सीहोर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक शनिवार को वृहद लोक अदालत का आयोजन किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा द्वारा लोक अदालत में आने वाले मामलों के निराकरण के लिए अलग-अलग खण्डपीठें गठित कर अलग-अलग विषयवार मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन मामलों का होगा निराकरण- लोक अदालत में मोटर दुर्घटना, क्लेम भरण पोषण, सहकारिता, राजस्व, दूर संचार, टेलीफोन, श्रमविवाद, उपभोक्ता विवाद, चैक बाउंस, राजीनामा योग्य आपराधिक एवं सिविल मामलों का आपसी सहमति के आधार पर निराकरण किया जाएगा।
विद्युत मामलों का निपटारा- इस वृहद लोक अदालत में विद्युत से संबंधित मामलों का भी निराकरण किया जाएगा। विद्युत कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को आंकलन किए जाने वाले सिविल दायित्व में 25 फीसदी तक की छूट दिए जाने की घोषणा की गई है जो केवल लोक अदालत के लिए लागू रहेगी। इस वृहद लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 के लम्बित मामलों में एक मुश्त राशि जमा करने पर 25 प्रतिशत तक की छूट या किश्तों की सुविधा दी जायगी।
लोक अदालत का फायदा- लोक अदालत में जहां धन, समय और श्रम की बचत होती है वहीं पक्षकारों को सुलभ और सहज न्याय मिलता है। लोक अदालत में न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। लोक अदालत का आदेश निर्णय अंतिम होता है जिसके चलते पक्षकारों को इसका तत्काल लाभ मिलता है। लोक अदालत द्वारा निर्णित प्रकरणों में अपील और रिवीजन भी नहीं होने का पक्षकार को लाभ मिलता है।
खबर को सूचना पत्र समझें- न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि इस लोक अदालत के संबंध में संबंधित पक्षकारों को न्यायालय से सूचना पत्र जारी कर दिए गए हैं फिर भी यदि किसी पक्षकार को सूचना पत्र प्राप्त नहीं हुआ है तो वे इस खबर को ही सूचना पत्र मानें और लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने प्रकरण का निराकरण कराए।
इन मामलों का होगा निराकरण- लोक अदालत में मोटर दुर्घटना, क्लेम भरण पोषण, सहकारिता, राजस्व, दूर संचार, टेलीफोन, श्रमविवाद, उपभोक्ता विवाद, चैक बाउंस, राजीनामा योग्य आपराधिक एवं सिविल मामलों का आपसी सहमति के आधार पर निराकरण किया जाएगा।
विद्युत मामलों का निपटारा- इस वृहद लोक अदालत में विद्युत से संबंधित मामलों का भी निराकरण किया जाएगा। विद्युत कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को आंकलन किए जाने वाले सिविल दायित्व में 25 फीसदी तक की छूट दिए जाने की घोषणा की गई है जो केवल लोक अदालत के लिए लागू रहेगी। इस वृहद लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 के लम्बित मामलों में एक मुश्त राशि जमा करने पर 25 प्रतिशत तक की छूट या किश्तों की सुविधा दी जायगी।
लोक अदालत का फायदा- लोक अदालत में जहां धन, समय और श्रम की बचत होती है वहीं पक्षकारों को सुलभ और सहज न्याय मिलता है। लोक अदालत में न्याय शुल्क की वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। लोक अदालत का आदेश निर्णय अंतिम होता है जिसके चलते पक्षकारों को इसका तत्काल लाभ मिलता है। लोक अदालत द्वारा निर्णित प्रकरणों में अपील और रिवीजन भी नहीं होने का पक्षकार को लाभ मिलता है।
खबर को सूचना पत्र समझें- न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीहोर अरूण श्रीवास्तव ने बताया कि इस लोक अदालत के संबंध में संबंधित पक्षकारों को न्यायालय से सूचना पत्र जारी कर दिए गए हैं फिर भी यदि किसी पक्षकार को सूचना पत्र प्राप्त नहीं हुआ है तो वे इस खबर को ही सूचना पत्र मानें और लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने प्रकरण का निराकरण कराए।
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