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Saturday, November 20, 2010

दूसरी ड्रेस का इंतजार

सीहोर ,सरकार की महत्वाकांक्षी योजना इन दिनों बंटन के अभाव में पूरी नहीं हो पा रही है। इस साल छात्राओं को एक की जगह दो ड्रेसें देने की घोषणा की गई थी। सभी ड्रेस 15 अगस्त तक वितरित हो जाना थी, लेकिन नवम्बर माह समाप्ति की ओर है पर अभी भी कई स्कूलों में दूसरी ड्रेस का वितरण नहीं हो पाया है। मप्र शासन ने बालिकाओं को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं संचालित की हुई हैं। इसी तारतम्य में बालिकाओं को गणवेश वितरण करने की योजना संचालित की जा रही है। गत शिक्षण सत्र तक एक ही गणवेश दिए जाने का प्रावधान था पर इस साल से दो गणवेश प्रदान किए जाने का प्रावधान रखा गया। इसके पीछे का मकसद यही था कि छात्राएं पूरे सप्ताह साफ-सुथरी ड्रेस पहनकर स्कूल पहुंचे, लेकिन दुर्भाग्य का विषय यह है कि शासन की यह महत्वाकांक्षी योजना अपने उद्देश्य में पूरी तरीके से सफल नहीं हो पाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में भी दूसरी ड्रेस का वितरण नहीं हो सका है। कक्षा पहली से आठवीं तक की छात्राओं को दो-दो गणवेश 15 अगस्त तक वितरित किए जाने के आदेश जारी किए गए। छात्राओं को एक गणवेश तो दे दी गई, लेकिन नवम्बर माह समाप्त होने की कगार पर है, पर अभी तक कई दर्जन विद्यालयों की छात्राओं को दूसरे गणवेश का वितरण नहीं किया जा सका है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर शिक्षकों ने बताया कि अधिकतर स्कूलों में दूसरे गणवेश का वितरण नहीं हुआ है, जिसका मुख्य कारण यह है कि शासन से राशि का बंटन नहीं हुआ है। राशि मिलने पर ही दूसरे गणवेश का वितरण किया जा सकेगा। जिन लोगों ने जोखिम उठाया है, वह भी आज तक भुगतान की समस्या से पीड़ित चल रहे हैं। विकासखंड स्त्रोत समन्वयक डीएस बारेला का कहना है कि अधिकांश स्कूलों में दूसरे गणवेश का वितरण हो चुका है। भुगतान भी सभी लोगों को शीघ्र किए जाने की उम्मीद बन गई है।

उधारी का इंतजार

जिले में कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जिनमें छात्राओं को शासन की मंशानुरूप दोनों ड्रेस प्रदान कर दी गई हैं, लेकिन इन स्कूलों के जनशिक्षक केन्द्रों को अभी भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों ने जनशिक्षकों के आग्रह पर दो-दो ड्रेसें तो उपलब्ध करा दी, लेकिन उन्हें भुगतान अभी एक ही ड्रेस का प्राप्त हुआ है। दूसरी ड्रेस जनशिक्षक और स्कूल स्टाफ के विश्वास पर उधार दे दी, लेकिन अभी तक उन्हें उधारी नहीं मिली है। दुकानदारों द्वारा बार-बार जनशिक्षकों तथा स्कूल स्टाफ से ड्रेस का भुगतान मांगा जा रहा है। बहरहाल, दुकानदार अपनी उधारी चुकने का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं।

बांटने की जगह

दुकानदारों द्वारा उधार दिए जाने के बाद भी कुछ स्कूल प्रबंधनों द्वारा छात्राओं को दूसरी ड्रेस प्रदान नहीं की गई। जानकारी के अनुसार ग्राम खजूरिया खुर्द और कादराबाद मीडिल स्कूलों में तो एक गणवेश का वितरण कर दिया गया, दूसरी गणवेश दुकानदार ने उधार दे दी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने दूसरी ड्रेस को बांटने के स्थान पर उसे स्कूल में ही रख लिया। नहीं बांटने का कारण भी यह बताया गया कि कहीं बंटन नहीं आया तो दुकानदार को भुगतान कहां से किया जाएगा। विकासखंड स्त्रोत समन्वयक को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने हस्तक्षेप करते हुए इन विद्यालयों से दूसरी गणवेश का वितरण कराया।

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