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Thursday, February 24, 2011

सीरिया देश के कृषि वैज्ञानिकों ने दी किसानों को सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने किसान संगोष्ठ में दी किसानों को उपयोगी सलाह
वैज्ञानिकों ने बताया कि दहलनी फसल से कैसे लाभ कमाए?
सीहोर। बीज के ज्ञान का अभाव, खाद, कीटनाशक, बोबाई के समय की अज्ञानता के कारण हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी किसानों को पूरी तरीके से खेती से लाभ नहीं मिल पाता है। खेती को लाभ धंधा बनाने और खेतों से अधिक उत्पादन लेने किसान संगोष्ठïी में सीरिया देश के अंतराष्टï्रीय कृषि वैज्ञानिक और आरएके कालेज कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उपयोगी सलाह दी गई। समीपस्थ ग्राम सेवनिया में आयोजित किसान संगोष्ठïी में किसानों की समस्याओं का
समाधान भी किया गया। जैविक कृषि फार्म से किसानों के लिए प्रेरणा बने जिले के जैविक किसान प्रहलाद सिंह पटेल के खेत पर आयोजित किसान संगोष्ठïी में इंटरनेशनल सेन्टर फार एग्रीकल्चर रिसर्च इन ड्राइ एरिया एलीपो सीरिया देश के  मसूर फसल प्रजनक कृषि वैज्ञानिक डा. शिवकुमार अग्रवाल और चना के प्रजनक डा. इंतियाज सहित आरएके कालेज के डीन वीएस गौतम, डा.एचएस यादव, आरपी सिंह, केके नेमा, एससी गुप्ता, डीआर सक्सेना आदि उपस्थित थे। कृषि वैज्ञानिकों ने सबसे पहले सेवनिया के जैविक किसान प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा जैविक खेती का उपयोग कर बंजर जमीन का उपजाऊ बनाकर खेती को लाभ का सौदा बनाने की प्रशंसा की। इसके बाद कृषि वैज्ञानिकों ने किसान संगोष्ठïी में किसानों की समस्याओं का निराकरण करते हुए सोयाबीन के साथ ही दलहनी फसल के अधिक उत्पादन लेने संबंधी उपाय सुझाए। वैज्ञानिकों ने किसानों बताया कि चना की बोबाई इस प्रकार करना चाहिए की दिसंबर के माह के अंतिम सप्ताह ओर जनवरी माह के प्रथम पखवाड़े में फसलों में फूल की स्थिति नहीं होना चाहिए। किसान इस तरीके से फसल की बोवनी करे कि फूल आने  के समय तापमान 15 डिग्री से अधिक हो। 15 डिग्री से कम तापमान होने पर दलहनी फसल चना, तुवर, मसूर का उत्पादन कम हो जाता
है। इस साल किसानों की चना फसल पाले से खराब होने का भी यही प्रमुख कारण रहा है। कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों में लगातार एक तरह की फसल पर भरोसा नहीं करने की सलाह देते हुए कम से कम तीन साल में फसल चक्र बदलने का कहा। साथ ही किसान खेतों में टेस्टेड बीज, कीटनाशक, खाद आदि के संबंध में भी जानकारों से सलाह लेने के बाद ही उपयोग करें। इस अवसर पर जैविक कृषि फार्म से किसानों के लिए प्रेरणा बने किसान प्रहलाद सिंह ने किसानों ने कहा कि जैविक खेती का उपयेाग करने के साथ ही किसान भाई गोपालन, डेरी, मधुमक्खी पालन, मशरूम आदि का कार्य कर भी आर्थिक स्थिति सुधार सकता है।  इस अवसर पर प्रमुख रूप से किसान प्रेमनारायण, रामबगस, रामसिंह, घनश्याम, अनार सिंह, रूप सिंह वर्मा, अनोखी लाल, मांगीलाल, नन्नूलाल राठोर, नन्नूलाल वर्मा, जसमत सिंह, राधेश्याम आदि उपस्थित थे।

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