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Thursday, November 18, 2010

फोरम का अंकुश

विद्युत शिकायत निवारण फोरम करा रहा है आंकलित खपत के बिल कम
सीहोर,बिजली विभाग पर विद्युत शिकायत निवारण फोरम ने अंकुश लगाना प्रारंभ कर दिया है जिससे विभाग को आंकलिक खपत के बिलों को सुधार कर देने पर विवश होना पड़ रहा है। हालांकि विभाग द्वारा अभी भी उपभोक्ताओं को नियमों में उलझाने का प्रयास किया जा रहा है पर फोरम की सक्रियता आड़े आने लगी है। इन दिनों बिजली विभाग की मनमानी का शिकार शहरी और ग्रामाीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को होना पड़ रहा है। न तो बिजली जाने का कोई समय निर्धारित है और न ही बिजली आने का समय तय है जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कटौती के साथ-साथ विद्युत के भारी भरकम और मनमानी भरे बिलो से हर उपभोक्ता परेशान है। खास तौर से इन दिनों बिजली विभाग ने आंकलित खपत के नाम पर उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालने का कार्य प्रारंभ किया हुआ है। उपभोक्ता विभाग और नियामक आयोग की सलाह मानकर यदि बिजली का उपयोग बचत करने की दृष्टि से कम करना भी शुरु कर दे तो भी विभाग के अधिकारियों को नागवार गुजरता है और वे उन पर आंकलित खपत नियामक आयोग की आड़ लेकर थोप रहे है। अकेले सीहोर शहर में हजारों उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के बिल थोपे जाकर लाखों रुपए की वसूली किए जाने का कार्य जोरों पर चल रहा है। बताया जाता है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सौ में से नब्बे से भी अधिक उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के बिल सौंपे जा रहे है। यदि उपभोक्ता के यहां पर तीस यूनिट की खपत हुई है तो उसे भी डेढ़ गुना बिल अधिक दिया जा रहा है। बिल मीटर रीडिंग को आधार न मान कर उसकी आंकलित खपत निकालकर बिल दिया जा रहा है। ऐसे ही बिलों पर विद्युत शिकायत निवारण फोरम ने अंकुश लगाना शुरु कर दिया है विगत दिवस उपभोक्ता राजेन्द्र कुमार को 83 यूनिट की राहत प्रदान की गई। उपभोक्ता द्वारा शिकायत फोरम में दर्ज कराई गई थी कि उन्हें आंकलित खपत का बिल दिया जा रहा है बताया जाता है कि उपभोक्ता ने आवेदन पत्र लगाया और बिजली विभाग के अधिकारी निर्धारित पेशी दिनांक पर बिल सही करके ले आए। फोरम के अध्यक्ष आरके शर्मा, सदस्य रोहित पाराशर, सुभाष मंडलोई ने बिजली विभाग द्वारा 83यूनिट की राशि 552 रुपए अगले बिल में कम करने के निर्देश जारी किए। उपभोक्ता राजेन्द्र कुमार सहित अन्य एक दर्जन से भी अधिक उपभोक्ताओं को इस तरह की आंकलित खपत से राहत दिलाने का कार्य फोरम द्वारा किया गया है। आंकलित खपत पर फोरम द्वारा लगाए जा रहे अंकुश से सीहोर के आला अधिकारियों की नींद उड़ती नजर आ रही है क्योंकि उपभोक्ताओं द्वारा तेजी के साथ आंकलित खपत के आवेदन लगाए जा रहे है चूंकि विभाग पूरी तरह से आंकलित खपत के बिल बनाकर अपना टारगेट पूरा कर रहा है यदि इसी प्रकार से बिलों की राशि कम होने लगेगी तो उनके टारगेट पर निश्चित रुप से प्रभाव पड़ने लगेगा जिससे वे आंकलित खपत के बिलों को स्थानीय स्तर पर ही कम करके देने का प्रयास भी कर रहे है।
विभाग कर रहा उलझाने का प्रयास

बिजली विभाग में आंकलित खपत पर जिस प्रकार से फोरम द्वारा अंकुश लगाने के प्रयास किया जा रहा है उससे विभाग में हड़कम्प का वातावरण मचा हुआ है। अब उनके द्वारा उससे बचने का प्रयास किया जाकर विद्युत नियामक आयोग की आड़ ले रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि उपभोक्ता ने जितना लोड स्वीकृत कराया है, बिल उसके अनुरुप ही प्रदान किया जाएगा। यदि उपभोक्ता बिजली का उपयोग कम करता है तो उसे स्वीकृत लोड के अनुरुप बिल भरना होगा और दोनों में अंतर है तो बिल रीडिंग से लिया जाएगा। लेकिन शहर में ऐसे कई उपभोक्ता है जिन्होंने तत्कालीन अधीक्षण यंत्री श्री रजपाल के कार्यकाल में बिजली विभाग द्वारा चलाए गए विशेष अभियान में अपने लोड बढ़वा लिए थे तब बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि लोड बढ़वाने से कोई अतिरिक्त भार उपभोक्ता पर नहीं बढ़ेगा।

फोरम ने कहा

ऐसे हैरान परेशान उपभोक्ताओं को विद्युत शिकायत निवारण फोरम ने परामर्श दिया है कि यदि उनका बिल वास्तव में अधिक आ रहा है तो उन्हें परेशान होने की जरुरत नहीं है उन्हें अपने द्वारा स्वीकृत कराए गए लोड की जांच करा लेना चाहिए यदि उनके घर अथवा प्रतिष्ठान पर लोड कम है तो विभाग को लोड कम कराने के लिए सादे कागज में आवेदन दिया जाए जिससे उनका बिल कम आने लगेगा यदि विभाग लोड कम नहीं करता है तो फोरम से शिकायत कराई जा सकती है।
तीन प्रतियों में की जा सकती है शिकायत

विद्युत शिकायत निवारण उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष आरके शर्मा ने कहा है कि फोरम का प्रयास है कि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके, कोई भी उपभोक्ता अपनी शिकायत तीन प्रतियों में कर सकता है। उन्हें अपनी शिकायत विद्युत शिकायत निवारण फोरम, पुराना पावर हाउस चांदबड़ भोपाल भेजनी है जिस पर अधिकारियों को भोपाल बुलाकर उनका निराकरण उपभोक्ता के समक्ष किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों का विश्वास फोरम के प्रति तेजी के साथ बढ़ने का एक कारण यह भी कि फोरम बिना किसी भूमिका के उपभोक्ता को न्याय दिला रहा है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने भी स्वीकार किया कि इन दिनों सबसे ज्यादा शिकायतें आंकलित खपत की आ रही है जिस उपभोक्ता का स्वीकृत लोड कम है उसके बाद भी यदि आंकलित खपत को बिल दिया जा रहा है तो हाथों हाथ उसका निराकरण किया जा रहा है और यदि स्वीकृत लोड अधिक हुआ है तो उसे जांच कराने की सलाह दी जाकर उसे भी कम कराया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को बिल की राशि अधिक न भरने पर विवश होना पड़े।

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