लेती हैं गाड़ी में। इसीलिए इन्हें पकड़कर ले जा रहे हैं।वह आदमी बोला, ''बेशक ये खराब हों। हो सकता है, चोरी भी कर लेती हों; किन्तु इन्हें मारने का आपको कोई अधिकार नहीं। आप इन्हें कानून के हवाले कीजिए, फिर कानून जो भी सजा दे, इन्हें भोगनी ही होगी।ÓÓ सिपाही उस कड़क आवाज से सहम-से गए। तत्पश्चात् उन औरतों को पीटना बंद कर एक ओर लेकर बैठ गए। तीसरी श्रेणी के डिब्बे में बैठे हुए अपनी मोटी कपड़े की धोती और फटा बनियान सिलने वाला कौन है यह व्यक्ति ? पुलिस की मार से महिलाओं को छुड़वाने के लिए क्रोध दिखाने वाला यह व्यक्ति कौन है ? कानपुर स्टेशन आया। स्टेशन पर काफी भीड़ है। एक भारी भीड़ किसी बड़े नेता के स्वागत के लिए तैयार है। अधिकांश लोग नारे लगाते हुए प्रथम श्रेणी के डिब्बे की ओर दौड़ रहे हैं। कुछ लोग इधर-उधर नजरें दौड़ा रहे हैं। कुछ कार्यकर्ताओं की नजर उस तीसरी श्रेणी के डिब्बे पर गई जहाँ खड़े दीनदयाल जी अपने कपड़े और सुई-धागा आदि समेटकर अपने थैले में रख रहे थे। बस, फिर क्या था ? पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयÓ से सारा स्टेशन गूँज उठा। तब मुसाफिरों ने देखा कि बैठे-बैठे अपने कपड़े सीने वाला, पुलिस को डाँट लगाने वाला कोई साधारण पुरुष नहीं है। वह हैं भारतीय जनसंघ के महामंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय। पंडित जी एक बार काशी से बलिया जा रहे थे। तीसरी श्रेणी के डिब्बे में सोने के लिए जगह नहीं मिली, इसलिए उनके साथियों ने पहले दर्जे में जगह पाकर अपना बिस्तर लगा दिया। वे आराम से सो गए। बलिया स्टेशन पर उतरते ही वे सीधे टिकट कलेक्टर के पास पहुँचे। टिकट कलेक्टर ने कहा, ''आपने पहले दर्जे में सफर किया है, यह किसने देखा ? कम-से-कम मैंने तो नहीं देखा।पंडित जी यह सहन नहीं कर सकते थे। उनका विचार था कि 'सार्वजनिक सेवाओं का दुरुपयोग करना चोरी है।Ó अत: वे सीधे स्टेशन मास्टर के पास गए। उनकी बात सुनकर स्टेशन मास्टर ने कहा, ''मेरी तीस वर्ष की रेलवे सेवा में आप ही पहले व्यक्ति हैं जो इस प्रकार रकम देने आए हैं।

Monday, February 14, 2011

ओजस्वी दिव्य सत्संग कार्यक्रम का भव्य समापन


बड़े भाग्य से मिलता है यह शरीर-साध्वी सरिता बहन
सीहोर। आपको यह अमूल्य समय मिला है यह बड़े भाग्य से मिला है। सत्संग श्रवण और संत शरण दोनों ही बड़े ही सौभाग्य से मिलता है। आप आज सत्संग सुनने के लिए जो समय निकालकर आऐ हैं वह समय सौभाग्य से मिलता है। सत्संग से सद्बुद्धि आती है, प्रेम, सेवा, सदाचार, सत्यता, अनुशासन, मानवता, चरित्र के भाव जाग्रत होते हैं। तब मनुष्य को अनुभव होता है कि सत्य-असत्य में क्या भेद है। तब धर्म की ओर मानव का झुकाव होता है। उक्त विचार योग वेदांत सेवा समिति के तत्वाधान में सिंधी कालोनी मैदान बस स्टैंड पर सोमवार को बड़ी संख्या में आए साधक और भक्तों को संबोधित करते हुए संत आसाराम जी बापू की कृपा पात्र शिष्या साध्वी सरिता बहन ने कहे।  सोमवार को बहन ने साधक और यहां पर आए बड़ी संख्या भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्संग में जाकर और प्रवचन सुनने से ज्ञान और बुद्धि दोनों बढ़ते है। इस अवसर पर बच्चों को नशे से सावधान होने के लिए व्यसन के नागपाश से जीवन बचाने के बारे में संकल्प दिया गया। प्रवचन के अंतिम समय बहन जी ने अवगुणों को छोडऩे का संकल्प करवाया। उन्होंने कहा कि कितने ही विष मीठे होते है पर वे भयंकर होते है। मनुष्य को विचार ही नही आता कि वह स्वयं विष का स्वाद ले रहा है। परंतु विष तो अंदर से अपना काम करता ही जाता है। अंत में एक दिन वह अपना रूप दिखाता है और आदमी को अंदर बाहर से समाप्त कर डालता है। बीड़ी, तम्बाकू, अफीम, दारू, गांजा तथा अन्य कोई भी व्यसन तन-मन को भयंकर हानि पहुंचाते है। उन्होंने कहा कि नशा छोड़कर भगवान के भजन पर ध्यान दो। अंतिम दिन महा आरती का आयोजन किया गया। इसके बाद समिति के द्वारा प्रसादी का वितरण किया। रविवार को प्रवचन के दूसरे दिन हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष सतीश राठौर, संस्थापक वासुदेव मिश्रा, शंकर प्रजापति, मोहर चौरसिया, अखिलेश चौरसिया, हरी पालीवाल, दिलीप राठौर, राजू जायसवाल, प्रदीप समाधिया, सुरेश जायसवाल आदि ने कथा स्थल पहुंचकर कथा वाचक सरिता बहन का सम्मान कर प्रतीक चिन्ह भेंट किया।

सद्भावना की बेमिसाल है संगीतमय श्रीराम कथा

कुदरत का नियम अटल है-स्वामी रामकमल दास वेदांती महाराज
सीहोर। मानव में धर्म, मानवता और चरित्र का पतन हो गया है। जब धर्म, मानवता और चरित्र गिर जाते हैं तो कुदरत अपनी ओर से कुछ करती है और विनाश की प्रक्रिया कर फिर से धर्म की स्थापना करती है, मानवता का उत्थान करती है और गिरे हुऐ चरित्र को उठाकर समाज में सामंजस्य की स्थापना करती है। कुदरत का नियम अटल है। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति के तत्वाधान में मानस सम्मेलन संगीतमयी श्री रामकथा के दौरान परम पूज्य स्वामी रामकमल दास वेदांती महाराज ने कही। ग्राम बरखेड़ा हसन गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बना हुआ है। यहां पर पिछले तीस सालों के अजीम भाई टेलर द्वारा भगवान श्रीराम और रामलीला आदि के वस्त्रों का निर्माण किया जाता है। यहां पर धार्मिक कार्यक्रमों झंडी व स्वागत द्वारा भी मुस्लिम भाइयों द्वारा बनाए जाते है। इन दिनों ग्राम बरखेड़ा हसन हिन्दू-मुस्लिम भाई मिलकर धर्ममय हो गए है। इन दिनों अजीम भाई, इरफान मौलाना, लतीफा खं, सत्तार शाह मिलकर धार्मिक कार्यक्रम मेें हिस्सा ले रहे है। संगीतमय श्री राम कथा के दौरान सोमवार को होने राजा जनक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राजा जनक दो प्रकार का जीवन जीते है। जब राजा रहते है तो प्रजा के पालन हार होते है। जब गद्दी से उतरते है तो योगी की भांति हो जाते है। स्वामी जी ने कहा कि जन्म जिसका होता है उसको तो मरना है। जन्म होना, बीमार होना और मर जाना, यह शरीर के साथ लगा है। तुम इसे जानने वाले हो। तुम सत् बनोगे नहीं अभी हो, तुम चेतन बनोगे नहीं अभी हो, आनन्दस्वरूप तुम अभी हो, तुम चेतन बनोगे नहीं अभी हो। प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने दोषों को दूर करने में लग जाए तो आज ही इस धरती पर राम राज्य पैदा हो सकता है। इंसान से शैतान बनने के लिए कुसंग की आवश्यकता है और इंसान से भगवान बनने के लिए सत्संग की आवश्यकता है। कुसंग में बिना कुछ किए आदमी इंसान से शैतान बन जाता है। सत्संग में बिना कुछ किए आदमी इंसान से भगवान बन जाता है। करना दोनोंं में कुछ नहीं है, लेकिन देानों के परिणामों में बड़ा अन्तर है, कुसंग में आदमी का बिना कुछ ही सब कुछ का पतन हो जाता है, और सत्संग मेंं बिना कुछ किए ही आदमी का उत्थान हो जाता है, अब स्वयं इंसान को विचार करना चाहिए कि वह क्या करें। सबसे अच्छा यही है कि अच्छा संग करो, सत्संग करो। आनन्दस्वरूप तुम अभी हो, बाद में होओगे नहीं। उस परम सत्य में जग जाओ, बस। रविवार को जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष और भाजपा नेता रमांकात भार्गव, राजेन्द्र राजपूत, आजाद राजपूत, महेश उपाध्याय आदि ने संगीतमय श्रीराम कथा का आनंद लिया।

सिद्धपुर क्रिकेट ट्राफी राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता

प्रतियोगिता क्वाटर फाइनल मैच आज से शुरू
सीहोर। बीएसआई क्रिकेट मैदान पर खेली जा रही राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में सोमवार को क्रिकेट टीम नही आने के कारण कोई मैच नही खेला गया। इस संबंध में जिला क्रिकेट एसोसिएशन के प्रवक्ता मनोज दीक्षित मामा ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता का क्वाटर फाइनल दौर मंगलवार से शुरू हो रहा है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता का पहला क्वाटर फाइनल मैच सुबह साढ़े आठ बजे सीहोर क्लब क्रिकेट टीम और एवरग्रीन आष्टा क्रिकेट टीम के मध्य खेला जाएगा। वही प्रतियोगिता का दूसरा मैच दोपहर डेढ़ बजे बैरागढ़ क्रिकेट टीम और उज्जैन क्रिकेट टीम के मध्य खेला जाएगा। क्वाटर मैच की तैयारियां पूर्ण हो गई है।

वे जाते जाते भी दो लोगों को रोशनी दे गए

सीहोर। जीवन भर समाज को मार्गदर्शन देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेठ भगवान दास अग्रवाल के नेत्रदान से दो लोगों के जीवन में रोशनी फैलेगी। श्री अग्रवाल के परिजनों ने नेत्रदान कर समाज के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
रविवार को सेठ भगवान दास अग्रवाल ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा वरिष्ठ समाज सेवी के रुप में श्री अग्रवाल ने शहर में वशिष्ठ पहचान स्थापित की थी। उनका अंतिम संस्कार रविवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। परिजनों ने संकट की इस घड़ी में भी धेर्य का परिचय देते हुए उनकी इच्छा के अनुरुप नेत्रदान करने का निर्णय लिया। चिकित्सकों ने उनके नेत्र प्राप्त कर भोपाल भेजे जहां पर दो नेत्रहीन लोगों को नेत्र प्रत्यारोपित किए जाएंगे। इस प्रकार श्री अग्रवाल ने जीवन भर समाज की सेवा की और जाते जाते भी उनके नेत्रों से दो परिवारों के जीवन में उजियारा होगा। श्री अग्रवाल सीहोर के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ तथा बसंत भंवर नर्सिंग होम संचालक डा.कैलाश अग्रवाल के पिता थे। विधायक रमेश सक्सेना ने सेठ भगवान दास अग्रवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए नेत्रदान कराने के लिए उनके परिवार के प्रति आभार प्रकट किया है।

Sunday, February 13, 2011

स्वाती जैन बनी मिस भोपाल

सीहोर। स्थानीय बीएसआई हेल्थ एंड स्पोट्र्स क्लब में स्थित कराते एसोसिएशन की कराते खिलाड़ी और शारदा स्कूल की छात्रा स्वाती जैन ने राजधानी भोपाल में अरीफ अकील फेंस क्लब के तत्वाधान में सरा-ए-सिकंदरी में पैरहन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें भोपाल की कई माडलों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। लेकिन जिले की एक मात्र छात्र ने अन्य सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ते हुए मिस पैरहन का ताज हासिल किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए कराते क्लब के मुख्य प्रशिक्षक लखन ठाकुर ने बताया कि इस अवसर पर क्लब के अन्य खिलाडिय़ों ने सम्मान किया। बधाई देने वालों में प्रमोद पटेल, विमला ठाकुर, अखिलेश राय, हरीश राठौर, रजनीश शर्मा, ओम राय, मनोज दीक्षित मामा, आनंद स्वामी, भगवान राजपूत, आशीष शर्मा, सोनू शर्मा, निधि यादव, कमलेश मेवाड़ा, रति शर्मा, कृष्णा कुशवाहा, मदन कुशवाहा, लखन गोहिया, विनेश चौहान, सोनू राय, चेतन मेवाड़ा, राजेश विलय, पवन धनगर, विनोद डाबी आदि शामिल है।

सीहोर और देवास क्रिकेट टीम क्वाटर फाइनल में

सिद्धपुर क्रिकेट ट्राफी राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता
सीहोर। सीहोर क्रिकेट टीम के तूफानी गेंदबाज गौरव खरे की आग उगती गेंदबाजी तीन ओवर में चौदह रन देकर तीन विकेट के आगे विदिशा क्रिकेट टीम नौ विकेट से हराकर क्रिकेट प्रतियोगिता से बाहर हो गई। वही दूसरे मैच में देवास टीम के हरफनमौला क्रिकेटर जमील के दोहरे प्रदर्शन की बदौलत एक रोमांचक मैच में देवास टीम ने टूर्नामेंट में एक बड़ा उलट फेर करते हुए भोपाल की जानी मानी सेंट माइकल क्रिकेट टीम को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया।
बीएसआई क्रिकेट मैदान पर खेली जा रही राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे खेले गए पहले मैच में विदिशा टीम के कप्तान ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी विदिशा क्रिकेट टीम सीहोर क्रिकेट टीम के तूफानी गेंदबाज गौरव खरे की तीन ओवर में चौदह रन देकर तीन विकेट की गेंदबाजी के चलते बेबस नजर आए। इस तरह विदिशा क्रिकेट टीम मात्र पंद्रह ओवर में 70 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इसमें आशीष ने 25 गेंदों पर 25 रन और अनिल चंदेल ने 11 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली। इसके अलावा कोई भी बल्लेबाज अधिक देर क्रीज पर नही टिक सका। सीहोर क्रिकेट टीम की तरफ से गेंदबाजी करते हुए चेतन मेवाड़ा ने तीन ओवर में 19 रन देकर दो विकेट, मयंक ने तीन ओवर में आठ रन देकर एक विकेट, आशीष मेवाडा ने एक विकेट और सचिन कीर ने दो विकेट प्राप्त किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला क्रिकेट एसोसिएशन के प्रवक्ता मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी सीहोर टीम ने एक विकेट के नुकसान पर विजयी लक्ष्य हासिल कर प्रतियोगिता के क्वाटर फाइनल में प्रवेश किया। सीहोर की ओर से खेलते हुए टीम के कप्तान आशीष शर्मा ने बीस रन, मोहनिश त्रिवेदी ने 27 रन और मदन कुशवाहा ने 11 रनों की आतिशी पारी खेली।
देवास ने भोपाल को तीन विकेट से हराया
वही दूसरे मैच में सेंटमाइकल स्कूल क्रिकेट टीम भोपाल के कप्तान परवेज उल्ला ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भोपाल टीम ने निर्धारित बीस ओवर में नौ विकेट खोकर 134 रनों का स्कोर खड़ा किया। जिसमें सुबूर बेग ने 21 रन और जूबेर रजा व साहब खान ने 19-19 रनों की आतिशी पारियां खेली। डीएम देवास की ओर से गेंदबाजी करते हुए देवानंद ने चार ओवर में इक्कीस रन देकर तीन विकेट, नितेश ने चार ओवर में उन्तीस रन देकर दो विकेट और जमील ने तीन ओवर में 18 रन देकर दो विकेट प्राप्त किए।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी डीएम देवास ने एक रोमांचक मुकाबले में सेंट माइकल भोपाल क्रिकेट टीम को तीन विकेट से हराकर प्रतियोगिता के क्वाटर फाइनल में प्रवेश किया। देवास टीम की ओर से माधन ने 36 गेंदों पर 36 रन, राहुल बक्सी ने 16 गेंदों पर 18 रन और जमील ने मात्र चार गेंदों पर 13 रनों की धुआंधार पारी खेली।  श्री दीक्षित ने बताया कि सोमवार को प्रतियोगिता में सुबह नौ बजे उज्जैन और दादू साहब भोपाल एवं बैरागढ़ और भोपाल के मध्य मैच खेला जाएगा। दोनों मैन आफ द मैच ओम मेडिकल की ओर से प्रदान किए गए।



सांस्कृतिक मंच ने किया विरोध

सीहोर। सीहोर सांस्कृतिक मंच ने वैलेंटाइन दिवस का विरोध करते हुए कहा कि इन दिनों कुछ तो हिंदी में बुरी तरह से घुसपैठ कर रही अंग्रेजियत और कुछ भाषा के अज्ञान के चलते बड़ा अनर्थ हो रहा है। हमारी वह भाषा जो एक तरह से हमारी मां है, हमारी अभिव्यक्ति का जरिया है और जिसकी बांह थाम हम अपनी जीविका चलाते हैं आज उसका जाने-अनजाने घोर निरादर और अपमान हो रहा है। भाषा भदेस हो रही है या की जा रही है और उसके साथ जम कर छेड़छाड़ और खिलवाड़ हो रहा है। चाहे प्रिंट मीडिया से जुड़े लोग हों या इलेक्ट्रानिक मीडिया के लोग, शिक्षक हों या आलोचक और कथाकार सब इस बात से सहमत होंगे कि उनकी अभिव्यक्ति का आधार सिर्फ और सिर्फ भाषा है। उसका ज्ञान उनसे छीन लिया जाये तो वे मूक और लाचार हो जायेंगे। आज उसी भाषा के साथ जिस तरह से छेड़छाड़ हो रही है वह चिंता का विषय है। ऐसे में जिन्हें भाषा से प्यार है, यह जिनकी अन्नदाता है उनका यह कर्तव्य बनता है कि वे पल भर रुकें और भाषा पर कुछ विमर्श करें। जो गलत प्रयोग हो रहे हैं, उन्हें रोकने के लिए सक्रिय और सचेष्ट हों। वैलेंटाइन दिवस की पूर्व संध्या पर नगर के बड़ा बाजार में विरोध स्वरूप प्रदर्शन किया। विरोध करने वालों में मंच के आशीष गुप्ता, पवन गुप्ता, निलेश जैन, भगत सिंह, मनोज दीक्षित मामा, देवेश अग्रवाल, कमलेश पारिख, विशाल सेन, मोहित गोयल, राइल वियाणी, जलज छोकर आदि शामिल थे।

हरि ओम-हरि ओम, जय-जय श्री आसाराम के भंजनों से गूंजा वातावरण

साधना के द्वारा ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है-साध्वी सरिता बहन
सीहोर। भगवान कैसे? आप जैसा चाहते हो वैसे। भगवान की अपनी कोई जाति नही। भगवान का अपना कोई रूप रंग नही। जिस रूप-रंग से आप चाहते हो, उसी रूप रंग से वे समर्थ प्रकट हो जाते है। ईश्वर को पाने के लिए साधना जरूरी है। साधना के द्वारा ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। उक्त उद्गार स्थानीय सिंधी कालोनी मैदान पर श्री योग वेदान्त सेवा समिति के तत्वाधान में जारी दिव्य सत्संग के दौरान भक्ति, योग और वेदांत के अनुभव निष्ठ सत्पुरुष संत श्री आसाराम जी बापू की कृपा पात्र शिष्या साध्वी सरिता बहन ने सत्संग रूपी द्वितीय दिवस में पधारे सभी साधकों और भक्तों को प्रणाम करते हुए कहे।
उन्होंने आगे कहा कि एक आदमी किसी संत के पास पहुंचा। उसने देखा संत नर्सरी से पौधे निकालकर क्यारी में पौधे लगा रहे है। उसने संत की क्रियाओं को देखा। उससे रहा नही गया तो उसने पूर्ण जिज्ञासा में डूबकर संत से कहा कि आप यह क्या कर रहे है? आप तो इतने बड़ संत है। फिर इधर-उधर क्यों पौधारोपण करते है। संत ने कुछ नही कहा अपने कार्य में विलीन हो गए। कुछ देर बाद सभी पौधे लगाने के बाद उन्होंने कहा कि तुम ईश्वर की प्राप्ति करना चाहते होते हो तो सबसे पहले अपने इधर-उधर के ख्याल को सीमित करो तभी तुम ईश्वर को प्राप्त कर सकते हो।
साध्वी बहन ने आगे कहा कि साधक आत्मा में विश्रांति पाता है तो गुरु की प्रेमपूर्ण कृपा उस पर बरसती है। जो मैं देहरूप होकर दिख रहा हूँ, वह मैं नहीं हूँ। यह एक देह, नात-जात या मत-पंथ मेरा नहीं है। जो दिख रहा हूँ, वैसा मैं नहीं हूँ। किसी देश में या प्रांत में अथवा किसी काल में या किसी रूप में जैसा दिखता हूँ, वैसा मैं नहीं हूँ।
बहन ने आगे कहा कि ऐसी कोई जगह नहीं जहाँ से तू मुझसे बाहर निकल सके। ऐसा कोई समय नहीं जब मैं नहीं हूँ। ऐसा कोई कर्म नहीं जो तू मुझसे छिपा सके। तत्व से तू मेरा अनुभव करे तो तू मुझमें ही रहता है, मुझमें ही बोलता है। मैं तुझे यह गोपनीय बात बता रहा हूँ। देह की आकृति से मैं लेता देता, कहता सुनता दिखता हूँ, इतना मैं नहीं हूँ। तू देह में बँधा है, इसलिए देह में रहकर तुझे जगाना होता है। साधना और भक्ति से ईश्वर मिलता है। जब तक हम हमारे अंदर का विवेक नही जाग्रत करेंगे। तब तक हम ईश्वर से दूर है। ईश्वर के लिए घर, दुकान और नौकरी नहीं छोडऩा है। हमें ध्यान से कार्य करना है। तभी ईश्वर की प्राप्ति होगी।
मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम
रविवार को प्रवचन के उपरांत मातृ-पित का पूजन का सिलसिला शुरू हुआ। इस अवसर पर साध्वी सरिता बहन ने यहां पर आए साधकों और भक्तों को माता-पिता की प्रदक्षिणा व उन्हें प्रणाम करके असीम प्राप्त करने की कुंजी के बारे में ज्ञान दिया। उन्होंने बताया कि अपने बच्चों को स्वस्थ, प्रसन्नचित्त, उत्साही, एकाग्र, लक्ष्यभेदी एवं कार्यकुशल बनाने हेतु क्या किया जाना चाहिए। मैदान में संगीतमय सत्संग के दौरान हरि ओम-हरि ओम, जय-जय श्री आसाराम के भंजनों से वातावरण गूंजा।

सोने की चिडिय़ों को हमने कचरे की चिडिय़ा बना दिया- स्वामी रामकमल दास महाराज

श्रीराम कथा के दौरान उमड़ा जन सैलाब
सीहोर। भारत युगों-युगों तक सोने की चिडिय़ा था। लेकिन वर्तमान की कार्यशैली ने इस देश को सोने की चिडिय़ा बना दिया है। अब हमें प्रभु श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेते हुए मानव को मर्यादाओं का पालन करना सिख कर विश्व में फैल रही अशांति की आग को शांत करना चाहिए। वैदिक इतिहास ऐसे महापुरुषों को जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा पडा है। वैदिक मान्यता के अनुसार हम सदैव दूसरों को सुखी करके ही स्वयं सुखी हो सकते हैं। दूसरों को दुखी करके मनुष्य सुखी नहीं रह सकता है। कोई भी मनुष्य तभी सुखी रह सकता है जब उसके आस-पास का वातावरण सुख और शांति से परिपूर्ण हो। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति के तत्वाधान में मानस सम्मेलन संगीतमयी श्री रामकथा के दौरान परम पूज्यनीय स्वामी रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने कही। रविवार को बड़ी संख्या में आस-पास के लोगों ने कथा का आनंद लिया।
उन्होंने कहा कि राम का सम्पूर्ण जीवन आदर्शो और मर्यादाओं से भरा हुआ है इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहा जाता है। राम ने वेद के बताए मार्ग पर चलते हुए पिता के राज्य को त्याग पूर्वक भोगा। जब उन्हें राज्य से दूर हटने के लिए पिता का आदेश मिला तो उन्होंने इस आदेश को भी प्रसन्नतापूर्वक वैसे ही स्वीकार कर लिया जैसे राजा दशरथ द्वारा उनके राज तिलक कराने के फैसले को उन्होंने स्वीकार किया था। राज तिलक घोषणा के कारण वह न तो प्रसन्नता हुए और न ही वन जाने के पिता के आदेश के बाद अत्यधिक दुखी हुए। उन्होंने कहा कि दुनिया में रहने का सही तरीका भी यही है जो व्यक्ति दुख में न अधिक दुखी और सुख में न अधिक सुखी होता है। वह हमेशा दुखों से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि राम ने अति कष्ट सहते हुए भी मर्यादाओं को नहीं टूटने दिया इसलिए वे महान कहलाए।
मर्यादा का अनुकरणीय उदाहरण
उन्होंने पिता-पुत्र, भाई-भाई, पति-पत्नी और मां-बेटे के बीच संबंधों की मर्यादा का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। आज हम उनके आचरण को पूरी तरह से भूल चुके हैं। यही कारण है कि आज परिवारों का विघटन हो रहा है। लोग अपने कर्तव्यों को भूलकर अधिकारों को पाने की होड में लगे हैं। उन्होंने कहा कि हमें भगवान राम द्वारा स्थापित की गई मर्यादाओं के अनुसार आचरण करके जीवन को सुखी बनाने का व्रत लेना चाहिए।
राम की कथा के श्रवण से पापों से मुक्ति
परमात्मा के चरणों में ही जीवन है, उसी की छाया में विश्व फल-फूल रहा है। यही परमात्मा यानी राम की कथा के श्रवण से कोटि-कोटि पापों का क्षय हो जाता है। जिसने भी रामकथा की सरिता में गोते लगाए, समझो उसने अपने उद्धारक सेतु का निर्माण कर लिया।
ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति, बाजार बरखेड़ा के तत्वाधान में मानस सम्मेलन संगीतमयी श्रीराम कथा में बड़ी संख्या में आस-पास के ग्रामों के भी श्रद्धालुओं की काफी तादात देखी जा सकती है। यहां पर प्रतिदिन दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक संगीतमयी श्रीराम कथा का आयोजन जारी है।

याददाश्त बढ़ाने के फंडे बताए

सीहोर। रविवार की सुबह उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक रही जो यह मानते थे कि उनकी याददाश्त कमजोर है। इनके लिए एक शिविर का आयोजन किया जाकर उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया। बल्यू बर्ड स्कूल में शहर भर के विद्यार्थियों को याददाश्त बढ़ाने के तरीके राजधानी की संस्था इंजीनियरिंग एकेडमी तथा गार्गी इंस्टीट्यूट संस्था द्वारा सिखाए गए। इंजीनियरिंग एकेडमी तथा गार्गी इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर अनवर कुरैशी, एसके जैन, आरवी चौधरी, अनंत आचार्य आदि ने कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय  शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रुप से याददाश्त बढ़ाने के तरीके बताए गए। शिक्षाविदें ने बताया कि मिनिटों के कार्य को सेकेंड में करने, अपने विल पावर को बढ़ाने तथा सकारात्मक सोच रखने से प्रगति के पथ पर अन्य की तुलना में कहीं अधिक सफलता मिलती है। याददाश्त को बढ़ाने के लिए अपना विल पावर सकरात्मक सोच से बढ़ाकर अध्यन करने की प्रवृति विकसित करने की बात कहते हुए कई अन्य टिप्स भी विद्यार्थियों को दी गई।

लापता युवक मिला

सीहोर। निकटवर्ती ग्राम शाहपुर कोढिय़ा के लापता युवक का पता चल जाने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है। पुलिस युवक से पूछताछ कर निष्कर्ष पर पहुंचने का प्रयास कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार ग्राम शाहपुर कोढिय़ा निवासी 40 वर्षीय नारायण सिंह आत्मज मिश्रीलाल 7 फरवरी को अपने कार्य से गांव आया था, शाम करीब पांच बजे नारायण सिंह ने अपने घर पर फोन करके सूचना दी कि उसकी बाइक सीहोर में तहसील कार्यालय पर खड़ी है, उसे आकर ले जाना मैं जब लौटकर आऊंगा तो बाइक मंगा लूंगा पर वो लौटकर नहीं आया जिससे परिजनों ने उसे आसपास तलाशा पर मिला नहीं और न ही रिश्तेदारों के पास जाने की जानकारी मिली है। कहीं पर कोई पता नहीं चलने पर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई । लापता युवक गांव और शहर में जमीन बेचने और खरीदने का कार्य करता है जिसको लेकर भोपाल तथा अन्य शहरों के भी लोग लगातार उसके संपर्क में रहा करते है, उसका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा था। नारायण सिंह के भाई मोरसिंह द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर अपने परिजनों के साथ उसकी तलाश की जा रही थी जिन्हें गत दिवस उसे देवास के समीप से परिजनों ने तलाश करने में सफलता प्राप्त कर ली है। बताया जाता है कि युवक ने पुलिस को बताया है कि उसे कोई फंदा ले गया था वहां से उसे देवास तक कौन लाया था यह याद नहीं है। पुलिस का कहना है कि युवक कुछ कर्जदारों से भी परेशान चल रहा था जिसके कारण वो घर छौड़कर भाग गया था। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

और दबा दी गई युवक की आवाज

इंशात के हत्यारों की गिरफ्तारी की कर रहा था मांग
पुलिस ने जबरिया उठाया युवक को,
कहा बिना अनुमति कर रहा था प्रदर्शन
सीहोर.छात्र इंशात शर्मा के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक युवक कोतवाली चौराहें पर अनशन पर बैठ गया। इस युवक ने बकायदा बैनर-पोस्टर लगाकर विरोध किया जा रहा था, युवक के इस विरोध से गुस्साई कोतवाली पुलिस उसे अलग-अलग कारण गिनाते हुए गिरफ्तार कर उठा ले गई। इधर जिस पार्टी से यह युवक संबंध रखता है उसके पदाधिकारियों को देर रात तक इस मामले की खबर ही नहीं लग पाई थी।
जानकारी के अनुसार नगर के कोतवाली चौराहें पर एनएसयूआई कार्यकर्ता चेतनधर द्वारा इंशात शर्मा के हत्यारों को पकडऩे की मांग को लेकर कोतवाली चौराहें पर अनशन की तैयारी की जा रही थी, इस छात्र नेता द्वारा बैनर-पोस्टर के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शित करने के साथ ही कोतवाली के सामने धरना दिया जा रहा था, लेकिन इस विरोध से बौखलाई पुलिस ने उसे अलग-अलग कारण गिनाते हुए सीधे हवालात की राह दिखा दी।
नहीं लगी कांग्रेसियों को खबर
इधर दोपहर बाद नगर के मुख्य चौराहें पर हुई इस घटना की कांग्रेस के छात्र नेताओं को देर रात तक खबर नहीं लग पाई थी। युवा कांग्रेस व एनएसयूआई के पदाधिकारियों को देर रात नौ बजे के बाद इस मामले की सूचना मिलने पर वे कोतवाली पहुंचे, लेकिन तब तक युवक को जेल भेज दिया गया था।
कर रहा था अभद्रता
इस मामले में कोतवाली टीआई सीआर मीना ने बताया कि युवक द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभद्रता की गई थी, साथ ही अशोभनीय भाषा का प्रयोग भी किया जा रहा था, उसके पास प्रदर्शन करने की अनुमति भी नहीं थी, जिसके चलते उस पर 151 की कार्रवाई की गई है।
25 दिन बाद भी नहीं लगा सुराग
इधर इंशात शर्मा हत्याकांड में जुड़ी आधा दर्जन टीमें इस घटना के 25 दिन गुजर जाने के बाद भी खाली हाथ ही है, क्राइंम ब्रांच भोपाल से लेकर सीआई डी और जिला पुलिस तक इस सनसनीखेज मामले में 25 दिन बाद भी पूरी तरह खाली हाथ हैं, कई बार पुलिस ने मामले का खुलासा जल्द होने का दावा किया, लेकिन इस मामले में अब तक कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लग सकी है। न ही कोई बड़ा सबूत हाथ लगा है, छात्र के स्कूल बेग से लेकर मोबाइल तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है।

घर को स्वच्छ रखोगे तो लक्ष्मी का वास होगा

सीहोर.घर को स्वच्छ रखोगे तो लक्ष्मी का वास होगा, स्वच्छता नहीं रखोगे तो दरिद्रता आएगी। जिनके जन्म जन्मांतरों के पुण्य एकत्रित होते हैं, उन्हें सत्संग का लाभ मिलता है और जिनके पूर्व जन्म के पाप इक्ट्ठे होते हैं, उन्हें सत्संग का पुण्य कभी नहीं मिलता, मनुष्य जन्म हमें इसलिए मिलता है कि हम इसे जानकर मुक्ति का द्वार प्रशस्त करें, इसलिए भज लें हरि को एक दिन तो जाना है, यदि हमने जीवन में ईश्वर का भजन नहीं, साधना नहीं की तो हम पशु के सामान है। यह बातें संत आशाराम बापू की परमशिष्या सरिता बहन ने नगर के सिंधी कालोनी मैदान पर शनिवार से प्रारंभ हुई कथा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि गौमाता के शरीर में ३३ करोड़ देवी-देवताओं का स्थान होता है। गाय के गोबर से लिपने पर घर की शुद्धि हो जाती है, गौमूत्र अनेक बीमारियों को दूर करता है। शास्त्रों के अनुसार यदि एक तौला सोना देकर भी गौमूत्र प्राप्त हो तो सौदा सस्ता है। आज का मनुष्य इसलिए दुखी है तो घर में यह सामान नहीं है, वह सामान नहीं है, इसी को जुटाने में वह अपनी उम्र गुजार देता है किन्तु यह नहीं सोचता कि हम जिस हालात में है उसी में प्रसन्न रहकर प्रभु का नियमित भजन करें। महिलाएं अपना हर कार्य ईश्वर के निमित्त करें तो दिनभर भजन होता रहेगा। सत्संग से सुख मिलता है, बुराईयां दूर भागती हैं, सत्संग से सच्चा ज्ञान मिलता है, सत्संग से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसके पूर्व कथा का शुभारंभ समाजसेवी मनोहर राय व अन्य लोगों ने संतश्री के चित्र पर माल्र्यापण कर किया। कार्यक्रम में पहले दिन बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि १४ फरवरी को वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए बापू के निर्देशानुसार सभी जगह १४ फरवरी को मातृ पिता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी के तहत १४ फरवरी को कथा स्थल पर मातृ पितृ दिवस मनाया जाएगा। समिति द्वारा सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मात्र मातृ-पितृ की पूजन की तैयारी कर पूजा स्थल पर पहुंचे।

भगवान श्रीराम जन-जन के नायक है-स्वामी रामकमलदास वेदांती महाराज काशी

सीहोर। समाज में राम के आदर्श इस प्रकार प्रसारित होने चाहिये कि वे केवल ज्ञान विलास की वस्तु बनकर ही न रह जायें, बल्कि ये आदर्श, व्यक्ति के चरित्र में सम्माहित हों। जब तक मनुष्य में दैवीय गुण जाग्रत नहीं होंगे, उनमें मानवीयता का भाव नहीं आयेगा। हमारी संस्कृति में भगवान श्रीराम को जन-जन का नायक माना गया है। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में कथा के दूसरे दिन शनिवार को बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति बाजार बरखेड़ा हसन के तत्वाधान में मानस सम्मेलन में संगीतमयी श्रीराम कथा को संबोधित करते हुए रामकमल दास वेदांती महाराज काशी ने कही।
उन्होंने कहा कि श्रीराम में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों के गुण विराजमान हैं। मनुष्य रूप में उनके जैसे स्थितप्रज्ञ व्यक्ति विरले ही मिलते हैं। भगवान श्रीराम ने जन-सामान्य को स्वतंत्रता से अधिक मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने सदैव कर्तव्यों का निर्वाह करने का आदर्श प्रस्तुत किया। यह बात उनके चरित्र में इस तरह प्रकट होती है कि वे अपनी प्रजा की आकांक्षाओं को देखते हुए अपने पारिवारिक सुखों का त्याग करने से भी नहीं चूके। वर्तमान में भारतीय समाज में संयुक्त परिवार टूटने लगे हैं। केवल कानून के भरोसे समाज को बचाना कठिन कार्य है। साधु-संतों को समाज में श्रीराम का चरित्र इस तरह प्रसारित करना चाहिये, जिससे लोगों में चारित्रक उत्थान और परस्पर जवाबदेही का भाव बढ़े। स्वामी जी ने आगे कहा कि रामकथा भारतीय संस्कृति का प्राण है। चिरकाल से हमारे देश में रामकथा का श्रवण और गायन होता रहा है। प्रभु श्रीराम के चरित्र को जिसने जैसा देखा वैसा ही वर्णन किया। उन्होंने कहा कि विदेशी शासनकाल में भी श्रीराम की सत्ता पर कोई विपरीत असर नहीं डाल सका। उल्टा श्रीराम की सत्ता को अस्वीकार करने वालों का ही पराभव हुआ। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास का कथा वर्णन सरल और गूढ़ है। संत परम्परा में रामकथा के गायन और वाचन में भक्ति, ज्ञान और कर्म का अद्भुत समन्वय है। प्रभु श्रीराम हर मानव के भीतर मौजूद हैं। राम का चरित्र प्रेरणादायक है। उनको जानना, समझना और आचरण में उतारना मानव जीवन का कर्तव्य है। लेकिन राम का दर्शन तभी हो पाएगा जब हम पूर्ण सद्गुरु की कृपा से सूक्ष्म जगत में जाएंगे। उन्होंने कहा कि मनुष्य अधिक पुण्य न करे, तो कोई बाधा नहीं है लेकिन उसे पाप भी नहीं करना चाहिए। ज्ञानी को यह जगत आनंदमय लगता है जबकि अज्ञानी को यह जगत बिगड़ा हुआ।
कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र मर्यादा पुरूषोत्तम का चरित्र है तथा राम के रूप में भगवान ने समाज को यह बतलाया है कि एक पुत्र का पिता के प्रति, भाई का भाई के प्रति, पत्नी का पति के प्रति, स्वामी का सेवक के प्रति, राजा का प्रजा के प्रति क्या कर्तव्य है। भगवान राम ने सभी संबधों के प्रति दायित्व निवर्हन का पाठ समाज को पढ़ाया है। वर्तमान समय में समाज एवं शासन चलाने वाले व्यक्तियों को भगवान राम के चरित्र से शिक्षा लेनी चाहिए जिससे सही प्रकार से समाज एवं सरकार का संचालन हो। भगवान राम राजा के रूप में अपनी प्रजा को अपना इष्टदेव मानते थे तथा श्रीमद्भागवत आध्यात्मिक कथा है। जो प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में चलती रहती है।

Saturday, February 12, 2011

भी समस्याओं का हल श्रीरामचरित मानस में छिपा है

ग्राम बरखेड़ा हसन रंगा श्रीराम कथा के रंग में
सीहोर। रामकथा इनसान को जीवन जीने का सार्थक मार्ग दिखाती है। आज के युग में सभी समस्याओं का हल श्रीरामचरित मानस में छिपा है। रामकथा सुनने मात्र से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसे आचरण में उतारना होगा। ऐसा करने से जीवन में अद्भुत परिवर्तन खुद-ब-खुद आ जाएगा। थाने, कोर्ट की भागदौड़, मुकदमेबाजी सभी व्यथाएं समाप्त हो जाएंगी। धन, संपत्ति, सत्ता का प्रलोभन इंसान को विचलित नहीं करेगा। घर भी मंदिर की तरह बन जाएगा। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति के तत्वाधान में मानस स मेलन संगीतमयी श्रीरामकथा के दौरान परम पूज्यनीय स्वामी रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने कही उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ भक्ति का मिश्रण हो जाए तो जीवन सुधर सकता है। ज्ञान रस है तो भक्ति गुल्ला है। जब दोनों मिलते है तो रसगुल्ला बन जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनजीवन में ही नहीं, बल्कि विश्व-संस्कृति में भी इस अमर कृति का विशिष्ट स्थान है। जीवन के हर प्रसंग में रामायण की याद आती है और हर व्यक्ति की जीवनी राम कहानी सी लगती है। समता, ममता और समरसता पर आधारित मानव जीवन की इसी मधुर मनोहारिता का मार्मिक चित्रण ही कवि की अनर्घ सृष्टि का बज है। यही बीज रामायण के विविध प्रसंगों में पल्लवित होकर अंत में राम-राज्य के शुभोदय में सुन्दर पारिजात के रूप में विकसित होता है। यही रामायण का परमार्थ है, रामकथा नवनीत है और यही है आदिकवि का आत्मदर्शन। उन्होंने इस अवसर पर राजा जनक के विषय में बताया कि किस तरह से राजा जनक को भगवान श्रीराम के कारण कीर्ति मिली। बिना राम के राज जनक की कोई पहचान नही थी। विश्वामित्र के बारे में श्रद्धालुओं को बताया कैसे भगवान श्रीराम और लक्ष्मण निशाचरों और राक्षसों का अंत करने लगे। इस संबंध में बताया। वही सत्य और धर्म, भक्ति और मुक्ति भोग, और त्याग, अनुराग और विराग इन सबका समन्वय प्रस्तुत करनेवाली प्रशस्त रचना रामायण वास्तव में भारतीयता का अक्षय कोश है। इसकी जानकारी श्रद्धालुओं को दी। आज कथा की शुरुआत में श्रीमती उषा सक्सेना, जनपद अध्यक्ष संतोष कुंवर, भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष देवेन्द्र सक्सेना, वरिष्ठï नेता हेम सिंह ठाकुर मार्केटिंग सोसाइटी के अध्यक्ष अमर सिंह मीणा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मायाराम गौर, प्रदीप सक्सेना,
राधेश्याम आदि ने व्यासगादी की पूजा अर्चना कर कथा की विधिवत शुरुआत कराई। कथा स्थल पर व्यापक तैयारियाँ कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया गया है। आज से लगातार बरखेड़ाहसन में श्रीरामरस में गंगा बहती रहेगी। विधायक रमेश सक्सेना ने सभी धर्मप्रेमियों से श्रीरामकथा में उपस्थित होने का अनुरोध किया है। अपील करने वालों में प्रमुख रूप से संतोष खेमरिया, रमेश साहू, अशोक कुशवाहा, ओमप्रकाश राजपूत, विवेक सेन, रमेश राजपूत, नीतेश ओझा, राजेश साहू, भोलू ओझा, महेश साहू, विरेन्द्र सेन, प्रदीप शर्मा महेश शर्मा, विद्यासागर, डॉ. रमेश, तुलसीराम प्रजापति, नंद किशोर विश्वकर्मा, रमेश राजपूत, राकेश राजपूत, प्रेम भारती, झन्नू सेन, राजेश गिरी, विकास विश्वकर्मा, लखन कुशवाहा और सतीश धूत आदि बड़ी
सं या में ग्रामीण जन शामिल थे।

रामकथा इनसान को जीवन जीने का सार्थक मार्ग दिखाती है-रामकमल दास वेदांती जी महाराज

ग्राम बरखेड़ा हसन रंगा श्रीराम कथा के रंग में
सीहोर। रामकथा इनसान को जीवन जीने का सार्थक मार्ग दिखाती है। आजके युग में सभी समस्याओं का हल श्रीरामचरित मानस में छिपा है। रामकथा सुनने मात्र से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसे आचरण में उतारना होगा। ऐसा करने से जीवन में अद्भुत परिवर्तन खुद-ब-खुद आ जाएगा। थाने, कोर्ट की भागदौड़, मुकदमेबाजी सभी व्यथाएं समाप्त हो जाएंगी। धन, संपत्ति, सत्ता का प्रलोभन इंसान को विचलित नहीं करेगा। घर भी मंदिर की तरह बन जाएगा। उक्त उद्गार ग्राम बरखेड़ा हसन में बजरंग वाहिनी समिति एवं मानस प्रचार समिति के तत्वाधान में मानस स मेलन संगीतमयी श्रीरामकथा के दौरान परम पूज्यनीय स्वामी रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने कही उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ भक्ति का मिश्रण हो जाए तो जीवन सुधर सकता है। ज्ञान रस है तो भक्ति गुल्ला है। जब दोनों मिलते है तो रसगुल्ला बन जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनजीवन में ही नहीं, बल्कि विश्व-संस्कृति में भी इस अमर कृति का विशिष्ट स्थान है। जीवन के हर प्रसंग में रामायण की याद आती है और हर व्यक्ति की जीवनी राम कहानी सी लगती है। समता, ममता और समरसता पर आधारित मानव जीवन की इसी मधुर मनोहारिता का मार्मिक चित्रण ही कवि की अनर्घ सृष्टि का बज है। यही बीज रामायण के विविध प्रसंगों में पल्लवित होकर अंत में राम-राज्य के शुभोदय में सुन्दर पारिजात के रूप में विकसित होता है। यही रामायण का परमार्थ है, रामकथा नवनीत है और यही है आदिकवि का आत्मदर्शन। उन्होंने इस अवसर पर राजा जनक के विषय में बताया कि किस तरह से राजा जनक को भगवान श्रीराम के कारण कीर्ति मिली। बिना राम के राज जनक की कोई पहचान नही थी। विश्वामित्र के बारे में श्रद्धालुओं को बताया कैसे भगवान श्रीराम और लक्ष्मण निशाचरों और राक्षसों का अंत करने लगे। इस संबंध में बताया। वही सत्य और धर्म, भक्ति और मुक्ति भोग, और त्याग, अनुराग और विराग इन सबका समन्वय प्रस्तुत करनेवाली प्रशस्त रचना रामायण वास्तव में भारतीयता का अक्षय कोश है। इसकी जानकारी श्रद्धालुओं को दी। आज कथा की शुरुआत में श्रीमती उषा सक्सेना, जनपद अध्यक्ष संतोष कुंवर, भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष देवेन्द्र सक्सेना, वरिष्ठï नेता हेम सिंह ठाकुर मार्केटिंग सोसाइटी के अध्यक्ष अमर सिंह मीणा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मायाराम गौर, प्रदीप सक्सेना,
राधेश्याम आदि ने व्यासगादी की पूजा अर्चना कर कथा की विधिवत शुरुआत कराई। कथा स्थल पर व्यापक तैयारियाँ कर इसे भव्य स्वरुप प्रदान किया गया है। आज से लगातार बरखेड़ाहसन में श्रीरामरस में गंगा बहती रहेगी। विधायक रमेश सक्सेना ने सभी धर्मप्रेमियों से श्रीरामकथा में उपस्थित होने का अनुरोध किया है। अपील करने वालों में प्रमुख रूप से संतोष खेमरिया, रमेश साहू, अशोक कुशवाहा, ओमप्रकाश राजपूत, विवेक सेन, रमेश राजपूत, नीतेश ओझा, राजेश साहू, भोलू ओझा, महेश साहू, विरेन्द्र सेन, प्रदीप शर्मा महेश शर्मा, विद्यासागर, डॉ. रमेश, तुलसीराम प्रजापति, नंद किशोर विश्वकर्मा, रमेश राजपूत, राकेश राजपूत, प्रेम भारती, झन्नू सेन, राजेश गिरी, विकास विश्वकर्मा, लखन कुशवाहा और सतीश धूत आदि बड़ी
सं या में ग्रामीण जन शामिल थे।

Thursday, February 10, 2011

युवक के लापता होने से ग्रामीण हतप्रभ


तहसील कार्यालय के बाहर मिला वाहन
सीहोर। निकटवर्ती ग्राम शाहपुर कोढिय़ा के एक युवक के गायब हो जाने से ग्रामीण हतप्रभ रह गए है उसका वाहन जिला मुख्यालय पर तहसील कार्यालय से बरामद किया गया है। पुलिस ने गुमशुदगी का प्रकरण कायम कर जांच कार्य शुरू कर दिया है।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार ग्राम शाहपुर कोढिय़ा निवासी 40 वर्षीय नारायण सिंह आत्मज मिश्रीलाल 7 फरवरी को अपने कार्य से गांव आया था, शाम करीब पांच बजे नारायण सिंह ने अपने घर पर फोन करके सूचना दी कि उसकी बाइक सीहोर में तहसील कार्यालय पर खड़ी है, उसे आकर ले जाना मैं जब लौटकर आऊंगा तो बाइक मंगा लूंगा पर वो लौटकर नहीं आया जिससे परिजनों ने उसे आसपास तलाशा पर मिला नहीं और न ही रिश्तेदारों के पास जाने की जानकारी मिली है। कहीं पर कोई पता नहीं चलने पर कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने गुमशुदगी का प्रकरण कायम कर जांच कार्य शुरू कर दिया है पर इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उसका सुराग नहीं लग सका है। बताया जाता है वो गांव और शहर में जमीन बेचने और खरीदने का कार्य करता है जिसको लेकर भोपाल तथा अन्य शहरों के भी लोग लगातार उसके संपर्क में रहा करते है, उसका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा है। परिजनों के अनुसार कल जरुर उसका मोबाइल को किसी ने उठाया था पर उसकी आवाज की जगह बच्चों की आवाज आ रही थी। नारायण सिंह के भाई मोरसिंह द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर अपने परिजनों के साथ उसकी तलाश की जा रही है पर उसका कोई सुराग नहीं लग पा रहा है। जिससे ग्रामवासियों में भी चिंता का कारण बना हुआ है।

प्रवासी साहित्य पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करेंगें पंकज सुबीर

सीहोर  कथा यू.के. (लंदन) एवं डी.ए.वी.ल्र्कॉलेज, यमुना नगर (हरियाणा)  द्वारा भारत से बाहर लिखे जा रहे हिन्दी कथा साहित्य पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन यमुना नगर में किया जा रहा है । ज्ञानपीठ युवा पुरस्कार से सम्मानित सीहोर के कहानीकार पंकज सुबीर को इस संगोष्ठी में प्रवासी हिंदी साहित्य पर अपना उदबोधन देने के लिये विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है  । इस सेमिनार में आठ सत्र होंगे और इसमें विदेशों में बसे हिन्दी साहित्यकार एवं भारत के लेखक आलोचक प्रवासी साहित्य  पर विचार विमर्श करेंगे । युवा साहित्यकार पंकज सुबीर को विदेशों में लिखी जा रही हिंदी कहानी पर अपना उद्बोधन देने के लिये आमंत्रित किया गया है । इस सम्मेलन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, समाचारपत्रों एवं पत्रिकाओं के संपादक,  प्रमुख आलोचक, एवं प्रतिष्ठित प्रकाशकों भी भाग लेंगे । कथा यूके ब्रिटेन एवं अन्य देशों में कथा साहित्य पर कार्यक्रम आयोजित करती रही है। विदेशों में लिखे जा रहे कथा साहित्य पर पहली बार भारत में गंभीर चर्चा के आयोजन का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम 10, 11 और  12 फरवरी डी.ए.वी. कॉलेज यमुना नगर में आयोजित किया जाएगा।

हत्या के आरोपी दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास


सीहोर। जिला अदालत ने मंगलवार को ग्राम पाटेर अहमदपुर निवासी एक ग्रामीण युवक की हत्या के मामले में दो सगे भाइयों को आजीवन कारावास तथा एक-एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।अभियोजन के  अनुसार 20 मई 10 को शाम साढ़े चार बजे के करीब ग्राम पाटेर अहमदपुर निवासी 20 वर्षीय विक्रम पुत्र गोरधन मोटर साइकिल से ग्राम बांसिया स्थित नाले के पास से गुजर रहा था। इसी दौरान गाम बांसिया के दो
सगे भाई रामचरण और कासीराम पुत्र भंवरजी ने लाठी, फर्सी, कुल्हाड़ी से विक्रम को रोककर मारपीट की गई और लहूलुहान अवस्था में मरा समझकर फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल विक्रम को इलाज के लिए अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन विक्रम ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस मामले में अहमदपुर पुलिस ने हत्या का मामला कायम करने के बाद चालान जिला अदालत में प्रस्तुत किया गया था। जिला न्यायालय में अभियोजन पक्ष ने दस साक्ष्यिओं के कथन कराए गए। जिला और सत्र न्यायाधीश ने मामले में उभय पक्ष के कथन सुनने के पश्चात हत्या के आरोपी दोनों सगे भाइयों को आजीवन कारावास और एक-एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की और से पैरवी ओमप्रकाश मिश्रा ने की।

Friday, February 4, 2011



देश में हर साल 8 लाख कैंसर के मरीज बढ़ रहे है- डा.धारकर

लोगों का जागरुक होना आज की आवश्यकता
सीहोर। देश में इस समय करीब 25 लाख लोग कैंसर से पीडि़त है तथा हर साल 8 लाख मरीजों में बढ़ोत्त्तरी हो रही है। अकेेले प्रदेश में हर साल लगभग 48  हजार नए मरीज प्रतिवर्ष मिल रहे जिसके लिए लोगों में जागरुकता होना जरुरी हो गया है। यह बात प्रदेश के ख्यातनाम        कैंसर सर्जन डा. दिग्पाल धारकर ने जिला अस्पताल परिसर में आयोजित कैंसर कैंप के समापन पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
डा. धारकर ने कहा कि पुरुषों को मुँह और गले के कैंसर के अलावा महिलाओं को बच्चेदानी तथा स्तर कैंसर की शिकायत काफी हो रही है। हमारी जीवन शैली के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। जिस प्रकार की रिपोर्ट आ रही है उससे हर साल दस प्रतिशत मरीजों की संख्या और भी बढऩे की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रेत्यक नागरिक को नियमित रुप से व्यायाम करके संतुलित आहार लेना होगा। इसके अलावा भोजन में शाकाहार का भी पालन करना होगा, रेड मीट कैंसर के लिए घातक हो रहा है। उन्होंने यहां पर यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग तम्बाकू तो खाते है और उसके साथ शराब का सेवन करते है उनके लिए यह और भी घातक है, तम्बाकू और शराब के एक साथ उपयोग से कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि शहरी महिलाओं को स्तन का कैंसर और ग्रामीण महिलाओं को   बच्चेदानी के कैंसर की शिकायत बढ़ रही है। दर्द न होने के कारण शहरी महिलाएं स्तन कैंसर को बढ़ा रही है उन्होंने कहा कि   स्तन में गठान भले ही   दर्द न दे यदि वह आकार में बढ़ रही है तो उसका उपचार तुरंत कराना होगा अन्यथा कैंसर की अवस्था में वृद्धि हो जाएगी। इसी प्रकार बच्चेदानी के कैंसर की शिकायत सबसे ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को हो रही क्योंकि उनके द्वारा स्वच्छता के प्रति उतनी सर्तकता नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि इन्दौर कैंसर फाउंडेशन द्वारा केवल सरकारी अस्पतालों में ही शिविरों का आयोजन किया जा रहे है क्योंकि आज भी गरीब तबके के लोग सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आते है इसके लिए जिला अस्पतालों को अधिक माडल बनाने की जरुरत है। सीहोर में डा. अनिल शर्मा के प्रयासों से कैंसर की दिशा में लगातार कार्य किया जाना अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सीहोर के शिविर में धर्मेन्द्र मालवीय, भारती, प्रहलाद, घीसीलाल फूल सिंह परमार आदि कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।

कैंसर शिविर में 244 मरीजों का परीक्षण


प्रदेश के ख्यातनाम कैंसर सर्जन डा. दिग्पाल धारकर ने दी अपनी सेवाए
सीहोर। जिला अस्पताल में आज नि:शुल्क कैंसर तथा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के ख्यातनाम कैंसर सर्जन डा. दिग्पाल धारकर ने अपनी सेवाएं प्रदान की। इस शिविर में  244 मरीजों का परीक्षण किया जाकर उनको उचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया। शिविर का शुभारंभ विधायक रमेश सक्सेना, नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संतोष कुंवर तथा अपेक्स फार्मास्युटिकल  के डायरेक्टर व्ही कार्तिक की उपस्थिति में किया गया।  जिला अस्पताल में वर्ष 2001 से लगातार लगाए जा रहे शिविर का आयोजन जिला अस्पताल प्रशासन, जिला रेडक्रास सोसायटी, इन्दौर कैंसर फाउंडेशन तथा अपेक्स फार्मास्युटिकल के सहयोग से आज यहां पर किया गया। इस नि: शुल्क कैंप में इन्दौर से विशेष रुप से पधारे प्रदेश के ख्यातनाम कैंसर सर्जन डा. दिग्पाल धारकर ने अपनी सेवाएं प्रदान की। उनके अलावा स्थानीय जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. अनिल शर्मा, डा.ए.एल.नामदेव, डा. ए.कुरेशी, डा. भरत आर्य, डा.मालती आर्य, डा. मनुहार सक्सेना, डा.रमेश वर्मा, डा. अरगल आदि ने भी अपनी सेवाएं प्रदान की। शिविर में कुल 244 मरीजों का परीक्षण किया गया जिसमें से  11 मरीज कैंसर के रोगी पाए गए इनमें से छह बीपीए कार्ड धारक मरीजों का आपरेशन राज्य बीमारी सहायता निधि से तथा शेष पांच मरीजों का आपरेशन में डा. धारकर व्यक्तिगत फीस नहीं लेकर आपरेशन इन्दौर में करेंगे। शिविर का शुभारंभ सांई बाबा के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपेक्स फार्मास्युटिकल  के डायरेक्टर व्ही कार्तिक ने कहा कि जिस प्रकार से कैंसर के रोगियों  की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, उसके लिए इस प्रकार के शिविरों का आयोजन जरुरी हो गया है। उन्होंने अपनी कम्पनी की ओर से आगे भी इसी प्रकार के सहयोग का वादा किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नपाध्यक्ष नरेश मेवाड़ा ने कहा कि डा. धारकर की सेवाएं लगातार मिलना शहर के लिए सौभाग्य की बात है उनकी सेवाओं से रोगियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नपा भी इस तरह के आयोजन में सहयोग प्रदान करती रहेगी। विधायक रमेश सक्सेना ने कहा कि डा. धारकर और सीहोर के डा. अनिल शर्मा के सहयोग के कारण ही कैंसर शिविरों का आयोजन होता रहा है  जिसके लिए वे बधाई के पात्र है। कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा.टीएन चतुर्वेदी सहित अन्य चिकित्सक एवं शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन डा. आनंद शर्मा ने किया। इस अवसर पर जिला अस्पताल में विधायक रमेश सक्सेना के प्रयासों से आई डिजीटल काल्पोस्कोप मशीन का लोकापर्ण किया गया इस मशीन के आने से कैंसर के मरीजों की जांच अब सीहोर में भी हो सकेगी। 

Thursday, February 3, 2011

पांच बेटियों के हत्यारे पिता को फांसी की सजा

सीहोर के इतिहास में पहला फैसला
सीहोर। कुल्हाड़ी से अपनी पांच बेटियों की निर्ममता पूर्वक हत्या करने वाले पिता को जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश ने आज दोपहर में फांसी की सजा सुनाई है। सीहोर जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी मुलजिम को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस फैसले का सुनने के लिए बड़ी संख्या में अभिभाषकगण भी सत्र न्यायालय में उपस्थित थे। अभियोजन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक ओमप्रकाश मिश्रा द्वारा की गई। अभियोजन के अनुसार निकटवर्ती तहसील मुख्यालय इछावर के समीपस्थ ग्राम कनेरिया निवासी मगन लाल आत्मज मांगीलाल बारेला ने 11 जून 2010 की शाम को अपने घर के ही कमरे में दरवाजा बंद कर कसाई की भांति अपनी एक साल की बेटी जमना, तीन साल की बेटी लीला, चार वर्षीय आरता, पांच वर्षीय सविता तथा छह वर्षीय फूलकुंवर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी।   यह सनसनी खेज घटनाक्रम पूरे प्रदेश में चर्चाओं में रहा था। घटना केे तुरंत बाद ही आरोपी मगनलाल ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने का भी प्रयास किया था पर उसे बचा लिया गया था। इछावर पुलिस ने अपराध क्रमांक 216/ 10 के अन्र्तगत आरोपी मगनलाल पर हत्या करने पर भादवि की धारा 302 तथा आत्महत्या करने के प्रयास पर भादवि की धारा 309 केे अंर्तगत प्रकरण दर्ज किया था। जिला सत्र न्यायालय में गुरुवार की दोपहर में सत्र न्यायाधीश श्री वेदप्रकाश ने अपने 43 पृष्ठीय निर्णय  में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। इस पूरे मामले में अभियोजन की ओर दस लोगों के साक्ष्य कराए गए। आरोपी की दो पत्नी है जिसमें से बसंती बाई की तीन पुत्री  एक साल की बेटी जमना, तीन साल की बेटी लीला, चार वर्षीय आरता तथा संतो बाई की दो बेटी पांच वर्षीय सविता तथा छह वर्षीय फूलकुंवर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी।  यह पहला अवसर है कि जब सीहोर में   किसी आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। अभियोजन की ओर से  लोक अभियोजक ओम प्रकाश मिश्रा द्वारा पैरवी की गई।

Wednesday, February 2, 2011

कैंसर शिविर का आयोजन 4 फरवरी को

प्रदेश के ख्यातनाम कैंसर सर्जन  डा. दिग्पाल धारकर आएंगे
सीहोर। जिला रेडक्रास सोसाइटी जिला अस्पताल प्रशासन के सहयोग से चार फरवरी को अस्पताल परिसर में एक विशाल स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सैकड़ों मरीजों को लाभ मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
जिला रेडक्रास सोसायटी सचिव डा.अनिल शर्मा तथा सिविल सर्जन डा.टीएन चतुर्वेदी ने बताया कि 4 फरवरी की सुबह दस बजे से आयोजित होने वाले इस शिविर में प्रदेश के ख्यातनात कैंसर सर्जन डा. दिग्पाल धारकर सहित विभिन्न रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान की जाकर मरीजों का नि: शुल्क परीक्षण किया जाकर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। जिला रेडक्रास सोसाइटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर संदीप यादव के मार्ग दर्शन में आयोजित होने जा रहे इस शिविर में कैंसर रोग के अलावा हार्ट के मरीजों, स्त्री रोग मरीजों तथा नेत्र रोगियों के परीक्षण साथ-साथ दंत रोगियों की भी जांच की जाएगी। रेडक्रास सोसायटी के वाइस चेयरमेन अपर कलेक्टर आरएस बघेल तथा संयुक्त कलेक्टर गिरीश शर्मा ने लोगों से इस नि: शुल्क शिविर का लाभ उठाने की अपील की है। डा. शर्मा ने बताया कि तैयारियां की जा रही है।