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Monday, February 28, 2011

राम नाम लिखे पत्थर भी पानी में तैर जाते है-श्री छोटे मुरारी बापू

सीहोर। राम नाम लिखे पत्थर भी पानी में तैर गए और राम के चरणों के स्पर्श से अहिल्या का उद्धार हुआ, इसलिए जीव को राम नाम की महिमा को जानकर उनका स्मरण करना चाहिए। उक्त उद्गार सिंधी कालोनी ग्राउंड में जारी दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा और मानस प्रवचन के दौर सातवें दिन पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि श्रीराम कथा सुनने से जीव को भक्ति मिलती है और भक्ति से ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। भगवान को प्राप्त करने के लिए अभिमान का त्याग आवश्यक है।
रविवार को आरण्य कांड की कथा में बताया कि आरण्य का अर्थ है जंगल। इस जंगल में राम, सीता लक्ष्मण पूर्ण आनंद में रहते है। जंगल में मंगल तब होता है। जब सारे सदस्य एक चित्त होकर रहे। चाहे वह जंगल ही क्यों न हो। इसी दौरान लक्ष्मण ने भगवान श्रीराम से कहा कि प्रभु आज मैं आपसे कुछ प्रश्न कर रहा हूं। कृपा कर आप अपना दास समझकर मेरे मन में उठने वाले प्रश्नों का समाधान करे। ज्ञान किसे कहते है? भक्ति और माया किसे कहते है? वैराग्य क्या है? इस अवसर पर लक्ष्मण की जिज्ञासा का समाधान करते हुए भगवान श्रीराम ने कहा कि यह मेरा है, यह तेरा है। इसी का नाम माया है। पूरे संसार के प्राणी मात्र में प्रभु के रूप को देखते हुए प्यार करे। इसी को ज्ञान कहते है। कोई वस्तु हाथ से छूट जाए, उसका नाम है त्याग और कोई वस्तु हृदय से दूर हो जाए, उसका नाम है वैराग्य। प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण की अनेक जिज्ञासाओं को शांत किया।
रविवार को कथा के दौरान पूज्य बापू जी ने शबरी प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि शबरी के गुरू ने शबरी को कहा था की शबरी मैं तुझे आशीर्वाद देता हूं कि कि बेटी तुझे इसी कुटिया में प्रभु श्रीराम के दर्शन होगे। शबरी ने अपने गुरू के वचनों पर विश्वास रखकर इंतजार किया और नि:स्वार्थ रूप से भक्ति में जुट गई। उसका परिणाम यह हुआ कि भगवान श्रीराम प्रभु को शबरी के पास दर्शन देने आना पड़ा।
पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि विश्वास और श्रद्धा से भगवान के दर्शन होते है। इसके लिए भगवान के भक्त में विश्वास जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे पांच फीट का गड्ढा दस जगह खोदने से अच्छा है कि एक ही जगह पचास फीट का गड्ढा खोद दिया जाए। इससे पानी अवश्य प्राप्त होगा। एक जगह ध्यान केन्द्रित करने से कार्य में सफलता मिलती है। सोमवार को सुंदर कांड के बारे में कथा के आठवें दिन भक्त हनुमान जी के बारे में वर्णन किया जाएगा।

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