शक की सुई मित्रों और रिश्तेदारों पर
सीहोर। ग्राम कठौतिया के जंगल में मिली चाचा भतीजे की लाश का रहस्य लगातार दूसरे दिन भी बरकरार रहा। पुलिस हत्यारों का सुराग लगाने की दिशा में रविवार को भी सारा दिन जुट रही। शक की सुई मित्रों और रिश्तेदारों पर ही घूमती हुई नजर आ रही है। पुलिस का कहना है आरोपियों को शीघ्र ही धर दबोचा जाएगा। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार बिलकिसगंज के ग्राम कठौतिया निवासी 60 वर्षीय रामचरण आत्मज हतीराम और उसका भतीजा 40 वर्षीय तुलाराम आत्मज राम प्रसाद शुक्रवार को जंगल में मवेशी चराने के लिए गए थे पर शाम को अपने निर्धारित समय पर वापस लौटे नहीं जिससे परिजनों में चिन्ता का माहौल देखा गया शनिवार को उनके शव क्षत विक्षिप्त अवस्था में मिले जिसको देखने में प्रथम दृष्टया यह लगा कि उनकी निर्ममता पूर्वक हत्या की गई है। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपा और हत्या का मामला कायम कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। रविवार को भी सारा दिन पुलिस आरोपियों की सरगर्मी के साथ तलाश करती है। जानकार सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस के शक की सुई अभी मृतकों के मित्रों पर रिश्तेदारों पर ही घूम रही है। उनका मानना है कि इनके द्वारा ही कार्य का अंजाम दिया गया होगा। बहरहाल बिलकिसगंज पुलिस के लिए 2011 की शुरुआत दोहरे हत्याकांड से हुई है। देखना यह है कि इस मामले का पर्दाफाश किस प्रकार और कब तक पुलिस कर पाती है।
सीहोर। ग्राम कठौतिया के जंगल में मिली चाचा भतीजे की लाश का रहस्य लगातार दूसरे दिन भी बरकरार रहा। पुलिस हत्यारों का सुराग लगाने की दिशा में रविवार को भी सारा दिन जुट रही। शक की सुई मित्रों और रिश्तेदारों पर ही घूमती हुई नजर आ रही है। पुलिस का कहना है आरोपियों को शीघ्र ही धर दबोचा जाएगा। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार बिलकिसगंज के ग्राम कठौतिया निवासी 60 वर्षीय रामचरण आत्मज हतीराम और उसका भतीजा 40 वर्षीय तुलाराम आत्मज राम प्रसाद शुक्रवार को जंगल में मवेशी चराने के लिए गए थे पर शाम को अपने निर्धारित समय पर वापस लौटे नहीं जिससे परिजनों में चिन्ता का माहौल देखा गया शनिवार को उनके शव क्षत विक्षिप्त अवस्था में मिले जिसको देखने में प्रथम दृष्टया यह लगा कि उनकी निर्ममता पूर्वक हत्या की गई है। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपा और हत्या का मामला कायम कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। रविवार को भी सारा दिन पुलिस आरोपियों की सरगर्मी के साथ तलाश करती है। जानकार सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुलिस के शक की सुई अभी मृतकों के मित्रों पर रिश्तेदारों पर ही घूम रही है। उनका मानना है कि इनके द्वारा ही कार्य का अंजाम दिया गया होगा। बहरहाल बिलकिसगंज पुलिस के लिए 2011 की शुरुआत दोहरे हत्याकांड से हुई है। देखना यह है कि इस मामले का पर्दाफाश किस प्रकार और कब तक पुलिस कर पाती है।
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