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Friday, February 18, 2011

कथा श्रवण करने से मिलती है पापों से मुक्ति-पंडित चेतन उपाध्याय

कलश यात्रा के कथा का शुभारंभ
सीहोर। श्रीमद् भागवत कथा इनसान को जीवन जीने का सार्थक मार्ग दिखाती है। वही मनुष्य अधिक पुण्य न करे, तो कोई बाधा नहीं है लेकिन उसे पाप भी नहीं करना चाहिए। ज्ञानी को यह जगत आनंदमय लगता है जबकि अज्ञानी को यह जगत बिगड़ा हुआ। कथा का श्रवण करने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति सपरिवार अपने सभी पापों से मुक्त होकर नारायण के धाम में वास करता है। उक्त उद्गार पुरानी निजामत कस्बा में शुक्रवार से शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा के दौरान जिले के प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित चेतन उपाध्याय ने यहां पर उपस्थित श्रद्धालुओं से कही। शुक्रवार को कलश यात्रा हनुमान फाटक से निकाली गई। इस अवसर पर अनेक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया। कथा के दौरान मुख्य यजमान सुदीप और हेमा व्यास शामिल थे। कथा को आगे बढ़ाते हुए पंडित चेतन उपाध्याय ने कहा कि कथा सुनने आना एक बात होती है, किंतु यदि कथा को पूरे ध्यानपूर्वक मन लगाकर न सुना जाए तो इस प्रकार से कथा सुनने से कोई लाभ नही मिलता है। कथा को पूरे एकाग्र रूप से श्रवण करना चाहिए। जब लाभ की प्राप्ति होती है। कथा सुनते समय किसी से बात भी न करे और पूरे मनोभाव से कथा का श्रवण अपने नेत्रों को बंद कर प्रवचनकर्ता की कथा के अनुरूप कल्पना करते हुए कथा श्रवण करें। जिस प्रकार काल का प्रसंग हो हम उसी काल में पहुंच जाऐंगे और सारे दृश्य साक्षात रूप में देखें जा सकते है। क्योंकि हमारे मन की गति प्रकाश की गति से तेज होती है। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। इस संबंध में सर्व ब्राह्मïण समाज के अध्यक्ष प्रकाश व्यास काका ने बताया कि कथा का समय दोपहर बारह बजे से शाम चार बजे तक है।

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