सीहोर, मप्र ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बन चुके श्री श्री चिंतामनगणेश मंदिर पर न्यायालय के फै सले के बाद खुशी का माहौल बना हुआ है। मंदिर की मिल्कियत को लेकर मंदिर प्रबंधन के दो पक्षों के बीच न्यायालीन मामला विचाराधीन चल रहा है। जिसका फै सला आने के बाद वर्तमान में मंदिर प्रबंधक पं. पृथ्वी बल्लभ दुबे एवं श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण में आतिशबाजी कर प्रसाद वितरण कराया गया।
उल्लेखनीय है कि राजा विक्रमादित्य कालीन माने जाने वाले श्री चिंतामन गणेश मंदिर का जीर्णोद्धार पैशवा राजाओं द्वारा कराया गया था। मंदिर की पूजन एवं जमीन से मिलने वाले लाभ को लेकर दो परिवारों में विवाद चल रहा था। इस कारण मंदिर की व्यवस्थाओं में कम ही सुधार हो पाता था।
क्या था विवाद- वर्तमान में मंदिर प्रबंधक पं. पृथ्वी बल्लभ दुबे ने बताया कि १९५६ में उनके पिता नेतीबगभ दुबे ने रघुनंदन व्यास के नाना गोपाल प्रसाद को पूजन सहयोगी रखा था। बाद में उन्हें हटाने के लिए न्यायालय की शरण ली थी। १९७० से मंदिर पूजन एवं जमीन को लेकर उनके और रघुनंदन व्यास परिवारों के बीच चल रहे विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आया है। यह फैसला श्री गणेश जी का शहर के अमन चेन के लिए है। वहीं दूसरे पक्ष के पंडित नरेन्द्र व्यास का कहना है कि फैसला अपने विरोध में लग रहा है। लेकिन अभी अंतिम फैसला नहीं है, फैसला गलत है, इसकी नकल मिलने पर समीक्षा की जाएगी।zइस कारण शहर के श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर भगवान गणेश को प्रसाद चढ़ाकर खुशियों का इजहार किया गया है। फै सले की कापी दो तीन दिन में मिल जाएगी। उनकी ओर से पैरवी अधिवक्ता मो. इम्तियाज हुसैन, मोहम्मद इस्तियाक हुसैन जबलपुर द्वारा की जा रही है।
इनका कहना है-
पृथ्वी बल्लभ दुबे के एडव्होकेट मोहम्मद इम्तियाज हुसैन, मोहम्मद इस्तियाक हुसैन जबलपुर ने बताया कि कोर्ट ने फैसला पोस्ट कर दिया है। फै सला पृथ्वीबल्लभ दुबे के जी के पक्ष में है।
उल्लेखनीय है कि राजा विक्रमादित्य कालीन माने जाने वाले श्री चिंतामन गणेश मंदिर का जीर्णोद्धार पैशवा राजाओं द्वारा कराया गया था। मंदिर की पूजन एवं जमीन से मिलने वाले लाभ को लेकर दो परिवारों में विवाद चल रहा था। इस कारण मंदिर की व्यवस्थाओं में कम ही सुधार हो पाता था।
क्या था विवाद- वर्तमान में मंदिर प्रबंधक पं. पृथ्वी बल्लभ दुबे ने बताया कि १९५६ में उनके पिता नेतीबगभ दुबे ने रघुनंदन व्यास के नाना गोपाल प्रसाद को पूजन सहयोगी रखा था। बाद में उन्हें हटाने के लिए न्यायालय की शरण ली थी। १९७० से मंदिर पूजन एवं जमीन को लेकर उनके और रघुनंदन व्यास परिवारों के बीच चल रहे विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आया है। यह फैसला श्री गणेश जी का शहर के अमन चेन के लिए है। वहीं दूसरे पक्ष के पंडित नरेन्द्र व्यास का कहना है कि फैसला अपने विरोध में लग रहा है। लेकिन अभी अंतिम फैसला नहीं है, फैसला गलत है, इसकी नकल मिलने पर समीक्षा की जाएगी।zइस कारण शहर के श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर भगवान गणेश को प्रसाद चढ़ाकर खुशियों का इजहार किया गया है। फै सले की कापी दो तीन दिन में मिल जाएगी। उनकी ओर से पैरवी अधिवक्ता मो. इम्तियाज हुसैन, मोहम्मद इस्तियाक हुसैन जबलपुर द्वारा की जा रही है।
इनका कहना है-
पृथ्वी बल्लभ दुबे के एडव्होकेट मोहम्मद इम्तियाज हुसैन, मोहम्मद इस्तियाक हुसैन जबलपुर ने बताया कि कोर्ट ने फैसला पोस्ट कर दिया है। फै सला पृथ्वीबल्लभ दुबे के जी के पक्ष में है।
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