यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Tuesday, April 26, 2011

सीहोर एक्‍सप्रेस का 27 अप्रैल 2011 का अंक पढऩे के लिये क्लिक करें

सीहोर एक्‍सप्रेस का 27 अप्रैल 2011 का अंक पढऩे के लिये क्लिक करें

Untitled-1 copy

Thursday, April 21, 2011

मनुष्य का पतन होता है लोभ और माया से-संत कोकिल महाराज

सीहोर। नारद जी बहुत बड़े संत थे। किन्तु समाज की परिस्थितियों ने उनको भी नही छोड़ा। काम, क्रोध, मोह और लोभ सब पर विजय प्राप्त कर ली है। लेकिन माया के चक्कर में पढ़कर एक तपस्वी संत को भी गली-गली में नाचना पड़ा। तो हम तो साधारण मनुष्य है। मनुष्य का पतन लोभ और माया से होता है। उक्त उद्गार राष्ट्रीय संत कोकिल महाराज ने कथा के सातवें दिन शुगर फैक्ट्री चौराहा के पास स्थित बीएसआई मैदान पर चल रही संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब को संबोधित करते हुए कहे।
संत श्री मछली की आख के पास, जिह्वा के पास, नाक के पास, हाथ के पास, पेट के पास अर्थात उसके चारों तरफ जल ही जल है। ऐसे ही जीव के आसपास आनंद रूपी समुद्र भरा है। इसके बाद भी वह सुख शांति के लिए इधर-उधर भटकता फिरता है। हमें काम, क्रोध, मोह और लोभ को छोड़कर भगवान श्रीराम की भक्ति करनी चाहिए।  संत श्री कोकिल जी महाराज ने कहा कि मनुष्य का पतन होता है या तो लोभ से या भय से। यदि लोभी है तो वह भक्त नहीं हो सकता, यदि उसको भय है तो यह भक्त नहीं हो सकता। यदि लोभ भी है तो भय भी है तो ऐसा व्यक्ति ज्ञानी भी नहीं हो सकता। मनुष्य का पतन या तो लोभ से होता है या भय से। भगवान के भक्त को लोभ कैसा। रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास काम, क्रोध और लोभ से बचने के लिए राम नाम का आश्रय लेने की बात कहते हैं क्योंकि ये तीनों नरक के द्वार बताए गए हैं।  वस्तुत: इन तीन पर विजय प्राप्ति करने वाला ही भगवान को प्राप्त कर भवसागर से पार हो सकता है। भगवान शंकराचार्य कहते हैं कि भगवान भक्ति के मार्ग में ये तीनों बाधाएँ होती हैं। इसलिए दृढ़ वैराग्य एवं हरिनाम सुमिरन के अभ्यास द्वारा ही इन बाधाओं से मुक्ति मिलती है। मनुष्य ने शरीर पाकर आहार, आलस्य, निद्रा में समय खो दिया तो डलिया में आलू सडऩे की तरह ही हुआ। यदि जीवन को दूसरों के हित में लगा दिया, परोपकार में लगा दिया, भजन में लगा दिया तो भी शरीर नष्ट होगा लेकिन इस दशा में शरीर न रहने पर भी भगवान के यहाँ जगह मिलेगी।  इस संबंध में श्री मारुति नंद नवयुवक संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि यहां पर हर दिन रात सात बजे से रात ग्यारह बजे तक नगर के बीएसआई मैदान पर संगीतमय श्रीराम कथा जारी है। संगीतमय श्रीराम कथा के दौरान यहां पर श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम से संगीतमयी धुनों के साथ मनाया गया।

सीहोर एक्‍सप्रेस के 13 अप्रैल तथा 20 अप्रैल के अंक पढ़ें

सीहोर एक्‍सप्रेस के 13 अप्रैल तथा 20 अप्रैल के अंक पढ़ने के लिये नीचे तस्‍वीरों पर क्लिक करें

Untitled-1 copy1

 

Untitled-1 copy

Wednesday, April 20, 2011

मरणोपरांत कराए गए नेत्रदान दो परिवारों को मिलेगी रोशनी

झंवर के निधन पर शोक
सीहोर। वरिष्ठ समाज सेवी राधेश्याम झंवर का बुधवार की सुबह निधन हो गया। उनके परिजनों ने संकट की इस घड़ी में भी धैर्य का परिचय देते हुए  उनके नेत्रदान करवा कर समाज के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। इससे पहले  उनकी माता जी के भी नेत्रदान कराए गए थे।  समाज सेवी राधेश्याम झंवर का बुधवार की सुबह हार्टअटेक के कारण निधन हो गया। उनके निधन के समाचार से छावनी क्षेत्र में शोक का वातावरण बन गया। शाम को चार बजे उनके चरखा लाइन स्थित निवास से शव यात्रा निकाली गई जिसमें शहर के गणमान्य नागरिकों ने भाग लेकर अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। इससे पहले उनके परिजनों ने श्री राधेश्याम झंवर के नेत्रदान करवाकर समाज के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके नेत्रों को संत हिरदाराम नगर भेजा गया है जहां पर यह दोनों नेत्र दो लोगों को प्रत्यारोपित किए जाएंगे जिससे उनके परिवारों में भी उजाला नसीब होगा।

पिछले कई महीनों से बूंद-बूंद पानी को मोहताज है ग्रामवासी

पीएचई की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण
सीहोर। एक तरफ तो सरकार लोगों तक आसानी से पेयजल की पूर्ति कराने के बंदोबस्त कर रही है। दूसरी तरह इसके विपरीत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के नकारा नुमाइंदों की लापरवाही के कारण पानी होते हुए भी लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। ग्राम बरखेड़ा हसन के इस संबंध में यहां के विकास विश्वकर्मा और लखन कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि दलित बस्ती और ग्राम के कुछ दूर स्थित डोरी वाले बाबा के स्थान पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कई माह पहले बोर कर दिए थे। इसके बाद इन बोर के स्थानों की सुध नही ली है। इस बार अल्प वर्षा के कारण कई जल स्त्रोतों ने दम तोड़ दिया है। जिसके कारण यहां पर रहने वाले करीब तीन सौ से अधिक लोगों को दूर-दराज के स्थानों पर जाकर पानी भरना पड़ रहा है।
ग्रामीणों में लोक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लचर कार्य प्रणाली और अनदेखी के खिलाफ रोष है। यहां के लोगों का कहना है कि तीन दिन के अंदर बोर के स्थान पर हैंड पंप नही लगे तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के खिलाफ आंदोलन करने को विवश होना पड़ेगा। दलित बस्ती के लोगों का कहना है कि पिछले दो माह पूर्व यहां पर बोर हो गया था। बोर खनन के समय काफी मात्रा में पानी भी निकला था। लेकिन विभाग ने अभी तक यहां पर बोर खनन के बाद पीछे मुड़कर नही देखा है। जिसका खामियाजा अब लोगों को भीषण गर्मी के दिनों में बूंद-बूंद पानी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। बोर खनन अब महज शो पीस साबित हो गया है।

कलियुग में भगवान श्रीराम के नाम का सहारा-संत श्री कोकिल जी महाराज

संगीतमयी श्रीराम कथा में झूमे श्रद्धालु
सीहोर। मनुष्य को दिनचर्या में से कुछ समय अवश्य ही प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए। कलियुग में भगवान के नाम का स्मरण ही भवसागर को पार करने में सहायक है। कलियुग में भगवान श्रीराम के नाम का सहारा, स्त्रियों के पतिव्रत धर्म की व्याख्या की। उक्त उद्गार शुगर फैकट्री चौराहा स्थित श्री मारुति नन्द नव युवक संगठन के तत्वाधान में जारी संगीतमय श्रीराम कथा के छठवे दिन यहां पर उपस्थित विशाल जन समुदाय को श्रीराम कथा सुनाते हुए राष्ट्रीय संत श्री कोकिल महाराज ने कहे।
संत श्री ने कहा कि स्त्रियों के लिए पति की सेवा ही सबकुछ है। इसी प्रकार भक्त के लिए भगवान की सेवा ही सब कुछ है। मनुष्य को मोह माया में फंसकर ईश्वर को नहीं भूलना चाहिए। संत श्री ने सेवा के महत्व को समझाते हुए कहा कि माता-पिता की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है। अपने पिता एवं माता की सेवा कर श्रवण कुमार ने दुनिया के समक्ष एक आदर्श स्थापित किया है। संसार के प्रत्येक बेटे को श्रवण कुमार जैसा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि छोटे को प्यार व बड़े को सम्मान देना रामराज की स्वस्थ परंपरा है। यह शरीर साधन का धाम है तथा मोक्ष का द्वार है। इस शरीर को विषय योग से हटाकर ईश्वर के संकीर्तन में लगाना चाहिए।  राम नाम संकीर्तन से जीवन में सुधार होता है। परमात्मा ने इस जगत में मानव को आकर्षक काया दी है। इस काया को आध्यात्मिक कर्मो में लगाना चाहिए। परमात्मा माया के बंधन से परे होता है।  इस घोर कलियुग में राम नाम रूपी संजीवनी ही व्यक्ति को दुखों के भवसागर से निकाल सकती है। उन्होंने कहा कि भगवान सदैव अपने भक्तों के साथ होते हैं। इसलिए कठिन परिस्थितियों में भी मनुष्य को विचलित नहीं होना चाहिए तथा परमात्मा को हमेशा याद रखना चाहिए। साथ ही कहा कि इतिहास साक्षी है कि ईश्वर ने कभी भी अपने भक्तों का अहित नहीं होने दिया। परिवार की मर्यादा टूट जाती है तब घर में दुखों का पहाड़ टूट जाता है घर में सभी लोगों में समन्वय बना रहे तो परिवार में सबको शांति मिलती है। अपने बच्चे को भगवान श्रीराम बनाना चाहते हो तो खुद दशरथ बनो।
भगवान श्री राम का वनवास
संगीतमय श्रीराम कथा के छठवे दिन भगवान श्रीराम के वनवास के बारे में यहां पर उपस्थित भक्तों और श्रद्धालुओं से कहा कि राम को चौदह वर्ष का वनवास माता कैकई के आदेश से राजा दशरथ ने दिया। कोई भी ऐसा आदेश प्रथम दृष्टि में दंड माना जाता है। राम, राजा दशरथ के सबसे बड़े बेटे थे। परम्परा के अनुसार उनका राजतिलक होना चाहिए था। राजतिलक की तैयारी भी थी, किन्तु इसी बीच दासी मन्थरा के षडयंत्र पूर्ण मंतव्य को सुन माता कैकई अपने पुराने वर के रूप में राम का वनवास मांग लेती हैं। और राजा दशरथ को न चाहते हुए भी विवश भाव से उसे स्वीकार करना होता है। राम राजा बनते-बनते वनवास के लिए सहर्ष प्रस्थान कर जाते हैं। इसे हम कया कहेंगे? यदि हमारे साथ ऐसा कुछ घटित हो तो हम उसे आज किस रूप में ग्रहण करेंगे? कया वनवास चले जाएंगे?कया दुनिया उसे दुर्भाग्यपूर्ण नहीं कहेगी? यह प्रश्न है। राम का वनवास सम्पूर्ण रामायण की सबसे महत्वपूर्ण घटना है। विचार कीजिए कि यदि राम चन्द्र को वनवास नहीं मिलता तो रामायण की कथा कया होती? कया यह कथा अपना दम नहीं तोड़ देती? राम के राज्याभिषेक के बाद तो जो भी कथा बनाई जाती, वह सिर्फ राजा राम की ही होती। कथा के छठवे दिन खनिज विकास निगम अध्यक्ष गुरु प्रसाद, भाजपा अध्यक्ष रघुनाथ भाटी, कांग्रेस के युवा नेतजा अखिलेश राठौर, आदि शामिल थे।

Tuesday, April 19, 2011

श्री हनुमान पूजा से पहले करें श्री राम का ध्यान संत कोकिल जी महाराज

सीहोर। हिन्दू धर्म में भगवान श्रीराम के लिए आस्था, भक्ति इतनी गहरी है कि हर व्यक्ति के बोल, व्यवहार और आचरण में राम नाम प्रगट हो ही जाता है। सामाजिक जीवन में देखें तो राम नाम के संबोधन से बोलचाल शुरू होती है। किसी शारीरिक कष्ट में मुंह से राम निकलता है या फिर किसी अमर्यादित बोल सुनकर या दृश्य देखकर राम-राम छूट जाता है। यहां तक कि किसी की मृत्यु होने पर राम के नाम का ही सहारा लेकर मृत देह की अंतिम यात्रा निकाली जाती है। शुगर फैक्ट्री स्थित बीएसआई मैदान पर श्री मारुति नंद नव युवक संगठन के तत्वाधान में जारी संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवें दिन यहां पर आए बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं और भक्तों को भगवान श्रीराम के बारे में बताते हुए राष्ट्रीय संत कोकिल जी महाराज ने कहे।
संत श्री कोकिल जी महाराज ने कहा कि जिंदगी में हर व्यक्ति तन, मन और धन के सुखों की कामना करता है। किंतु इनके अलावा एक और इच्छा हर व्यक्ति दिल में रखता है। वह है ख्याति सरल शब्दों में नाम कमाना या बड़ा नाम बनाना। नाम की महिमा धर्म और लोक जीवन में खोजें तो राम का नाम धर्म, कर्म और परंपराओं में सबसे अधिक रचा-बसा है। इसलिए जानते हैं राम नाम की ख्याति में छुपे नाम बनाने और कमाने के सूत्र को।
श्री हनुमान पूजा से पहले करें श्री राम का ऐसा ध्यान संत श्री ने कहा कि  धार्मिक आस्था है कि जहां श्री राम का स्मरण होता है, वहीं उनके परम भक्त श्री हनुमान किसी न किसी रूप में उपस्थित हो जाते हैं। राम की भक्ति और सेवा से श्री हनुमान रामदूत कहलाए। हनुमान के कारण ही युग-युगान्तर से राम भक्ति आस्था को बल और भक्ति को शक्ति देने वाली मानी जाती है। राम भक्त हनुमान बल एवं ज्ञान के प्रतीक हैं। हनुमान जी का वज्रतुल्य शरीर उनके शारीरिक बल का प्रतीक है। वे बल, बुद्धि एवं ज्ञान के दाता हैं। हनुमान जी के प्रति श्रद्धा एवं प्रेम रखने वाले के संकट व कष्ट नजदीक नहीं आते। कलियुग में हनुमान भक्ति अनिवार्य है। आज के भोग प्रधान युग में मनुष्य चिंतातुर, निर्बल व रोगी हो चुका है। अतुलित बल धामा हनुमान जी का ध्यान करने से मनुष्य के रोग नष्ट हो जाएंगे और अथाह बल का संचार होगा।
सबके लिए हनुमान चालीसा संत श्री ने कहा कि हनुमान जी भगवान श्रीराम से वादा किया कि जब तक यह
संसार रहेगा तब तक मैं आपके भक्तों की रक्षा करूगा। हनुमान चालीसा चाहे स्त्री हो या पुरुष सबको चालीसा करना चाहिए। कही किसी वेद में नही कि माताओं को चालीसा नही करनी चाहिए।  राम जी ही हनुमान जी हैं और हनुमान जी ही राम जी हैंं। हनुमान जी को राम जी का ही रूप जानना चाहिए। हनुमान जी के शरीर रूपी मन्दिर में राम जी विराजमान हैं। राम जी और हनुमान जी दो जिस्म और एक जान हैं। राम जी की अथाह कृपा एवं दिव्य शक्ति का रूप ही हनुमान है। हनुमान जी लंका में विभीषण को बताते हैं कि मैं तो कपि चंचल हूं, मेरे दर्शन करने वाले को भोजन भी नसीब नहीं होता। राम जी की कृपा ने ही हनुमान जी को महान बलशाली एवं ज्ञानी बना दिया।

Monday, April 18, 2011

पेट्रोल पंप पर हादसा टला

खड़े ट्रक में आग लगी, फैली दहशत
सीहोर। सोमवार की दोपहर में इन्दौर नाका क्षेत्र स्थित मंत्री पेट्रोल पंप पर आए ट्रक में अचानक आग लग जाने से दहशत का वातावरण निर्मित हो गया। पेट्रोल पंप पर आग लगने से दोहरा खतरा उत्पन्न होता नजर आया जिसे लोगों की सजगता रहते टाल दिया गया। आग पर काबू पाए जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।
प्राप्त जानकारी अनुसार इन्दौर नाका क्षेत्र में स्थित मंत्री पेट्रोल पंप पर आए ट्रक में रेडियटर गर्म हो जाने के कारण अचानक आग लग गई जिससे चौतरफा चिंता का वातावरण बन गया, एक तो पेट्रोल पंप दूसरा डीजल से भरे ट्रक में आग की लपटे देख लोगों ने साहस का परिचय देते हुए उस पर काबू पाने का प्रयास किया तब तक काफी भीड़ एकत्रित हो गई। पानी सहित रेत से आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया जिस पर थोड़ी बाद काबू पाया जा सका। आग पर काबू पा लिए जाने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। इस घटनाक्रम को देख लोगों को भोपाल पेट्रोल पंप पर हुए हादसे की याद ताजा हो आई।

हनुमान जी का श्रद्धा के साथ स्मरण किया

सीहोर। सोमवार का भगवान श्रीराम के प्रिय शिष्य श्री हनुमान जी की जयंती श्रद्धा के साथ मनाई गई। हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में सुबह से मंदिरों में विशेष श्रृंगार और अभिषेक किया गया रात से मंदिर समिति और सदस्यों द्वारा तैयारियां की जा रही थी। सुबह से ही श्रद्धालुजन मंदिर पहुंचने लगे थे। आकर्षक सजावट के साथ मंदिर में पूजन अर्चन किया गया। जन्म आरती के साथ प्रसाद वितरण किया गया। शाम को भी श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर दर्शन लाभ प्राप्त किया। शाम को विभिन्न मंदिरों में भंडारे का आयोजन किया गया। यहां पर की गई नयनाभिरामी विद्युत सजावट लोगों को भा रही थी।

उमा शिव के विवाह में उमड़ा जनसैलाब

भगवान राम से ही है संपूर्ण संसार-पंडित कोकिल महाराज
सीहोर। भगवान श्रीराम से ही संसार है। इनके बिना सबकुछ अधूरा है। शुगर फैक्ट्री चौराहे स्थित बीएसआई मैदान पर जारी श्री मारुति नंद नव युवक संगठन के तत्वाधान में श्री राम कथा के चौथे दिन सोमवार की रात को राष्ट्रीय संत कोकिल महाराज ने कही। उन्होंने उपस्थित लोगों को शिव विवाह के लिए उमा के अद्वितीय तपस्या के प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया कि माता उमा ने तपस्या के बल पर भगवान शिव को पति के रूप में पाया। उन्होंने भारतीय जीवन पद्धति में तप के महत्व को लोगों को बताया। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के प्रसंग को संत महाराज ने काफी सरल रूप से रेखांकित किया। संत कोकिल महाराज के मुख से शिव विवाह की कथा सुन कर श्रोता मंत्रमुग्ध होते रहे। महा शिवरात्र की पूर्व संध्या पर संत श्री ने भगवान शिव के मृत्यु के जीवन में बदल देने वाले अमूल्य जीवनवृत का वर्णन किया। भगवान श्रीराम से ही संसार है। इनके बिना सबकुछ अधूरा है। उन्होंने उपस्थित लोगों को शिव विवाह के लिए उमा के अद्वितीय तपस्या के प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया कि माता उमा ने तपस्या के बल पर भगवान शिव को पति के रूप में पाया। उन्होंने भारतीय जीवन पद्धति में तप के महत्व को लोगों को बताया। भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के प्रसंग को संत महाराज ने काफी सरल रूप से रेखांकित किया। संत महाराज के मुख से शिव विवाह की कथा सुन कर श्रोता मंत्रमुग्ध होते रहे। संत श्री ने भगवान शिव के मृत्यु के जीवन में बदल देने वाले अमूल्य जीवनवृत का वर्णन किया। प्रभु भक्ति के बिना सभी सुख निसार हैं। यदि मानव को सही अर्थों में इस भवसागर से मुक्ति पानी है तो उसे अपने को उस परम पिता परमेश्वर पर छोडऩा होगा। उसकी भक्ति से ही आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। भगवान राम का जीवन चरित्र अपने आप में एक उदाहरण है जो संसार मे रहकर भगवान बनने की अमर गाथा है। आज के युग में जिस राम राज्य की परिकल्पना के स्वप्न देखे जाते है वे केवल भगवान राम की तरह मर्यादा का जीवन जीने से ही संभव हैं। उन्होंने कहा कि एक बार संतुलित जीवन जीने का प्रयास तो किया ही जा सकता है, फिर उसका जो सुख मिलेगा उसका आप अंदाज ही नही लगा सकेंगे। उन्होंने संगीतमय प्रस्तुतियों से देर रात तक भक्तों को बांधे रखा। रामनाम की महिमा को भी संगीतमय रूप से प्रस्तुत कर श्रोताओं को झूमने को मजबूर कर दिया। इस अवसर पर श्रीश्री 1008 राम जी बाबा कोकिल महाराज ने छोटे-छो उदाहरण देते हुए कहा कि मनोरंजन करने के लिए संसार में बहुत चीजें है। लेकिन मन भंजन करने के लिए सिर्फ सत्संग है। बच्चों को संस्कार वान बनाना चाहते हो तो अपने पवित्र संस्कारों को जाग्रत करो। बच्चों की तकदीर बनाना चाहते हो तो घर में लगी तसवीर बदल देना चाहिए। घर में भगवान राम-कृष्ण की तसवीर लगाने से बालक राम जैसा बनता है, अगर घर में हीरों-हीरोइन की तसवीर लगा दी तो बच्चे की तकदीर बिगड़ जाएगी। जिन्दगी जीना है तो हंसकर जीओ रो-रो कर जिन्दगी नही जीना चाहिए। आदमी के शरीर का महत्व बताते हुए संत श्री ने कहा कि आदमी के शरीर को लोग बेकार समझते है। यह वो शरीर है, जिसके लिए देवता तरसते है। इस अवसर पर संत श्री ने अनेक उदाहरण देकर मानव जीवन को अमूल्य बनाने की राह यहां पर आए भक्तों को बहुत सरल रूप से दी। शाम 7 से 11 बजे चलने वाली कथा में भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। संगीतमयी श्रीराम कथा आयोजन समिति ने अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं से शामिल होकर कथा सुन धर्मलाभ लेने की अपील की है।

देर रात तक निकाला मायरे का चल समारोह

नरसी भगत की तरह विश्वास होना चाहिए-पंडित प्रदीप मिश्रा
सीहोर। नानी बाई के मायरे की कथा का रविवार को भावपूर्ण समापन हुआ। कथा के अंतिम दिन सांवरिया सेठ द्वारा नानी बाई का मायरा भरने का प्रसंग सुनाया गया। श्रद्धालु मार्मिक प्रसंग सुनकर भावुक हो उठे।  कथा वाचन ने भागवत आचार्य पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रोताओं को कार्यक्रम के अंत तक बांधे रखा। वही शनिवार को नगर के इतिहास में पहली बार धरती से आसमान तक आतिशबाजी और धरती पर रंग बिरंगी रंगोली के नजारे नजर आ रहे थे। मायरा चल समारोह में आगे-आगे महिलाएं और नागपुर की सुमित्रा ताई के नेतृत्व में आई महिलाओं ने आकर्षक रंगोली बनाई। गुजरात का गरबा दल, झाबुआ के आदिवासी नृत्य और राजस्थानी नृत्य के बीच भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर महिलाएं और पुरुष झूम रहे थे। डीजे और बाहर से आए संगीत के वाद्य यंत्रों ने माहौल को भक्तिपूर्ण कर दिया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति प्रवक्ता मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि रविवार को दोपहर कथा वाचक दौरान प्रदीप मिश्रा ने कहा कि नरसी भगत की तरह विश्वास हो तो श्रीकृष्ण को सांवरिया सेठ का रूप बनाकर आना पड़ता है। भक्तों के लिए ठाकुर तो गठड़ी तक उठा लेते हैं और मायरा भरने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि घरों में संस्कारों की कमी नहीं हो, इसके लिए ध्यान दिया जाना चाहिए। सास यदि बहू से अपना सम्मान करवाना चाहती है, तो उसे पहले बहू का सम्मान करना चाहिए। कथा समापन में श्रद्धालुओं ने नाचते-गाते भाग लिया।
भरपूर मुनाफा देती है लक्ष्मी की सही पूजा
रविवार को विशाल कुबेर लक्ष्मी यज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और भक्तों को रात में जारी दीप यज्ञ के बारे में पंडित मिश्रा ने बताते हुए कहा कि रात में होने वाली पूजा में हर व्यक्ति के मन में एक भाव समान रूप से मौजूद होता है। वह है लाभ या मुनाफ़ा। खासतौर पर व्यावहारिक जीवन में आर्थिक फायदे की हर कोई इच्छा रखता है। इसके अलावा अपने हो या परायों से भी रिश्ते, भावनाओं के स्तर पर भी लाभ की अपेक्षा हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में रखता है। मानसिक लाभ के नजरिए से शांति भी हर किसी की चाहत होती है। किंतु ऐसे मुनाफे के लिए सांसारिक और व्यावहारिक दृष्टि से जरूरी है कि बुद्धि और धन का सही उपयोग हो। पंडित श्री मिश्रा ने आगे कहा कि धर्म शास्त्रों में बुद्धि और धन लाभ के लिए श्री गणेश और लक्ष्मी उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। सुख-समृद्धि और विघ्रनाश के लिए भी लक्ष्मी के साथ श्री गणेश की उपासना कुछ पर्व-विशेष पर परंपरा भी है। सच्चे मन और सहज भाव से शक्ति पूजा विशेष प्रभावी मानी जाती है। देवी पूजा में ही ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी की पूजा हर दरिद्रता को दूर कर भरपूर आर्थिक लाभ और समृद्धि देती है। किंतु इस दिन लक्ष्मी के साथ श्री गणेश का पूजन सुख-शांति में आने वाले सभी विघ्र-बाधाओं का नाश करने वाला माना गया है। लक्ष्मी और विनायक की प्रसन्नता के लिए ही शास्त्रों में लक्ष्मी के अनेक विशेष मंत्र भी बताया गया है, जो श्री यानि सुख-ऐश्वर्य देने वाले श्री गणेश का स्वरूप का स्मरण है माना जाता है।

श्रीराम कथा गृहस्थियों का धर्म है-कोकिल जी महाराज

सीहोर। भागवत योगियों का ग्रंथ है और श्रीराम कथा गृहस्थियों का ग्रंथ है। भागवत कथा से योगी जागता है और राम कथा से गृहस्थ का जीवन सुखमय हो जाता है। अहंकार का रुप और व्यावहारिक जीवन में कैसे अहंकार जीवन में प्रवेश कर जाता है। जिसे जानकर आप अपने जीवन में अनचाहे दुखों से बच सकते हैं। सरल शब्दों में जब भी व्यक्ति के मन में स्वयं का महत्व सबसे ऊपर हो जाता है और अपनी बात, विचार और कामों के साथ ही वह स्वयं को ही बड़ा मानने लगता है। तब यह स्थिति ही अहंकार की होती है। श्रीराम कथा मनुष्य के अहंकार को दूर करती है। उक्त उद्गार कथा के तीसरे दिन राष्ट्रीय संत कोकिल जी महाराज ने शुगर फैक्ट्री चौराहा स्थित बीएसआई मैदान पर जारी संगीतमय श्रीराम कथा के तीसरे बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं से कही।
संत श्री ने कहा कि मन ही व्यक्ति को बड़ा बनाता है। मन ही छोटा। शनिवार की रात बड़ी संख्या में आई महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे हो वैसे ही रहो। संत श्री ने सती और सूपनखा का उदाहरण देते हुए कहा कि सती भगवान श्रीराम जी के सामने रूप बनाकर गई। सीता का रूप। रामायण में दो देवियों ने श्रंृगार (ब्यूटी-पार्लर) किया है। एक सती और एक सूपनखा दोनों ने अति सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग किया है। लेकिन एक तो जलकर मर गई दूसरी की नाक कट गई। संत श्री ने कहा कि अनेक बार एक व्यक्ति को दूसरे का अहंकार दिखाई देता है पर स्वयं का नहीं। जबकि सच यह है कि अहंकार कभी न कभी किसी में आता है या यूं कहें कि यह सभी में रहता है। सभी जानते हैं कि अहंकार करना एक बुराई है पर इसे पहचानना भी कठिन है। किंतु इसकी पहचान स्वभाव और व्यवहार से संभव है। जब मन में यह विचार आये कि मैंने यह किया या वह किया तब समझ लीजिये कि वह हमारे अंदर बैठा अहंकार बोल रहा है।

Sunday, April 17, 2011

आज आएगा का करोड़ रुपए का मायरा

भागवत कथा जाति धर्म से ऊपर उठकर
सीहोर। भौतिकवाद की दौड़ में आज हम यह भूल चुके हैं कि हमारा अस्तित्व कहां  है और हमें मोक्ष कैसे मिलना है। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपने जीवन को सफल बनाना है, तो हमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के बारे में विस्तार से जानना और पढऩा होगा, ताकि हमारा जीवन सफल हो सके। उन्होंने कहा कि आज कृष्ण जी को अमर हुए हजारों साल हो गए हैं, लेकिन उनका संदेश हर भारतवासी को जीवन की राह दिखाता है और इसी कारण से पौराणिक काल की तरह आज भी भारत विश्वगुरु के रूप में जिंदा है। ने कहा कि भागवत कथा जाति धर्म से ऊपर उठकर अद्भुत और अलौकिक सुखों का समावेश है और इसको सुनने से हमारे जन्म-जन्मांतर के कष्ट दूर हो जाते हैं। उक्त उद्गार नानी बाई के मायरा कथा के चौथे दिन ठाकुर जी का तुलादान के अवसर पर कंचन बाग में कथा वाचक राष्ट्रीय स्तर के वल्ल्भ समुदाय में दीक्षित भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कही। यहां पर दोपहर में पंडाल छोटा पड़ जाता है, पंडाल में बैठे सैकड़ों श्रद्धालु कृष्ण जी के रंग में डूब हुए है। शनिवार को सत्यभाभा द्वारा ठाकुर जी का तुला दान किया गया। इस अवसर पर पंडित मिश्रा ने नरसी मेहता द्वारा वेश्या को सत्संग के द्वारा सुधार लाने के बारे में बहुत ही सुन्दर वर्णन किया।समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने जानकारी देते हुए बताया कि रात सात बजे से श्री जी के मंदिर से एक चल समारोह निकाला गया। 
दोपहर को कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने कहा कि आज का मानव इस बात को भूल गया है कि वह इस संसार में क्या करने आया है और उसकी भूमिका कया है। आज जो समय चल रहा है, उसके बाद हमारी नैतिकता अवश्य आहत होती है, लेकिन हर युग में सत्य असत्य होते हैं, लेकिन कंस को हमने पहचाना है। भगवान कृष्ण के जीवन में पूरे समाज का समावेश है, कयोंकि उन्होंने आज से हजारों साल पहले लोक मंगल की भावना से समाज में चेतना व प्रेरणा लाकर सामाजिक कुरीतियों को दूर किया था। शनिवार को सुबह आठ बजे महा यज्ञ में सभी मलित यजमानों का प्रायश्चित यज्ञ स्थल परिसर में किया गया। इसके उपरांत शाम को पांच बजे ठाकुर का तुलादान महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं और पुरुष उपस्थित थे। पांच दिवसीय नानी जी के मायरा कथा में अंतिम दिन मायरा पेरावनी व कथा विश्राम किया जाएगा।

समस्या का समाधान संतों के पास-संत कोकिल जी महाराज

संगीतमय श्रीराम कथा में उमड़ा जनसैलाब
सीहोर। संत कोकिल महाराज ने कहा है कि समस्याओं का समाधान महापुरुषों या संतों के पास है। इनकी शरण में जाने से दुखी व्यक्ति को मार्गदर्शन प्राप्त होगा। इस रास्ते पर चलकर समस्या हल की जा सकती है। जीवन जीने की कला सिखाती राम कथा उक्त उद्गार नगर के शुगर फैक्ट्री चौराहा स्थित बीएसआई मैदान पर जारी श्री मारुति नंद नव युवक संगठन के तत्वाधान में  संगीतमय श्रीराम कथा के दुसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहे। शुक्रवार को नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा, समाजसेवी अखिलेश राय, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप समाधिया, प्रदीप मिश्रा, भाजपा नेता सीताराम यादव, वअनिल सकसेना, पंडित हरि प्रसाद तिवारी और समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी ओपी गुर्जर ने मिलकर आरती की। राष्ट्रीय संत कोकिल महाराज ने कहा कि मानव आज एक चौराहे पर खड़ा है। एक तरफ स्वर्ग का मार्ग है दूसरी तरफ नरक का। एक तरफ सत्कर्म है तो दूसरी ओर दुष्कर्म। मार्ग आपको चुनना है। उन्होंने कहा कि वैराग्य भी कई तरह के होते है। जो क्षणिक वैराग्य होता है, वह सच्चा वैराग्य है। कोकिल बाबा ने कहा कि जब कीर्तन-भजन में मन नहीं लगे तो समझो भगवान हमसे कोसों दूर है। जब मन में स्वयं भगवान का नाम जाप शुरू हो जाए तो समझो भगवान हमारे निकट है। उन्होंने कहा कि यह अजब संयोग है कि जहां धन होता है, वहां मन नहीं होता और जहां मन होता है, वहां धन नहीं होता। कोकिल बाबा ने कहा कि आपने यदि मन से किसी का भला किया है तो भगवान आपका भी भला करेगा। उन्होंने बताया कि भगवान का नाम किसी भी तरह लिया जाए, उद्धार ही करता है। जैसे आग को कैसे ही चाहे जाने में या अनजाने में वह जलाएगी ही। जहर कैसे भी आपके अन्दर जाए जाने में या अनजाने में जहर तो मारेगा ही। ऐसे ही भगवान का नाम कैसे ही लिया जाए जानकर या बिना जाने, चलते हुए या सोते हुए, वह कल्याण ही करता है। अत हर मनुष्य को हर समय नाम का सुमिरन करना चाहिए। नाम जपने के लिए किसी भी स्थान विशेष की आवश्यकता नहीं है। शुद्धि-अशुद्धि हर समय नाम जपते रहो। यह नियम नहीं है कि कोई भी हरेक जाति का, धर्म का भगवान का नाम ले सकता है।

जियो और जीने दो का महान संदेश दिया महावीर ने-जसपाल सिंह अरोरा

सीहोर। जियो और जीने दो का महान संदेश विश्व भर मैं फैलाने वाले ऐसे वद्र्धमान महावीर की जय हो। भगवान महावीर ने दुनिया को कई उपदेश, बहुत ही अच्छे संदेश दिए। उनका सबसे प्रिय संदेश था अहिंसा के मार्ग पर चलने का। पूर्व पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने शनिवार को महावीर जयंती के उपलक्ष्य में जैन समाज के लोगों को जयंती की बधाई देते हुए कहा कि जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जीवन ही उनका संदेश है। उनके सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय आदि उपदेश एक खुली किताब की तरह है। जो सत्य परंतु आम आदमी को कठिन प्रतीत होते हैं। कहने को तो वे एक राजा के परिवार में पैदा हुए थे। उनके घर-परिवार में ऐश्वर्य, धन-संपदा की कोई कमी नहीं थी। जिसका वे मनचाहा उपभोग भी कर सकते थे। परंतु युवावस्था में कदम रखते ही उन्होंने संसार की माया-मोह, सुख-ऐश्वर्य और राज्य को छोड़कर दिल दहला देने वाली यातनाओं को सहन किया और सारी सुविधाओं को त्याग कर वे नंगे पैर पैदल यात्रा करते रहे। जियो और जीने दो का महान संदेश विश्व भर मैं फैलाने वाले ऐसे वर्धमान महावीर की जय हो। इस अवसर पर जसपाल अरोरा फैंस कलब के लोगों ने जयंती पर निकाले चल समारोह का स्वागत किया।

Tuesday, April 12, 2011

भगत कंवरराम साहेब की जयंती कल मनेगी

सीहोर। हिन्द सिंध के सरताज संत अमर शहीद संत कंवर राम साहेब का १२६ वां जन्म महोत्सव हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी १३ अप्रैल को श्रद्धा भरे माहौल में मनाया जाएगा। अमर शहीद संत कंवर राम मिशन द्वारा जारी विज्ञिप्त अनुसार १३ अप्रैल की सुबह साढ़े नौ बजे बस स्टैंड रोड पर स्थित संत कंवरराम सिंधी धर्मशाला में सुखमनी साहेब के पाठ के साथ विश्व में अमन शांति का संदेश देने वाले संत कंवर राम द्वारा किए गए कार्यों को श्रद्धा के साथ किया जाएगा। सिंधी समाज, अमर शहीद संत कंवरराम मिशन, एसएसडी मंडल, संत सखी बाबा आसुदाराम सेवा समिति द्वारा सभी लोगों से कार्यक्रम में शरीक होने की अपील की गई है। इस अवसर पर संत कंवरराम मिशन द्वारा एक प्याऊ का भी शुंभारंभ किया जाएगा।

कल से शुरू हो रहा है यज्ञ एवं महोत्सव

दरिद्रता मिटने के लिए निकलेगी महालक्ष्मी कल
सीहोर। श्री विठ्टलेश सेवा समिति के तत्वाधान में नगर के इतिहास में भोपाल नाका स्थित कंचन गार्डन में पहली बार होने वाले विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ, नानी बाई का मायरा एवं भगवान श्री कृष्ण का तुलादान महोत्सव का श्रीगणेश सुबह साढ़े पांच बजे से बुधवार को किया जाएगा। इस अवसर पर दरिद्रता और दुखों के निवारण करने के लिए साक्षात महालक्ष्मी बुधवार को नगर के भ्रमण पर रहेगी। सुबह साढ़े पांच बजे बुधवार को हैदराबाद और चैन्नई के बैंड-बाजे की संगीतमयी धुन के बीच वृंदावन के प्रसिद्ध इस्कान श्री कृष्ण मंदिर के हरे-राम, हरे कृष्ण जत्थे द्वारा अल सुबह से ही नगर की फिजा में हरे-राम-हरे कृष्ण की पवित्र गूंज सुनाई देगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के मीडिया प्रभारी मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि बुधवार से होने वाले विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ, नानी बाई का मायरा एवं भगवान श्री कृष्ण का तुलादान महोत्सव की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। तेरह तारीख से पांच दिवसीय कार्यक्रम में मायरा दर्शन, शोभा यात्रा, लक्ष्मी दर्शन, कलश यात्रा और सोलह अपै्रल को शाम सात बजे से श्रीनाथ जी खजांची लाइन से विशाल शोभा यात्रा आरंभ की जाएगी। बुधवार को यजमान प्रायश्चित, ब्राह्मण वरण, पंचाग पूजन एवं नन्दी श्रद्धा, माता लक्ष्मी जी की प्राण-प्रतिष्ठा, सुबह दस बजे यज्ञ मंडप प्रवेश, सुबह ग्यारह बजे ब्राह्मणों के द्वारा पाठ, यज्ञ शाला में पूजन एवं हवन, श्री लक्ष्मी पाद पूजन अभिषेक एवं आह्वान और रात आठ बजे से श्रीलक्ष्मी वरण दर्शन एवं 108 कुबेर दीप दर्शन रात दस बजे तक किया जाएगा। इसके अलावा बुधवार को नानी बाई के मायरे की कथा दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक कंचन गार्डन में आयोजित की जाएगी। इसके उपरांत 16 अपै्रल को भगवान श्री कृष्ण जी का तुलादान शाम पांच बजे किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ, नानी बाई का मायरा एवं भगवान श्री कृष्ण का तुलादान महोत्सव कथा वाचक राष्ट्रीय स्तर के वल्लभ समुदाय में दीक्षित भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा और यज्ञाचार्य पंडित रामस्वरूप समाधिया के सानिध्य में किया जा रहा है। इस अवसर पर यज्ञ की सभी तैयारियां कर ली गई है। इस महोत्सव में देश विदेश के बड़े संत, साधू और यजमानों को आमंत्रित किया गया है साथ श्री विठ्टलेश्वर समिति के अलावा शहर के सभी समाजों और महिला मंडलों का पूर्ण सहयोग समिति को मिल रहा है। इसके लिए भव्य यज्ञ स्थल का निर्माण हो चुका है।

सोसायटी मैनेजर के साथ मारपीट करने वालों पकडऩे की मांग

सीहोर । एक अप्रैल को अहमदपुर सोसायटी के मैनेजर सुभाष नामदेव के साथ हुई मारपीट के आरोपियों को पकडऩे की मांग को लेकर सोमवार से जिले के सहकारी बैंक तथा सोसायटी कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है। बताया जाता है कि  अहमदपुर के सोसायटी मैनेजर सुभाष नामदेव के साथ मारपीट की गई थी जिसको लेकर बैंक कर्मचारियों तथा सोसायटी कर्मचारियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था, तथा दोषी व्यक्तियों को पकडऩे की मांग की गई थी । सोमवार को उसी मांग को लेकर जिले की सभी सोसायटियों में हड़ताल कर दी गई है । यह हड़ताल आरोपियों को पकडऩे तक जारी रहेगी । मांग को लेकर मंडी के कोआपरेटिव बैंक के सामने धरना भी दिया गया ।

Monday, April 11, 2011

धनलक्ष्मी यज्ञ के लिए भव्य मंडल निर्माण किया

सीहोर। आगामी 13 अपै्रल को नगर के भोपाल नाका के समीपस्थ कंचन गार्डन में होने वाले श्री विठ्टलेश सेवा समिति के तत्वाधान में विशाल कुबेर धनलक्ष्मी यज्ञ, नानी बाई का मायरा एवं भगवान श्रीकृष्ण का तुलादान महोत्सव के लिए रविवार को भव्य मंडप का निर्माण किया गया है। रविवार को समिति की एक विशेष बैठक भव्य पंडाल में आयोजित की गई। इस अवसर पर कथा वाचक राष्ट्रीय स्तर के वल्लभ समुदाय में दीक्षित भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने होने वाले आयोजन का मुख्य उद्देश्य विघ्न बाधाओं,आभावों का निवारण करके, सौम्य और समृद्धि देने के साथ यह श्री की प्राप्ति में बहुत सहायक है। इस यज्ञ में देश विदेश के अनेक संतों, साधुओं के साथ अति विशिष्ट लोगों के आने की संभावना है। पूर्व में आयोजित 108 श्रीमद् भागवत एवं पित्र शांति महायज्ञ के बाद इस बार ऐतिहासिक आयोजन किया जाना है। इस यज्ञ से धन, वैभव और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी के साथ भी शुभ लाभ, स्वस्तिक  इस प्रकार स्वस्तिक में किसी व्यक्ति या जाति विशेष का नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व के कल्याण या शांति का अनुभव और अपनी समस्याओं, कष्टों से मुक्ति हेतु मन में नवीन आशा का संचार होता है। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों को इस विषय में पूरी जानकारी दी। रविवार को आयोजित बैठक में बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक शामिल थे।

कस्बावासियों को मिलेगा साफ पानी

सीहोर। आने वाले दिनों में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए नागरिकों को घर बैठे स्वच्छ और शुद्ध पानी देने की कवायद को पूर्ण करने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा ने चौधरी घाट स्थित इलाही माता नदी में पानी फिल्टर के माध्यम से लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए परम्परागत जल स्त्रोतों का इस्तेमाल कराने और आदि वैकल्पिक संसाधनों पर ध्यान केन्द्रित करना शुरू कर दिया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी सुशील ताम्रकार ने बताया कि कस्बावासियों को नियमित रूप से स्वच्छ और शुद्ध पानी दिलाने के लिए यहां पर पानी के फिल्टर का इंतजाम किया गया है, आने वाले दिनों में कस्बे के करीब बीस हजार से अधिक लोगों को पेयजल की पूर्ति का इंतजाम हो सकेगा। श्री मेवाड़ा ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मेन्द्र राठौर, क्षेत्रिय पार्षद सोनू व्यास, नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रदीप गौतम, कमलेश राठौर, दिनेश, विपिन सास्ता, माखन परमार, कैलाश सिनोरिया, मनीष वेदी, मनोहर मास्टर, महेन्द्र वर्मा, मुकेश मेवाड़ा, रामचंद्र पटेल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी दीपक देवगड़े, ब्रज शर्मा आदि शामिल थे।

सफाई वाहनों को दी हरी झंडी

सीहोर। नगर में साफ-सफाई की व्यवस्था को चुस्त करने और नियमित रूप से कचरे के ढेरों को हटाने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा दो नए वाहनों को हरी झंडी देकर रवाना किया। इस संबंध में मीडिया प्रभारी सुशील ताम्रकार ने बताया कि नगर के वार्डों से अधिक समस्या कई सालों से जमा कचरे के ढेर है। जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नागरिकों को समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका अध्यक्ष ने मौके पर वाहन के साथ सफाई दल को पहुंचाने के लिए दो नए वाहनों को हरी झंडी देकर रवाना किया है। जिससे आने वाले समय में लोगों को कचरे के ढेरों से निजात मिलेगी।
इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मेन्द्र राठौर, नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रदीप गौतम, कमलेश राठौर, दिनेश, विपिन सास्ता, माखन परमार, कैलाश सिनोरिया, मनीष वेदी, मनोहर मास्टर, महेन्द्र वर्मा, मुकेश मेवाड़ा, रामचंद्र पटेल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी दीपक देवगड़े, ब्रज शर्मा आदि शामिल थे।

Friday, April 8, 2011

जल समस्या का किया निदान बोर खनन का कार्य संपन्न किया गया

सीहोर। आने वाले समय में शहरवासियों को जल समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका परिषद ने पानी की माकूल व्यवस्था शुरू कर दी है। शुक्रवार को नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा के नेतृत्व में झागरिया रोड पर स्थित बोर खनन का कार्य संपन्न किया गया। इस अवसर पर जनता की प्रार्थना से इस बोर में लबालब पानी निकाला। जिसका इस्तेमाल आने वाले दिनों में टैंकरों द्वारा शहरवासियों की पानी की समस्या के निदान में किया जाएगा।
इस संबंध में नगर पालिका परिषद के सीएमओ दीपक देवगड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बोर में काफी मात्रा में पानी है। इस पानी का उपयोग चार-पांच वार्डों की समस्याओं को दूर कर सकता है। इस पानी को टैंकरों के माध्यम से सप्लाई किया जाएगा। शहरवासियों को गर्मी में पानी की कोई दिक्कत नही आने दी जाएगी। इसके लिए नगर पालिका द्वारा पूर्व से इंतजाम किए जा रहे है।शुक्रवार को हुए बोर खनन के दौरान भाजपा के नेता धर्मेन्द्र राठौर, कमलेश राठौर, प्रदीप गौतम, सोनू व्यास, माखन परमार, विपिन सास्ता, अजय दिनकर, सुशील ताम्रकार, मुकेश मेवाड़ा, कुमार संटू, हेमंत राठौर, व्हीपी खरे, एनसी राठौर और योगेश राठी आदि शामिल थे। 
सीहोर को एक सुसज्जित नगर बनायेंगे-प्रभारी मंत्री
सीहोर। नगर पालिका गठन के बाद शहर में प्रथम आगमन पर मध्यप्रदेश शासन के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के शहर प्रवेश के समय नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रभारी मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि हमारा सीहोर एक सुसज्जित नगर बनेगा। आप सीहोर के विकास की कार्य योजना तैयार करे। विकास के लिए राशि की कमी नही आऐंगी।
इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्री मेवाड़ा ने प्रभारी मंत्री को सीहोर में व्याप्त जल समस्या से अवगत कराते हुए शहर हित में बड़ी जल योजना की मांग की। कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष सुनील लोवानिया, पूर्व मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौर, अशोक सिसौदिया, कमलेश राठौर, नपा उपाध्यक्ष प्रदीप गौतम, प्रेमलता राठौर, युवा मोर्चा महामंत्री सुशील ताम्रकार, अजय दिनकर, संटू कुमार, देवेन्द्र अहिरवार, विपिन सास्ता, दिनेश कटारिया, हेमंत राठौर, कैलाश सिनोरिया, मनीष वेदी, खुशाल दादा, मनोहर मास्टर, राजेश मांझी, पवन जैन, सुशील चौकसे, अमित नीखरा, नीशुकांत राजौरिया, प्रिंस राठौर, सौरभ सिंहा, माखन परमार, रामचंदर पटेल, रवि नागले, भगत राय, राजा अग्रवाल, कीर्ति श्रीवास्तव, संजीव कुशवाहा, प्रतीक पालीवाल, पूनम कुशवाहा, ओम राय और दिनेश सक्सेना सहित अनेक नागरिक उपस्थित थे।

Monday, April 4, 2011

संस्कार भारती ने किया तिलक

 सूर्य को अध्र्य देकर मनाया नववर्ष 
सीहोर। भारतीय संस्कृति के नए वर्ष से जन-जन को अवगत कराने के लिए सोमवार की सुबह संस्कार भारती परिवार द्वारा लोगों का तिलक कर अभिवादन किया गया। इससे पहले उगते सूर्य को अध्र्य देकर राष्ट्र की खुशहाली की कामना भी की गई।
संस्कार भारती की जिला इकाई द्वारा भारतीय संस्कृति के नव वर्ष पर स्थानीय कोतवाली चौराहे पर लोगों को तिलक लगाकर बधाई देकर नववर्ष की जानकारी प्रदान की। सुबह वैशाली नगर भारत माता मंदिर में सूर्य को अध्र्य दिया गया। मंदिर परिसर में आकर्षक रंगोली बनाई गई थी जो लोगों को बरबस  अपनी ओर खींच रही थी। कार्यक्रम में संस्कार भारती की प्रदेश मातृ शक्ति प्रमुख श्रीमती उषा सक्सेना, प्रदेश महामंत्री शम्भू दयाल राठौर, जिला अध्यक्ष टीकाराम राठौर सहित नंद किशोर संधानी, हरिओम शर्मा दाऊ, संतोष जैन संतु, सुंदर राठौर, किशन राठौर, बालमुकन्द पालीवाल, महेन्द्र कौशल, भानु सक्सेना, राजेन्द्र राठौर,संजय कुलकर्णी, महेश शर्मा आदि सदस्य परिवार सहित उपस्थित थे।

Saturday, April 2, 2011

जहां पर है हम वहां आसमान थोड़े ही है

भारत की जीत पर मनी दीवाली जुलूस निकालकर खुशी का इजहार किया
सीहोर। महेन्द्र सिंह धोनी ने जैसे ही छक्का लगाया वैसे ही भारत ने 28 साल के इंतजार  समाप्त हो गया। भारत की टीम ने शानदार जीत अर्जित करते हुए सारी दुनिया को बता दिया कि जहां पर है हम वहां आसमान थोड़े ही है। भारत के विश्व विजेता बनते ही खुशी का इजहार प्रारंभ हो गया। जिले में चारो तरफ से आतिश बाजी की आवाज गंूजने लगी और लोगों ने जुलूस निकाला। श्रीलंका की टीम को छह विकेट से पराजित कर भारत की टीम ने विश्व विजेता होने का गौरव हासिल किया।

परीक्षा परिणाम घोषित होना शुरू हुआ

सीहोर। जिले में शिक्षा सत्र 2010-11 के तहत विद्यार्थियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत और अध्ययन का परीक्षा परिणाम घोषित होना शुरू हो गया है। जो विद्यार्थी सफल हुए हे, वह काफी खुश है और उन्हें साथी विद्यार्थी पास होने की बधाई दे रहे हैं, जबकि परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी बड़ों से आशीर्वाद ले रहे हैं और मंदिर पहुंचकर प्रसाद भी चढ़ा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार इस साल भी सभी विद्यार्थियों ने कड़ी मेहनत की थी, उसी का सुखद प्रतिफल है कि अधिकांश विद्यार्थी पास होने को लेकर आश्वस्त थे और मेहनत करने वाले पास भी हो गए। इन दिनों कुछ कक्षाओं का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ है, जिसमें अधिकांश छात्र छात्राएं उत्र्तीण हुए हैं, बताया गया है कि कैम्ब्रिज स्कूल की छात्रा सोनिया ठाकुर ने कक्षा एलकेजी में 80 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब यह छात्रा केजी टू में प्रमोट की गई है, परीक्षा परिणाम में उसे सभी विषय में बेरी गुड प्राप्त हुआ है। गौरतलब है की पत्रकार महेन्द्र मनकी ठाकुर की पुत्री सोनिया ने गत वर्ष भी प्रथम श्रेणी मे कक्षा उत्र्तीण कर अपनी योज्यता को प्रदर्शित किया था।

पं.पुरोहित करेंगे दिल्ली में भागवत कथा

सीहोर -  सीहोर के प्रसिद्ध  कथावाचक महामंडलेश्वर पं.अजय पुरोहित देश की राजधानी  दिल्ली में भागवत कथा का वाचन करेंगे । भागवत कथा पश्चिम दिल्ली  रघुनगर जनकपुरी स्थित शिव मंदिर  प्रांगण में आठ दिसम्बर से आयोजित  की जा रही है । कथा के मुख्य  यजमान जे.सी. पब्लिकेशन प्राईवेट  लिमिटेड  के संचालक जगदीश गोयल रहेंगे   आठ दिसंबर प्रात: दस बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी । पं.पुरोहित छह दिसंबर  को सांय मालवा एक्सप्रेस से दिल्ली प्रस्थान करेंगे ।