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Saturday, September 15, 2012

सभी के ऊपर कृपा करने वाली-पंडित श्री शुक्ला
सीहोर। प्रकाश काका व्यास परिवार द्वारा अपने पूर्वजों की स्मृति में कस्बा स्थित जैन धर्मशाला में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय नर्मदा पुराण में भक्ति और आध्यात्म की गंगा प्रवाहित हो रही है । शहर के समाजसेवी अनिल पालीवाल तथा कैलाश अग्रवाल ने पंडित वल्लभानंद शुक्ला का स्वागत किया ।  पंडित श्री शुक्ला ने कहा कि सभी धार्मिक संस्कारों और देवी-देवताओं के पूजन में स्नान के लिए चढ़ाए जाने वाले जल को अभिमंत्रित करने के लिए छ: अन्य पवित्र नदियों के साथ नर्मदा का भी आव्हान किया जाता है, सभी के ऊपर कृपा करने वाली, अनेक पापों को काटने वाली नर्मदा, स्वच्छ जलराशि वाली, कभी नष्ट न होने वाली, ऐसी पवित्र नदी है मां नर्मदा। उक्त उद्गार कस्बा स्थित जैन धर्मशाला में नर्मदा सेवक पंडित वल्लभानंद शुक्ला द्वारा सात दिवसीय नर्मदा पुराण में व्यक्त किए कथा के चौथे दिन पंडित शुक्ला ने कहे।
पंडित श्री शुक्ला ने कहा कि जो व्यक्ति भगवान का नाम स्मरण, पूजा, अर्चना, भजन तथा कीर्तन करेगा वह दुख विपत्ति से विचलित नहीं होगा। इस कलियुग में केवल प्रभू का नाम संकीर्तन भव सागर से पार उतार सकता है। हम संसार के सुखों में लीन हैं। धन व ताकत पाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। संसार में जीव का सिर्फ धन की प्राप्ति ही मकसद नहीं होता है। संसार में आकर अध्यात्म की यात्रा करनी जरूरी है। अध्यात्म के जरिए ही हम प्रभु को पा सकते हैं। इसके लिए वनों में जाने की जरूरत नहीं है। वे हमारे अंदर ही हैं। उन्हें हम भक्ति व ध्यान के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। प्रभु को पाने के बाद ही हमें मोक्ष मिल सकता है।
महादेव की स्तुति से हर कामना पूरी
पंडित श्री शुक्ला ने कहा कि पुरुषोत्तम मास में देवाधिदेव महादेव की स्तुति से मानव की हर कामना पूरी होने के साथ मां भी अविरल-निर्मल होंगी। शिव को जाने बिना उनकी भक्ति के कोई मायने नहीं हैं। शिव को जानने के लिए उनकी प्रकृति को समझना आवश्यक है। शिव प्रलय के देवता कहे गए हैं। इस दृष्टि से वे तमोगुण के अधिष्ठाता हुए, लेकिन पुराणों में विष्णु और शिव को अभिन्न माना गया है। इसीलिए विष्णु का वर्ण शिव में दृष्टिगोचर होता है, जबकि शिव की नीलिमा विष्णु में। इसलिए भगवान शिव को सदाशिव किया गया है. भगवान की शिव की भक्ति सबसे सरल है। नर्मदा पुराण में संगीतमय भक्तों पर श्रद्धालु आनंद में नृत्य करने लगते है। संगीतमय नर्मदा पुराण नगर के कस्बा स्थित जैन धर्मशाला में रात्रि आठ बजे शुरू हो जाती है

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