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Thursday, November 4, 2010

,पत्नी को जिन्दा जला देने वाले पति को उम्रकैद

सीहोर बुधवार को जिला सत्र न्यायाधीश वेदप्रकाश द्वारा पत्नी को जिन्दा जला देने के पति को आजीवन कारावास तथा एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायाधीश द्वारा घर जंवाई अभियुक्त को हत्या का दोषी पाते हुए अपना 25 पृष्ठीय निर्णय सुनाया गया।जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेदप्रकाश द्वारा उपरोक्त निर्णय बुधवार को सुनाया गया। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक ओमप्रकाश मिश्रा द्वारा पैरवी की गई। अभियोजन से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम बरखेड़ा तहसील बैरासिया निवासी उदय सिंह आत्मज श्यामलाल दांगी का विवाह लगभग 12 वर्ष पूर्व थाना दोराहा थाना अंतर्गत ग्राम बरखेड़ा देवा निवासी पप्पी बाई के साथ हुआ था। बताया जाता है कि पप्पी बाई की मां अकेली थी,इसलिए अपनी जमीनों की देखभाल के लिए उनके द्वारा उदय सिंह दांगी को घर जंवाई बना लिया गया। पप्पी बाई के नाम लगभग पांच एकड़ जमीन पृथक रूप से की हुई थी। बताया जाता है कि 29 जून 2009 को उदय सिंह ने अपने ही घर में पप्पी बाई के ऊपर घासलेट डालकर आग लगा दी थी। इस सनसनीखेज घटनाक्रम से ग्राम वासी भी हतप्रभ रह गए थे। इनके द्वारा गंभीर रूप से झुलसी पप्पी बाई को दोराहा थाना लाया गया। जहां पुलिस के समक्ष पप्पी बाई ने बयान दिया कि उसे उसके पति द्वारा ही जलाया गया है। नायब तहसीलदार के समक्ष भी पप्पी बाई ने उपरोक्त बयान दिए थे। इसके बाद विवाहिता को हमीदिया अस्पताल भोपाल के लिए रेफर किया गया था। जहां पर जिन्दगी और मौत से संघर्ष करते हुए तीन दिन बाद उसने दम तोड़ दिया। जिस पर दोराहा पुलिस ने उदय सिंह दांगी के खिलाफ भादवि की धारा 302 के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण कायम कर मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश वेदप्रकाश ने उपरोक्त मामले में दोनों पक्षों का सुनने के बाद पाया कि पप्पी बाई की हत्या का दोषी उदय सिंह दांगी है। जिस पर उसे आजीवन कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया,अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक ओपी मिश्रा ने बताया कि सत्र न्यायाधीश द्वारा 25 पृष्ठीय निर्णय दिया गया है।

जमीन बनी हत्या का कारण

पप्पी बाई की मां ने कभी इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि जिस दामाद को वह अपनी पूरी जमीन जायदाद और फसलोंं का बारिस बनाने के लिए घर जंवाई बना रही है। वही आदमी उसकी खुशियों का ही गला घोंट देगा। जानकारी के अनुसार पप्पी बाई के नाम पांच एकड़ जमीन थी, जिसको बेचने के लिए उदय सिंह दांगी द्वारा लगातार दवाब बनाया जा रहा था, लेकिन पप्पी बाई इस बात के लिए तैयार नहीं थी, उसका कहना था कि वह किसी कीमत पर यह जमीन नहीं बेचेगी। रोजाना की न सुनने से तंग हो चुके उदय सिंह दांगी ने आखिरकार 29 जून 2009 को अपनी पत्नी को जिन्दा जला दिया। ग्राम बरखेड़ा देवा में हुई इस सनसनीखेज हत्या के निर्णय का ग्रामीणों द्वारा भी बेसब्री के साथ इंतजार किया जा रहा था।

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