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Monday, March 4, 2013

मंडी में हम्मालों की हड़ताल
 किसान हुए परेशान

सीहोर सोमवार को हम्माल यूनियन द्वारा अचानक अपनी हम्माली की दरों में वृद्धि को लेकर हम्माली का काम बंद कर दिया। जिस समय काम बंद किया गया उस समय तक नीलामी का पहला सत्र पूरा हो चुका था। करीब 10 हजार बोरों की अवाक सीजन में पहली बार हुई थी, जिन किसानों की उपज नीलाम हुई थी वह अपनी उपज की तौल के लिए परेशान होते रहे। किसानों ने इस बात को लेकर काफी हंगामा किया और सड़क पर चक्का जाम करने भी पहुंच गए यहीं नहीं कृषि उपज मंडी के मुख्य द्वार पर ताला भी जड़ दिया। हंगामें की सूचना पाकर तहसीलदार तथा मंडी थाना प्रभारी पुलिस बल सहित मौके पर पहुंचे और आक्रोशित किसानों को शांत कराया। इसके बाद समझौते का दौर शुरु हुआ जो इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जारी है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2010 में हम्माली की दरों में चौदह प्रतिशत वृद्धि हुई थी उस समय हुए अनुबंध के अनुसार दो साल के बाद दरों में वृद्धि होनी थी लेकिन अनुबंध की अवधि निकल जाने के दो माह बाद भी हम्माली दरों में वृद्धि नहीं हुई इस कारण हम्मालों ने कामकाज बंद किया जबकि मंडी समिति के अनुसार हम्मालों की मांग नब्बे प्रतिशत मानी जा चुकी है, बाकी के लिए वह चर्चा नहीं कर रहे है।
क्या कहते है हड़ताल
 के बारे में जिम्मेदार
वर्ष 2010 में यह अनुबंध हुआ था कि दो साल में हम्माली की दरों में वृद्धि की जाएगी लेकिन दो माह अधिक बीत जाने तथा हमारे द्वारा लिखित में नवम्बर 12 में मंडी सचिव को देने के बाद भी हम्माली नहीं बढ़ाई गई।
पप्पू यादव, अध्यक्ष हम्माल यूनियन
हम्मालों से हम्माली बढ़ाने के बारे में चर्चा चल रही थी, लेकिन वह बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है तो समस्या का हल कैसे निकल सकता है।
रमेश साहू, अध्यक्ष गल्ला व्यापारी संघ
हम्मालों द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के अपना कामकाज बंद किया गया है, जिसके कारण मंडी का कामकाज बंद हो गया है इसलिए संबधित हम्मालों को लायसेंस निरस्त करने संबधी नोटिस दिया जा रहा है।
राकेश गोस्वामी मंडी सचिव सीहोर
गल्ला मंडी मेंं आज प्रभावित हुए काम को लेकर सभी पक्षों से चर्चा की गई, जिसके उपरांत मंडी सचिव को निर्देशित किया है कि वह नियमानुसार कार्रवाई करें ताकि हड़ताल से किसान परेशान न हो।
रामचरण मेवाड़ा अध्यक्ष मंडी कमेटी सीहोर
हड़ताल के बारें किसान प्रतिनिधियों की राय
मंडी समिति प्रंबधन द्वारा किसानों को पूर्व से सूचित नहीं किया गया कि आज मंडी में कामकाज बंद रहेगा। किसान अपनी अपनी उपज बेचने के लिए ले आए लेकिन तुलाई और हम्माली का काम बंद होने से वह अपनी उपज वापस ले जाने को मजबूर है। मंडी समिति को इस अचानक हुई हड़ताल के जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ मंडी अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जिससे किसानों को अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
धनसिंह मेवाड़ा और आत्माराम त्यागी
किसान प्रतिनिधि

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