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Thursday, February 17, 2011

फिर बदलना पड़ सकता है सरनेम

सीहोर। हाल ही में बहावलपुर समाज द्वारा इस बात के काफी तेजी के साथ प्रयास किए गए कि उनके समाज के लोगों को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया जाए। इसके लिए सीहोर की पंचायत के अलावा बुदनी, औबेदुल्लागंज तथा रायसेन आदि की पंचायत एक होकर महापंचायत बन कर लगातार अपना पक्ष शासन के नुुमाइंदों के समक्ष रख रही थी। जिसका परिणाम गत माह उस समय देखने को मिला जब सीहोर तथा बुदनी में बहावलपुर समाज के लोगों से मुलाकात करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की एक टीम आई। इस टीम ने न केवल लोगों से मुलाकात की बल्कि बस्तियों का भ्रमण कर वहां की स्थिति से भी रु-ब-रु हुए। बताया जाता है कि पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा यह तो मान लिया गया है कि बाहवलपुर किराड़ समाज के लोग  पिछड़ा वर्ग में आने की पात्रता तो रखते है पर उनका सरनेम आड़े आ सकता है। बताया जाता है कि आयोग के सदस्यों द्वारा समाज के लोगों को परामर्श दिया गया है कि वे अपना सरनेम एक करते हुए अपने नाम के आगे सरनेम के रुप में किराड़ लिखना प्रारंभ करे ताकि उसकी प्रक्रिया को आगे चलाया जा सके। अभी तक समाज के लोग आहूजा, सचदेवा, चावला, चोपड़ा आदि सरनेम का उपयोग करते है जिसके कारण अन्य जाति के लोगों को भी लाभ मिल सकता है इसलिए अपना सरनेम बदल ले।

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