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Tuesday, February 22, 2011

भगवान सभी प्राणियों के भीतर निवास करते हैं-पंडित उपाध्याय

श्रीमद् भागवत कथा में गोबर्धन की पूजा की 
सीहोर। पंडित चेतन उपाध्याय ने संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान कृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया। इसमें पूतना वध, माखन चोरी आदि लीलाओं का वर्णन सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। सोमवार को कथा के पांचवें दिन गोबर्धन की पूजा की गई।
भगवान सभी प्राणियों के भीतर निवास करते हैं, वे हम सभी में विद्यमान हैं, इसीलिए हम सभी को सबके प्रति दया का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर दुर्लभ है। अत: हमें यह समझते हुए काम, क्रोध, लोभ, द्वेष तथा अहंकार से दूर रहकर भगवान का स्मरण करना चाहिए। भक्ति योग का एक मूल है। भागवत कथा श्रवण से सुख शांति की प्राप्ति होती है। पंडित श्री उपाध्याय ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं एवं माखन चोरी का वर्णन प्रस्तुत कर वहां मौजूद श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
पंडित उपाध्याय ने कहा कि धर्म इंसान का मार्गदर्शन करता है। धर्म पालन से मनुष्य के चरित्र में निर्मलता आती है एवं जीवन में उन्नति होती है। कस्बा स्थित पुरानी निजामत क्षेत्र में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा का लाभ व आनंद उठा रहे है।
जन्म से प्रकट हुई लीला
पंडित श्री उपाध्याय ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं उनके जन्म से ही प्रकट होने लगी थीं। इस अवसर पर उन्होंने भगवान विष्णु के विभिन्न अवतार नृसिंह, वामन, राम सहित अन्य देवी-देवताओं की कथा का वर्णन संगीत के साथ प्रस्तुत किया, जिसपर श्रद्धालु झूमने लगे।
कृष्ण की लीलाएं अनंत
पंडित श्री उपाध्याय ने कहा कि कृष्ण की तरह उनकी लीलाएं भी अनंत हैं और उनकी हर लीला के पीछे कोई मकसद छुपा हुआ है। कृष्ण का जन्म ही नहीं, बल्कि उनका कर्म भी दिव्य था। उन्होंने जेल की विषम परिस्थितियों में जन्म लिया, लेकिन उनके जन्म लेते ही वे विषम परिस्थितियां दूर होती चली गईं। उन्होंने जन्म लेते ही नंद बाबा को निर्देश दिया और उनका मार्गदर्शन किया। ऐसा कोई दिव्य आत्मा ही कर सकती है। माखन चुराने और मटकी फोडऩे के पीछे भी उनका मकसद यही था कि कंस गोकुल से जो सारा दूध, दही और माखन कर के रूप में अपने पास मंगवा लेता था, वह उसके पास न पहुंच पाए।
गायों ने बाड़े को तोड़ा
ऐसा करके उन्होंने कंस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। जब कंस ने गोकुल की सारी गायों को एक बाड़े में बंद करवा दिया, तो उन्होंने ऐसी मुरली बजाई कि सारी गाएं बाड़ा तोड़कर उनकी तरफ दौड़ी चली आईं। उमा शर्मा ने कहा कि कृष्ण ने अपनी अलग-अलग लीलाओं से हर तरह की शिक्षा दी है। वे सबको सुख देना चाहते थे, सबके साथ रहना चाहते थे और सबका ख्याल रखना जानते थे। अपनी लीलाओं में उन्होंने यही सब दर्शाया है। नगर के कस्बा स्थित क्षेत्र में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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