सीहोर,बिजली विभाग द्वारा जो कुछ किया जाए कम ही है, मीटर नहीं चले तो बिल थमा दिया जाता है और अपने मन से ही तय करके आंकलित खपत का बिल थमाने की बातें अब आम सी हो गई। इन सभी परेशानियों से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए कार्यपालन यंत्री के बदला जाने के बाद भी उनका नाम नहीं बदले जाने पर आर्श्चय का विषय बना हुआ है। मप्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यपालन यंत्री पीके मेहरा का स्थानातंरण दो माह पहले हो चुका है और उनकी जगह पर एके श्रीवास्तव द्वारा कार्यभार ग्रहण किया गया है। लेकिन शहर में जिन बिलों का वितरण विभाग द्वारा कराया जा रहा है उन बिलों में अभी भी कार्यपालन यंत्री के रूप में पीके मेहरा का ही नाम दर्शाया जा रहा है। पिछले महीनें वितरित किए गए बिलों में तो यह माना गया था कि हो सकता है कि कम्पयूटर की खराबी के कारण ऐसा हुआ हो पर इस माह भी जिन बिलों का वितरण किया जा रहा है उन बिलों में भी कार्यपालन यंत्री का पुराना नाम ही लिखा हुआ है।
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