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Wednesday, November 10, 2010

राजनेताओं के तीखे तेवर

शाहगंज के मामले में सीएम और केन्द्रीय मंत्री ने तेवर बदले, अधिकारियों को लगाई फटकार
सीहोर/शाहगंज शाहगंज के मामले में राजनीतिज्ञों के तीखे तेवर अधिकारियों के गले की फंस बनते नजर आ रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने अलग-अलग मामलों में निर्देश जारी किए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैत दौरे के बाद अधिकारियों की वीडियो कान्फ्रेसिंग में क्लास ली है। जिसका परिणाम क्षेत्र में मंगलवार को नजर आया। सभी अधिकारी चौकन्ने होकर कार्य करते दिखाई दिए। उधर केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आदिवासियों को इंसाफ दिलाने का निर्देश दिए हैं। सड़क का मामला गर्मायाभाईदूज पर्व पर अपने गांव आए सीएम शिवराज सिंह चौहान से जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मेन्द्र चौहान सहित ग्रामीणों ने शाहगंज डहोटा मार्ग का कार्य उचित तरीके से न होने की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों ने सीएम को बताया कि यह सड़क गुणवत्ता पर खरी नहीं उतर रही है। चूंकि सीएम स्वयं इसी मार्ग से आए थे, तो उन्हें भी शिकायत में प्रमाणिकता नजर आई। मौके पर ही उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई थी। सीएम के जाने के बाद सभी यह मान रहे थे कि यह मामला भी शांत हो जाएगा, लेकिन सोमवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए अपनी तीखी नाराजगी जाहिर की। जिससे अधिकारियों में हड़कंप का वातावरण निर्मित हो गया है। मंगलवार को वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने इस मार्ग की स्थिति का जायजा लिया। बताया जाता है कि इस सड़क को दोबारा बनाए जाने की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। दोपहर तक चले निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को भी यह बात भली भांति समझ में आ गई कि ग्रामीणों की नाराजगी उचित है। बहरहाल, आज दिनभर शाहगंज क्षेत्र में यह मामला गर्माया रहा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा है कि लापरवाह अधिकारियों पर इस तरह नकेल कसना जरूरी है। आदिवासियों के पट्टे का मामला गर्मायाशाहगंज के ही ग्राम खटपुरा के भैरों प्लांट जंगल में आदिवासियों के पट्टे का मामला अब दिल्ली तक पहुंच गया है। इस मामले में केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने मध्यप्रदेश शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर वनभूमि के पट्टे दिलाए जाने के निर्देश दिए हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री भूरिया द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में उल्लेखित किया गया है कि ग्राम खटपुरा के मंसूर सिंह भील तथा अन्य आदिवासियों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006 के तहत काबिज आदिवासियों को भू अधिकार पत्र दिए जाने के संदर्भ में एवं वन भूमि से बेदखल की कार्रवाई की शिकायत की है, श्री भूरिया ने उल्लेखित किया है कि वन क्षेत्र की भूमि पर यह आदिवासी तीस वर्षों से आज तक लगातार काश्तकारी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है तथा उस वन भूमि पर निवासरत हैं। पत्र में यह भी लिखा गया है कि वन विभाग के पत्र 21 जनवरी 2008 के आलोक में नियमों का उल्लघंन कर वन अधिकारियों की मिलीभगत से बेदखली की कार्रवाई की जा रही है। जबकि नियमानुसार वर्षों से काबिज इन आदिवासियों को वन भूमि पर पट्टे शीघ्र दिए जाने चाहिए। पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कलेक्टर एवं अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्रकरण में कार्रवाई चल रही है तथा पट्टों का वितरण शीघ्र किया जाएगा

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