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Saturday, November 6, 2010

चारों तरफ खुशियों का वातावरण नजर आया

 सारी रात आकाश गुंजायमान रहा
सीहोर। जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को दीपावली का महापर्व परम्परागत उत्साह और उमंग भरे वातावरण में मनाया गया। चारों तरफ खुशियों का वातावरण नजर आया व्यापारियों में भी हर्ष का माहौल देखा गया। सारी रात आकाश पटाखों की आवाजों से गुंजायमान बना रहा।
शुक्रवार को सारे जिले में दीपावली का पर्व परम्परागत उत्साह और उमंग भरे वातावरण में मनाया गया। लोगों ने सुबह से ही अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर फूलों से वंदन वार बनाना प्रारंभ कर दिए थे यह सिलसिला शाम तक चलता रहा। शाम होते ही लगभग हर घर में रोशनी किए जाने का सिलसिला शुरू हुआ जो लगातार जारी रहा। दीपकों और झालरों को प्रकाश जगमग कर रहा था। लोगों ने अपने अपने घरों और प्रतिष्ठानों पर शुभ मुर्हुत में पूजन अर्चन किया यह क्रम मध्य रात्रि के बाद भी जारी रहा। महिलाओं और युवतियों ने घरों के बाहर एक से बढ़कर एक रंगोली बनाई थी। शाम होते ही पटाखों से आकाश गुजांयमान होने लगा यह क्रम सुबह तक निर्बाध गति से जारी रहा। लोगों ने सारी रात पटाखें फोड़कर खुशियों का इजहार किया। इससे पहले सारा दिन बाजार में ग्राहकी का माहौल बना रहा है बाजार में लोगों की भीड़ को देखते हुए सारा दिन पुलिस को विशेष व्यवस्थाएं भी करनी पड़ी। लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। पूजन के लिए सामग्री खरीदने के लिए भीड़ लगी रही इसके  अलावा रेडीमेड वस्त्रों और मेन्स वियर सामग्री विक्रेताओं के यहां पर भी ग्राहकी का माहौल रात तक बना रहा।  लक्ष्मी पूजन के लिए भी यहां पर चांदी के सिक्कों के विक्रेताओं के पास भी ग्राहकी का वातावरण बना रहा।
पटाखे विक्रेताओं के यहां रही धूम
 दीपावली की रात शहर के सारे पटाखे विक्रेताओं के यहां पर भी भीड़ रही जिसको लेकर उनमे व्यापक उत्साह का माहौल ेदेखा गया। बाल विहार की दुकानों के अलावा शहर के विभिन्न हिस्सों में लगी दुकानों पर भी ग्राहकी का माहौल सारा दिन ही बना रहा कई दुकानें तो रात बारह बजे के बाद भी खुली रही तब भी उनकी दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी गई जिस प्रकार से  रात भर आवाजें गंूजती रही उससे उनकी बिक्री को अंदाजा सहज रूप से लगाया गया।
मावे की ग्राहकी का भी जोर रहा
दीपावली पर्व पर मावे की ग्राहकी का जोर दिन भर बना रहा। लोगों ने एक बार मावे से बनी मिठाईयों पर अपना विश्वास व्यक्त करते हुए  उन लोगों के प्रचार को अफवाह साबित कर दिया कि जो बारबार यह प्रचारित कर रहे थे कि नकली मावा आ रहा है। मिष्ठान विक्रेताओं के यहां पर सुबह से लेकर सारा दिन भीड़ बनी रही।
दिन भर चला मिलन का सिलसिला
शनिवार को सुबह से लेकर रात तक दीवाली मिलन का सिलसिला चलता रहा। लोगों ने प्रतिष्ठानों और घरों पर जाकर अपने बड़ों से आर्शीवाद प्राप्त किया तथा बराबर के लोगों से गले लगाकर दीवाली की मुबारकबाद दी। इसके अलावा शनिवार को गोवर्धन पूजा भी की गई ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों ने अपने मवेशियों का सजाकर उनकी पूर्ण विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया।
दीवाली पर भी रहा मंहगाई का साया
सीहोर। इस साल भी दीवाली पर मंहगाई का साया बरकरार बना रहा । जिससे लोगों की जेब बाजार में समय से पहले खाली हो गई।  मंहगाई के बाद भी बाजार में ग्राहकी का उत्साह बरकरार रहने से व्यापारियों में उत्साह का वातावरण देखा गया। इस साल लक्ष्मी पूजन के लिए प्रसाद के रुप में ली जाने वाली फुली अस्सी रुपए  प्रति किलों में बिकी  जबकि गत साल इसका भाव चालीस रुपए प्रति किलो तक रहा था इसी प्रकार मीठी चिरोंजी का भी भाव दोगुना रहा इस साल वो भी चालीस रुपए प्रतिकिलो की जगह पर अस्सी रुपए प्रतिकिलों में बिकी। पांच से सात रुपए बिकने वाला सीताफल इस बार दस से पन्द्रह रुपए प्रति नग बिका, पांच रुपए तक बिकने वाली माला दस से बारह रुपए प्रतिकिलोे बिकी जबकि दस रुपए में पच्चीस नग बिकने वाले दीपक 15 से 20 रुपए के 25 पीस बिके। इसी प्रकार एक रुपए में बिकने वाला कमल का फूल तीन रुपए में बिका।

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