केन्द्र की सहायता के बाद भी राज्य के किसान आत्महत्या करने को मजबूर
सीहोर। ब्लाक कांग्रेस कमेटी दोराहा के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया है कि पिछले चार सालों में कृषि कार्यो के लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की है, बावजूद इसके कर्ज में दबे राज्य के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। मध्यप्रदेश की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में पाला पीडि़त किसानों को अभी तक मुआवजा राशि का वितरण नही किया गया है। इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें किसान विरोधी सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। किसान कांग्रेस के नेता ईश्वर पचौरी ने आरोप लगाया कि मप्र में प्रशासन के नकारापन के चलते किसानों के घावों पर मरहम नहीं लग पा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पाले से खराब हुई फसलों का जायजा लेने के लिए महज औपचारिकता पूरी की है। उन्होंने कहा कि राष्टरीय कृषि योजना में मप्र को वर्ष 07-08 में 110 करोड़, 08-09 में 146 करोड़, 09-10 में 248 करोड़ और 2010-11 में 589 करोड़ रुपये की राशि दी गई। इसी तरह कर्ज मुक्ति हेतु 4 हजार 203 करोड़, कृषि के माइक्रो मैनेजमेंट हेतु लगभग तेरह सौ करोड़ रुपये की राशि दी गई। कुल मिलाकर प्रदेश को दस हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की मदद दी गई। यदि यह राशि किसानों पर खर्च की जाती तो उनकी ऐसी दुर्गति नहीं होती। उन्होंने इस मामले में सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है साथ ही आत्मा हत्या करने वाले किसानों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग भी की है।
घटना की कड़ी निंदा
दोराहा ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पचौरी सहित अनेक कांग्रेस जनों ने किसानों की आत्महत्या रोकने में सरकार की नाकामी और मुआवजा भुगतान में देरी के खिलाफ धरना देकर राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे शांति पूर्ण कांग्रेसजनों पर प्रदेश सरकार के इशारे पर की गई लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोडऩे की घटना की निंदा की है।
सीहोर। ब्लाक कांग्रेस कमेटी दोराहा के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया है कि पिछले चार सालों में कृषि कार्यो के लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की है, बावजूद इसके कर्ज में दबे राज्य के किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। मध्यप्रदेश की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में पाला पीडि़त किसानों को अभी तक मुआवजा राशि का वितरण नही किया गया है। इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें किसान विरोधी सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। किसान कांग्रेस के नेता ईश्वर पचौरी ने आरोप लगाया कि मप्र में प्रशासन के नकारापन के चलते किसानों के घावों पर मरहम नहीं लग पा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पाले से खराब हुई फसलों का जायजा लेने के लिए महज औपचारिकता पूरी की है। उन्होंने कहा कि राष्टरीय कृषि योजना में मप्र को वर्ष 07-08 में 110 करोड़, 08-09 में 146 करोड़, 09-10 में 248 करोड़ और 2010-11 में 589 करोड़ रुपये की राशि दी गई। इसी तरह कर्ज मुक्ति हेतु 4 हजार 203 करोड़, कृषि के माइक्रो मैनेजमेंट हेतु लगभग तेरह सौ करोड़ रुपये की राशि दी गई। कुल मिलाकर प्रदेश को दस हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा की मदद दी गई। यदि यह राशि किसानों पर खर्च की जाती तो उनकी ऐसी दुर्गति नहीं होती। उन्होंने इस मामले में सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है साथ ही आत्मा हत्या करने वाले किसानों के परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग भी की है।
घटना की कड़ी निंदा
दोराहा ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पचौरी सहित अनेक कांग्रेस जनों ने किसानों की आत्महत्या रोकने में सरकार की नाकामी और मुआवजा भुगतान में देरी के खिलाफ धरना देकर राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे शांति पूर्ण कांग्रेसजनों पर प्रदेश सरकार के इशारे पर की गई लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोडऩे की घटना की निंदा की है।
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