सीहोर,बुधवार को जिला अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों ने अपने-अपने पदों से निजी कारण बताते हुए इस्तीफे दे दिए। जिससे अभिभाषकों में सरगर्मी का माहौल बन गया। इस्तीफे पर निर्णय संघ की बैठक में लिया जाएगा।
बुधवार को अदालत में अभिभाषक सभागार में उस समय सरगर्मी का माहौल बन गया जब एक के बाद एक पदाधिकारियों ने इस्तीफे देना शुरू कर दिए। जानकारी के अनुसार जिला अभिभाषक संघ के उपाध्यक्ष मनोहर पाटिल, सचिव राधेश्याम यादव, कोषाध्यक्ष राहुल उपाध्याय, सह-सचिव ओमप्रकाश चौरसिया, पुस्तकालय अध्यक्ष रेखा चौरसिया के अलावा कार्यकारिणी सदस्य विजेन्द्र श्रीवास्तव, रेखा सक्सेना, आसिफ खान, आनंद यादव, देवेन्द्र काशिव, उमेश सक्सेना, अनिल पांडे, देवेन्द्र वर्मा, राज बहादुर राजपूत, दुर्गेश महेश्वरी ने अपने-अपने कारणों से जिलाध्यक्ष वरिष्ठ अभिभाषक केयू कुरैशी को सौंप दिए। बताया जाता है कि छह में से पांच पदाधिकारियों ने तथा 13 में से दस सदस्यों ने इस्तीफे दिए हैं। इस्तीफे देने की खबर अभिभाषकों में सरगर्म बनी रही। इस्तीफे में कुछ पदाकारियों ने निजी कारणों से तो कुछ ने कनिष्ठ अभिभाषकों की उपेक्षा से आहत होने का कारण बताया है। जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष केयू कुरैशी ने बताया कि कुछ पदाधिकारियों और सदस्यों ने निजी कारणों से इस्तीफे दिए हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है। इन सभी पहलुओं पर अभिभाषक संघ की बैठक आयोजित की जाकर निर्णय लिया जाएगा। श्री कुरैशी ने बताया कि ऐसे कोई खास कारण नहीं है, जिसके आधार पर इस्तीफे दिए जाएं, फिर भी जो कारण सामने आए हैं, उन पर विधि सम्मत विचार विमर्श किया जाएगा। जिला अभिभाषक संघ के कोषाध्यक्ष राहुल उपाध्याय ने बताया कि उनके द्वारा निजी कारणों से त्यागपत्र दिया गया है। कार्यकारिणी सदस्य देवेन्द्र वर्मा ने बताया कि मैं 2009 से कार्यकारिणी सदस्य हूं, वरिष्ठ अभिभाषकों द्वारा लिए जा रहे एक तरफा निर्णयों के कारण तथा कनिष्ठ अधिवक्ताओं एवं कार्यकारिणी सदस्यों के साथ की जा रही उपेक्षा से आहत होकर इस्तीफा दिया है। बहरहाल, जिला अभिभाषक संघ में अचानक आई दरार के कारण न केवल अदालत बल्कि शहर भर में भी चर्चा बनी हुई है। देखना यह है कि आने वाले दिनों में अभिभाषक संघ की बैठक में क्या कुछ नए निर्णय होते हैं।
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