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Sunday, February 13, 2011

घर को स्वच्छ रखोगे तो लक्ष्मी का वास होगा

सीहोर.घर को स्वच्छ रखोगे तो लक्ष्मी का वास होगा, स्वच्छता नहीं रखोगे तो दरिद्रता आएगी। जिनके जन्म जन्मांतरों के पुण्य एकत्रित होते हैं, उन्हें सत्संग का लाभ मिलता है और जिनके पूर्व जन्म के पाप इक्ट्ठे होते हैं, उन्हें सत्संग का पुण्य कभी नहीं मिलता, मनुष्य जन्म हमें इसलिए मिलता है कि हम इसे जानकर मुक्ति का द्वार प्रशस्त करें, इसलिए भज लें हरि को एक दिन तो जाना है, यदि हमने जीवन में ईश्वर का भजन नहीं, साधना नहीं की तो हम पशु के सामान है। यह बातें संत आशाराम बापू की परमशिष्या सरिता बहन ने नगर के सिंधी कालोनी मैदान पर शनिवार से प्रारंभ हुई कथा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि गौमाता के शरीर में ३३ करोड़ देवी-देवताओं का स्थान होता है। गाय के गोबर से लिपने पर घर की शुद्धि हो जाती है, गौमूत्र अनेक बीमारियों को दूर करता है। शास्त्रों के अनुसार यदि एक तौला सोना देकर भी गौमूत्र प्राप्त हो तो सौदा सस्ता है। आज का मनुष्य इसलिए दुखी है तो घर में यह सामान नहीं है, वह सामान नहीं है, इसी को जुटाने में वह अपनी उम्र गुजार देता है किन्तु यह नहीं सोचता कि हम जिस हालात में है उसी में प्रसन्न रहकर प्रभु का नियमित भजन करें। महिलाएं अपना हर कार्य ईश्वर के निमित्त करें तो दिनभर भजन होता रहेगा। सत्संग से सुख मिलता है, बुराईयां दूर भागती हैं, सत्संग से सच्चा ज्ञान मिलता है, सत्संग से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। इसके पूर्व कथा का शुभारंभ समाजसेवी मनोहर राय व अन्य लोगों ने संतश्री के चित्र पर माल्र्यापण कर किया। कार्यक्रम में पहले दिन बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि १४ फरवरी को वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए बापू के निर्देशानुसार सभी जगह १४ फरवरी को मातृ पिता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी के तहत १४ फरवरी को कथा स्थल पर मातृ पितृ दिवस मनाया जाएगा। समिति द्वारा सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मात्र मातृ-पितृ की पूजन की तैयारी कर पूजा स्थल पर पहुंचे।

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