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Saturday, February 19, 2011

प्रेम रस प्रदायनी है कृष्ण कथा : पंडित अजय पुरोहित


सीहोर  श्रीमद भागवत सात दिनों में मुक्ति दिलाने वाला ग्रंथ है । अनेक जन्मों तक साधन साधना रकने पर भी नहीं मिलने वाली मुक्ति या अति दुर्लभ मुक्ति राजा परीक्षित को सात दिन में मिल गई । यथार्थ में श्रीमद भागवत पुराण प्रेम रस प्रदायिनी है । उक्त उदगार निकटस्थ मोगराराम में चल रही श्रीमद भागवत कथा में महामंडलेश्वर पंडित अजय पुरोहित ने व्यक्त किये । उन्होंने आगे बताया कि राजा परीक्षित ने जब शुकदेव जी से पूछा था कि जिस व्यक्ति की मृत्यु सामने खड़ी हो उस समय उसे क्या करना चाहिये शुकदेव जी उस समय परीक्षित को यज्ञ करने की सलाह देते तो सात दिनेां में मुक्ति संभव नहीं थी । जीवन के अंतिम श्वांस में में भी विकार का विचार न आये वैसा उपाय करना था । शुकदेव जी ने सोचा कि राजा को यदि कृ ष्ण कथा में तन्मयता से मुक्ति मिल सकती है तो यही सबसे अच्छा विचार है । पंडित अजय पुरोहित ने कहा कि रामजी सत्य के अवतार हैं, कपिल दत्तात्रेय चित्त संबंधी अवतार हैं हैं किन्तु भगवान कृष्ण आनंद के अवतार हैं । जो दूसरों को आनंदित करता है वेा जीव ही नंद है उसके घर नंद उत्सव होता है । भगवान कृष्ण का सम्पूर्ण जीवन आनंद से भरा है जैसे स्वर्ण आभूषण में स्वर्ण ही स्वर्ण है ऐसे ही भगवान कृष्ण के स्वरूप में आनंद ही आनंद है । सांसारिक विषयों का विस्मरण होने पर सच्चा आनंद प्राप्त होाता है । सांसारिक बंधन छूटन्े पर ही ब्रह्म से संबंध जुड़ता है । कृष्ण कथा ऐसी है जो जगत को भुला देती है । जगत में रहना भी है और जगत को भुलाना भी है । जहां जाते हैं वहीं संसार आता है । संसार को छोडऩा नहीं है उसे मने से बाहर निकालना है । मोगराराम में कथा सुनने आस पास के गांवों से हजारों लोग पहुंच रहे हैं ।

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