यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Sunday, January 16, 2011

भारत की संस्कृति परिवार है,पश्चिम की संस्कृति बाजार - स्वामी अवधेशानंद जी गिरी


मुख्यमंत्री के गृह ग्राम जैत में रामकथा का आयोजन
मुख्यमंत्री स्वयं देख रहे है भंडारे की व्यवस्था

 रामस्वरूप साहू  
शाहगंज /जैत - मां सुंदरदेवी कथा समिति के तत्वावधान में  विश्वप्रसिद्व संत जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेवर स्वामी अवधेशानंद गिरीजी महराज के श्रीमुख से नर्मदा के पावन तट पर सात दिवसीय श्री रामकथा के दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ट नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कथा श्रवण करने पहॅुचे । श्रीरामकथा शुरू होने से पूर्व उन्होंने गिरी जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया । उनके साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश भाजपाध्यक्ष प्रभात झा भी उपस्थित थे । श्रीराम कथा की शुरूआत करते हुऐ कहा कि हमारी संस्कृति अर्पण ओर तर्पण की संस्कृति है , जो कुछ है सब में ईश्वर है । मकर सक्रांति पर्व का उल्लेख करते हुऐ कहा कि आज का दिन अर्पण का है,दान में तिल,गुड़,अन्न,वस्त्र के अलावा ज्ञान,विचार,सम्मान आदि भी दान करें , नैराश्य,अवसाय भय का भंजन करें । श्राद्ध की संस्कृति भारत में है, आज सूर्य को प्रणाम करने का दिन है । आज का दिन मूल को टटोलने का दिन है जिनने जीवन जीने का ढंग सीखा है ,उन्हें प्रणाम करने का दिन है । जितने प्राणी इस संसार में हैं उन्हें अपना जैसा मानो भारतीय संस्कृति एवं पश्चिम की संस्कृति में अन्तर बताते हुऐ कहा कि पश्चिम की संस्कृति बाजार है व भारत की संस्कृति परिवार है ।
नारद मोह प्रसंग
श्रीरामकथा में श्रीरामजन्म से पूर्व नारद मोह की सुन्दर शब्दों की माला पिरोकर प्रभावी वर्णन करते हुऐ चित्रण को सजीव कर दिया उन्होंने कथा में शमनु ,शतरूपा का भी उल्लेख किया ।  स्वामी अवधेशानंद  गिरीजी महाराज ने रामजन्म से पूर्व नारद मोह का वर्णन करते हुऐ कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने नारद का चरित्र उत्तम बताया रामजन्म से पूर्व ब्रम्ह के मानस पुत्र नारद का स्मरण किया जाता है,नारद सन्यासी हैं,परिव्राजक हैं,यायावर हैं  । नारद ने तपकर अपने अंतकरण को पवित्र कर लिया । देवऋषि नारद के मन में इंद्रासन पाने की इच्छा जागी । इंद्रासन पाने के लिए घोर तपस्या करने लगे जिससे इंद्रासन डांवाडोल होने लगता है। देवऋषि नारद के मन में इंद्रासन पाने की इच्छा जागी । तपस्या भंग करने इंद्र अपने मंत्री कामदेव को भेजते है लेकिन कामदेव की एक नहीं चलती है । तीनों लोकों का भ्रमण करने वाले ऋषि नारद ने एक बार अपनी सुंदरता का मोह पाल लिया व विश्वमोहिन माता लक्ष्मी जी  पर रीझ गये  वे तीनो लोकों में जा जाकर अपने सौन्दर्य के कसीदे पढ़वाने निकल पड़े व सभी देवताओं से कहने लगे कि मैं अब शादी करना चाहता हॅूं । स्वामी गिरी जी महाराज जी ने शायर वशीर  बद्र का शेर पढ़ते हुऐ कहा कि -    
वो अपने को बेहतर शुमार करता है  ।
     अजीब आदमी है वो खुद अपना शिकार करता है ।।
          वो खुद नुमाईश कर रहा ,अपनी जग हंसाई कर रहा
      जरा सा जोश क्या दरिया में आया है ......................... 
 
 सभी देवताओं ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी लेकिन वे अपने निर्णय के अनुरूप सभी के पास जा जाकर अपनी सुंदरता की दुहाई देने लगे तब भगवान नारायण ने उनका रूप वानर का कर दिया जिससे नारद जी अत्यंत कुपित हुए । एवं नारद जी ने भगवान को 3 श्राप देते  हुए कहा कि तुम भी अपनी पत्नी के वियोग में वन-वन मारे -मारे फिरोगे ओर यही बंदर तुम्हारी सहायता करेंगे ।  जब नारद जी को पता चला कि मुझे भक्त ओर भगवान का एहसास कराने वाले कोई नहीं स्वयं भगवान हैं  नारद जी अत्यंत शर्मिदा हुऐ एवं भगवान से क्षमा याचना की। भागवान ने नारद जी को पुन उनका वास्तविक स्वरूप लौटा दिया । श्रीरामकथा के उपरांत भाजपा नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने गिरीजी महाराज के आदेश पर श्रद्वालुओं को संबोधित करते हुऐ कहा कि मैं असीम श्रद्वा के साथ स्वामीजी को देखता हॅूं । सामान्य जीवन में संसार के संपर्क होने के कारण नैतिक प्रदूषण बढ़ जाता है इससे विमुख होने का स्थान संतो के प्रवचन ही हो सकते हैं । बचपन से ही मेरे मन में सोमनाथ का सबसे ज्यादा प्रभाव है । अयोध्या में भी सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिस प्रकार संसद में प्रस्ताव पेश कर मंदिर बनवाया था उसी प्रकार के प्रयास राम मन्दिर के लिए भी होना चाहिए । श्रीरामकथा के आयोजक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री आडवाणी का स्वागत करते हुऐ कहा कि जैत की धरती उनके आने से गौरवान्वित हुई है । यहॉं पर धर्मयज्ञ एवं सेवा यज्ञ दोनो साथ चल रहे हैं ।  अंत में आरती की गई जिसमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता  लालकृष्ण आडवाणी,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी धर्म पत्नी साधना सिंह,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा,संस्कृति मंत्री लक्ष्तीकान्त शर्मा,वन मंत्री सरताज सिंह,कृषिमंत्री रामकृष्ण कुसमारिया ,राजस्वमंत्री करण सिंह वर्मा, राजेन्द्र शुक्ला,भोपाल महापौर कृष्णा गौर पूर्व सांसद रामपाल सिंह शिव चौबे ़,विजयपाल सिंह ,रमाकान्त भार्गव, नरेन्द्र सिंह चौहान,राजेन्द्र सिंह,धर्मेन्द्र सिंह चौहान , रामकिषन चौहान,रामसेवक पटेल,महेन्द्र शर्मा,आजाद सिंह राजपूत, मीडिया प्रभारी रामस्वरूप  साहू ,महेश उपाध्याय,डा. पीसी साहू ,महेन्द्र भाउ,बुलन्दर चौहान,मदन गुरू पवन विजयवर्गीय,अजय शर्मा,नगेन्द्र शर्मा आदि ने आरती में भाग लिया । आरती के बाद सभी श्रद्वालुओं के लिए मां सुंदरदेवी कथा समिति के भंडारे में भारी संख्या में श्रद्वालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण की । राम कथा के दौरान स्वामी अवधेशानंद  गिरी जी महाराज के सद्विचार - 
  पहला अनुभन जन्म के साथ रोद्न का है ।
    मन परिवर्तन का आकांक्षी है ।
    पाप वह है जिसके प्रकाशन से भय लगे ।
    पुण्य वह है जिसके प्रकाशन से खुशी मिलती है ।

0 comments: