यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Tuesday, March 1, 2011

भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक महोत्सव आज


बालि का वध कर श्रीराम ने मित्रता का संदेश दिया
सीहोर। राम की जंगल में अपने भाई किष्किंधापतिबालि के अत्याचार के शिकार सुग्रीव से मित्रता हुई। राम ने सुग्रीव को उसके भाई बालि से मुक्ति दिलाने तथा सुग्रीव ने सीता माता की खोज में उनका सहयोग करने का वचन दिया। बालि वध का भेद जान श्रीराम ने छिपकर तीर चलाकर बालि का वध किया। सिंधी कालोनी ग्राउंड पर जारी दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा के आठवें दिन पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने भगवान श्रीराम और सुग्रीव के बारे में वर्णन किया। मंगलवार को कथा के अंतिम दिन दिव्य संगीतमय कथा में भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया जाएगा।
सोमवार को दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा में मानस प्रवचन करते हुए पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने कहा कि सुग्रीव के पास जा कर हनुमान ने दोनों भाइयों का परिचय कराते हुये कहा, वानराधिपति। अयोध्या के महाराज दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्री रामचन्द्र जी अपने अनुज लक्ष्मण जी के साथ आप ही के दर्शनों के लिये पधारे हैं। जब ये पंचवटी में निवास करते थे तो इनकी पत्नी सीता जी को लंका का राजा रावण चुरा ले गया। ये उन्हीं को वन-वन में खोजते फिर रहे हैं। अब ये आपके पास मित्रता करने के लिये आये हैं। आपको इनकी मित्रता स्वीकार कर लेनी चाहिये क्योंकि ये बड़े गुणवान, पराक्रमी और धर्मात्मा हैं। इनकी मित्रता आपके लिये लाभदायक होगी। आप परस्पर एक दूसरे की सहायता कर सकते हैं।
मित्रता की शपथ ली
संत श्री ने आगे कहा कि हनुमान से उनका इस प्रकार परिचय पाकर सुग्रीव ने प्रसन्न हो कर कहा। श्रीराम आपके दर्शनों से मैं कृतार्थ हुआ। हम दोनों मिल कर परस्पर एक दूसरे का दु:ख दूर करने का प्रयास करेंगे।  हम दोनों अग्नि को साक्षी दे कर प्रतिज्ञा करें कि हम दु:ख-सुख में एक दूसरे की सहायता करेंगे। हमारी मैत्री अटूट रहेगी। सुग्रीव का संकेत पा कर हनुमान ने अग्नि प्रज्वलित की। राम और सुग्रीव ने अग्नि की साक्षी दे कर मैत्री की शपथ ली और दोनों बड़े प्रेम से एक दूसरे के गले मिले।
सुंदर कांड के बारे में जानकारी
पूज्य बाल संत श्री छोटे मुरारी बापू ने बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं से सुंदर कांड की कथा सुनाते हुए बताया कि इस कांड का नाम सुंदर कांड क्यों है? इस कांड की पहली चौपाई है, जामवंत के वचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए। कहने का मतलब है। हनुमान जी की सेना में जामवंत सबसे बड़े बुजुर्ग है तो हनुमान जी ने अपने से बड़े बुजुर्ग जामवंत की बात को स्वीकार किया और उनकी सलाह पर चलने का निर्णय लिया। संत ने कहा कि जब हम अपने बड़े बुजुर्गों की बताए रास्ते पर चलते है तो हमें सफलता मिलती है। मंगलवार को दिव्य संगीतमय श्रीराम कथा के अंतिम दिन भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया जाएगा।
राजधानी का नाम भोजपाल करने के निर्णय का स्वागत
सीहोर। प्रदेश की राजधानी भोपाल का नाम भोजपाल करने संबंधी घोषणा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को लाल परेड मैदान पर आयोजित राजा भोज सहत्राब्दि राज्यारोहण समारोह करने के निर्णय का भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता माखन परमार ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि कालजयी प्रतिभा के धनी एवं राष्टï्र निर्माता भोपाल के संस्थापक व परमार वंश महान दार्शनिक शासक राजाभोज की प्रतिमा का लोकार्पण करने पर परमार समाज ने हर्ष व्यक्त करते हुए आभार व्यक्त किया है। आभार व्यक्त करने वालों में लखन परमार एडवोकेट, नंदकिशोर परमार, राजकुमार पटेल, गजराज परमार, इमरत लाल परमार, प्रेमनारायण परमार, अर्जन परमार, देवी सिंह परमार, गौरेलाल परमार, अनोखी लाल परमार, विष्णु परमार, अमर सिंह परमार, संतोष परमार, राजेश परमार, विरेन्द्र परमार, सुरेन्द्र परमार, प्रमोद परमार, अनिल परमार, प्रहलाद सिंह परमार, भोजराज परमार, ऐलम परमार, जसवंत परमार आदि शामिल है।

0 comments: