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Friday, February 4, 2011

देश में हर साल 8 लाख कैंसर के मरीज बढ़ रहे है- डा.धारकर

लोगों का जागरुक होना आज की आवश्यकता
सीहोर। देश में इस समय करीब 25 लाख लोग कैंसर से पीडि़त है तथा हर साल 8 लाख मरीजों में बढ़ोत्त्तरी हो रही है। अकेेले प्रदेश में हर साल लगभग 48  हजार नए मरीज प्रतिवर्ष मिल रहे जिसके लिए लोगों में जागरुकता होना जरुरी हो गया है। यह बात प्रदेश के ख्यातनाम        कैंसर सर्जन डा. दिग्पाल धारकर ने जिला अस्पताल परिसर में आयोजित कैंसर कैंप के समापन पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
डा. धारकर ने कहा कि पुरुषों को मुँह और गले के कैंसर के अलावा महिलाओं को बच्चेदानी तथा स्तर कैंसर की शिकायत काफी हो रही है। हमारी जीवन शैली के कारण कैंसर के मरीजों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हो रहा है। जिस प्रकार की रिपोर्ट आ रही है उससे हर साल दस प्रतिशत मरीजों की संख्या और भी बढऩे की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रेत्यक नागरिक को नियमित रुप से व्यायाम करके संतुलित आहार लेना होगा। इसके अलावा भोजन में शाकाहार का भी पालन करना होगा, रेड मीट कैंसर के लिए घातक हो रहा है। उन्होंने यहां पर यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग तम्बाकू तो खाते है और उसके साथ शराब का सेवन करते है उनके लिए यह और भी घातक है, तम्बाकू और शराब के एक साथ उपयोग से कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि शहरी महिलाओं को स्तन का कैंसर और ग्रामीण महिलाओं को   बच्चेदानी के कैंसर की शिकायत बढ़ रही है। दर्द न होने के कारण शहरी महिलाएं स्तन कैंसर को बढ़ा रही है उन्होंने कहा कि   स्तन में गठान भले ही   दर्द न दे यदि वह आकार में बढ़ रही है तो उसका उपचार तुरंत कराना होगा अन्यथा कैंसर की अवस्था में वृद्धि हो जाएगी। इसी प्रकार बच्चेदानी के कैंसर की शिकायत सबसे ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को हो रही क्योंकि उनके द्वारा स्वच्छता के प्रति उतनी सर्तकता नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि इन्दौर कैंसर फाउंडेशन द्वारा केवल सरकारी अस्पतालों में ही शिविरों का आयोजन किया जा रहे है क्योंकि आज भी गरीब तबके के लोग सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आते है इसके लिए जिला अस्पतालों को अधिक माडल बनाने की जरुरत है। सीहोर में डा. अनिल शर्मा के प्रयासों से कैंसर की दिशा में लगातार कार्य किया जाना अनुकरणीय उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सीहोर के शिविर में धर्मेन्द्र मालवीय, भारती, प्रहलाद, घीसीलाल फूल सिंह परमार आदि कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।

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