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Monday, March 7, 2011

होली पर रहेगी चायना की पिचकारियों की धूम

रंग तथा पिचकारियों पर भी मंहगाई की मार, दस से बीस प्रतिशत की तेजी
सीहोर।  होली की तैयारियां करने में व्यपारी वर्ग जुटा हुआ नजर आ रहा है। इस साल होली पर भी मंहगाई का साया रहेगा। बाजार में दुकानदारों द्वारा दिल्ली, इंदौर से माल का स्टॉक करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। अभी थोक दुकान दुकानदारों द्वारा स्टॉक किया जा रहा है। गत साल की तुलना में इस साल रंग और पिचकारी के भाव में करीब दस से बीस प्रतिशत की तेजी बताई जा रही है। मार्केट में इस बार भी चायना  की पिचकारी की धूम रहेगी बाजार में पांच रुपए से लेकर दो सौ रुपए तक की पिचकारी उपलब्ध रहेगी। दादा जी की छड़ी र्भी...सीहोर। इस बार होली पर दादा जी की छड़ी भी अपना कमाल दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। बाजार में दादा जी की छड़ी से भी रंग निकलेगा, यह पिचकारी बच्चों को भाएगी। इसके अलावा पुराने जमाने की लकड़ी वाली बंदूक भी पिचकारी का रुप में बिकने के लिए बाजार में आ गई है। इस बार बांसुरी की पिचकारी भी बच्चों के लिए आर्कषण का केन्द्र बनेगी। सबसे मंहगी पिचकारी के रुप में चायना की पिचकारी पानी की बड़ी टंकी भी बच्चों को पसंद आने की संभावना दुकानदार व्यक्त कर रहे है। इसकी कीमत डेढ़ सौ से दौ सौ रुपए तक बताई जा रही है। आंखों से निकलेगा रंर्गसीहोर। इस बार होली पर लोगों को हाथों में रंग रखने की जरुरत नहीं है और आप यह समझ कर भी नहीं बच सकते कि आपके मित्र के हाथ खाली है, इस बार होली पर खास तौर से चायना का एक चश्मा आया है जो लगा तो आपके दोस्त की आंखों पर रहेगा और जैसे ही आपकी निगाह उसके चश्में पर गई कि आप हुए रंग से सरोबार, दरअसल चायना का यह चश्मा होली की पिचकारी है जिसको दबाने के लिए एक तार आपके दोस्त की जेब में होगा, जो आपकी निगाहे जब उसके चश्में पर होगी तो उसे दबा देगा और आप रंग से नहा जाएंगे। कई सालों के बाद आ रहा है मौका ...सीहोर। कई सालो के बाद होली पर यह मौका आ रहा है जब होली पर्व पर परीक्षाओं का भूत नहीं रहेगा। अभी तक देखा जाता रहा है कि विद्यार्थी वर्ग परीक्षाओं के भय के कारण होली के पावन पर्व को भी धूमधाम से नहीं मना पाता है या तो परीक्षा चल रही होती थी या होली के तुरंत बाद परीक्षा होनी होती थी जिससे न तो बच्चे होली का आनंद उठा पाते थे और न ही उनके अभिभावक उन्हें होली मनाने की इजाजत प्रदान किया करता था पर इस साल ऐसा नहीं होगा और होली को अपने पुराने रंग में दिखाई देने की  संभावना भी व्यक्त की जाने लगी है। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि इस बार होली तक अधिकांश स्कूलों की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी होगी और बच्चे पूरे फ्री होकर न केवल अपने दोस्तों को तर ब तर करेंगे बल्कि खुद तर ब तर होकर कई सालों का आनंद भी उठाएंगे। रंगों के पावन पर्व होली में अब पहले जैसा उत्साह नहीं रह गया है जिसके पीछे का मुख्य कारण यही माना जाता रहा है कि जब से होली पर्व के आसपास परीक्षा का तनाव सिर पर सवार होना शुरू हुआ है जिससे बच्चे तो बच्चे बल्कि उनके अभिभावक भी होली से दूर होते जा रहे है। चूंकि इस साल ऐसी कोई सी भी स्थिति नहीं है पर परीक्षा समाप्त होने के बाद ही होली का त्यौहार है तो माना जा रहा है कि होली भी अपने पुराने रंग में रंगी हुई नजर आएगी।

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