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Sunday, April 17, 2011

समस्या का समाधान संतों के पास-संत कोकिल जी महाराज

संगीतमय श्रीराम कथा में उमड़ा जनसैलाब
सीहोर। संत कोकिल महाराज ने कहा है कि समस्याओं का समाधान महापुरुषों या संतों के पास है। इनकी शरण में जाने से दुखी व्यक्ति को मार्गदर्शन प्राप्त होगा। इस रास्ते पर चलकर समस्या हल की जा सकती है। जीवन जीने की कला सिखाती राम कथा उक्त उद्गार नगर के शुगर फैक्ट्री चौराहा स्थित बीएसआई मैदान पर जारी श्री मारुति नंद नव युवक संगठन के तत्वाधान में  संगीतमय श्रीराम कथा के दुसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहे। शुक्रवार को नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा, समाजसेवी अखिलेश राय, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप समाधिया, प्रदीप मिश्रा, भाजपा नेता सीताराम यादव, वअनिल सकसेना, पंडित हरि प्रसाद तिवारी और समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी ओपी गुर्जर ने मिलकर आरती की। राष्ट्रीय संत कोकिल महाराज ने कहा कि मानव आज एक चौराहे पर खड़ा है। एक तरफ स्वर्ग का मार्ग है दूसरी तरफ नरक का। एक तरफ सत्कर्म है तो दूसरी ओर दुष्कर्म। मार्ग आपको चुनना है। उन्होंने कहा कि वैराग्य भी कई तरह के होते है। जो क्षणिक वैराग्य होता है, वह सच्चा वैराग्य है। कोकिल बाबा ने कहा कि जब कीर्तन-भजन में मन नहीं लगे तो समझो भगवान हमसे कोसों दूर है। जब मन में स्वयं भगवान का नाम जाप शुरू हो जाए तो समझो भगवान हमारे निकट है। उन्होंने कहा कि यह अजब संयोग है कि जहां धन होता है, वहां मन नहीं होता और जहां मन होता है, वहां धन नहीं होता। कोकिल बाबा ने कहा कि आपने यदि मन से किसी का भला किया है तो भगवान आपका भी भला करेगा। उन्होंने बताया कि भगवान का नाम किसी भी तरह लिया जाए, उद्धार ही करता है। जैसे आग को कैसे ही चाहे जाने में या अनजाने में वह जलाएगी ही। जहर कैसे भी आपके अन्दर जाए जाने में या अनजाने में जहर तो मारेगा ही। ऐसे ही भगवान का नाम कैसे ही लिया जाए जानकर या बिना जाने, चलते हुए या सोते हुए, वह कल्याण ही करता है। अत हर मनुष्य को हर समय नाम का सुमिरन करना चाहिए। नाम जपने के लिए किसी भी स्थान विशेष की आवश्यकता नहीं है। शुद्धि-अशुद्धि हर समय नाम जपते रहो। यह नियम नहीं है कि कोई भी हरेक जाति का, धर्म का भगवान का नाम ले सकता है।

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