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Wednesday, December 1, 2010

रात आठ बजे के बाद नहीं देखी बिजली

 जिला मुख्यालय से सटे हुए गांव में बिजली के बिना हुआ जीना मुहाल  
सीहोर,मुख्यालय से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम सैंकड़ाखेड़ी के लोगों ने पिछले एक साल से रात आठ बजे के बाद बिजली नहीं देखी है। तीन दिन से तो यहां पर बिजली आई ही नहीं है।शहर की सीमा से लगे गांव सैंकड़ाखेड़ी के लोग इन दिनों बिजली समस्या का दंश भोग रहे है। इन लोगों को पिछले एक साल से तो इनको  रात आठ बजे के बाद बिजली नहीं मिल पाई है जिसके कारण रात को इनका घरों के बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र के लोग बिजली की समस्या से हैरान परेशान चल रहे है अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी का शिकार ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता हो रहे है। अधिकारी कर्मचारी वर्ग हमेशा ऊपर का बहाना बनाकर लोगों को हैरान करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते है। अक्सर    देखने में आता है कि सीहोर जिले के आला बिजली अधिकारी अपनी स्थिति ऊपर बेहतर बनाने के लिए यहां पर कटौती करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते है।
अंधेंरे में है गांव
जिला मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर स्थिम ग्राम सैंकड़ाखेड़ी के लोगों ने पीपुल्स समाचार से चर्चा करते हुए बताया कि रविवार की शाम पांच बजे बिजली गई है जो मंगलवार की शाम पांच बजे तक नहीं आई है जिसके बारे में एक दर्जन से अधिक बार शिकायत की जा चुकी है पर सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। हमेशा की भांति यह कह दिया जाता है कि हमारे यहां से कटौती नहीं की गई है जो कुछ हो रहा है ऊपर  से ही हो रहा है हम कुछ नहीं कर सकते है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर कटौती का आलम यह है कि रात आठ बजे के बाद तो पूरे एक साल से ही बिजली नहीं आई है गर्मी में भी सारी रात मच्छरों से परेशान होकर ही काटी है जिसके लिए भी कई बार प्रयास किए है पर कोई सुनने वाला नहीं है। अभी जब से रविवार को बिजली गई है तब से भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
बकाया भी नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि ग्र्राम सैंकड़ाखेड़ी ही एक ऐसा गांव है जहां पर लगभग हर ग्रामीण विभाग द्वारा दिए जाने वाला बिल भरता है पर उसके बाद भी बिजली कटौती में कोई कमी नहीं आ रही है जो हम लोगों की समझ से परे है। ग्रामीणों के अनुसार तीन पहले तक 24 घंटे में मुश्किल से चार-पांच घंटे बिजली मिल रही है जिसके कारण भी कोई कार्य नहीं हो पाता है।  सबसे अधिक स्थिति तो रात के समय विकट रहती है किसी की तबियत खराब हो जाए तो रात में अस्पताल ले जाना भी मुश्किल होता है। इनका कहना है कि हम सभी ने एक राय होकर कई बार अधिकारियों से आग्रह किया है पर वो हमारी पीड़ा सुनने का तैयार ही है। हम लंबे समय से मांग कर रहे है कि हमारी डीपी को सीहोर से जोड़ दिया जाए पर उस पर सुनवाई करने को कोई तैयार ही नहीं रहता है जिसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है देखना यह है कि विभाग इस ओर कब तक ध्यान दे पाता है?वे रोड के इस पार देखकर ही मन समझा लेते हैग्राम सैकड़ाखेड़ी और यहां रहने वाले लोगों के दुर्भाग्य का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव के इस पार देखने पर उन्हें सारी रात जगमग रोशनी ही रोशनी दिखाई देती है पर वो कुछ करने की स्थिति में नहीं रहा करते है ऐसे में वे रोड के इस पार की रोशनी को देखकर ही अपना मन समझा लेते है। रोड के इस पार सीहोर है तथा जब से यहां पर बायपास बना है तब से ही यहां पर चहल-पहल भी काफी हो गई राहगीर भी सड़क के इस पार अंधेरा और उस पार अंधेरा देखकर हैरान रह जाते है। अधीक्षण यंत्री एके जैन को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि वहां बिजली नहीं रहती है जबकि यह गांव अधीक्षण यंत्री के कार्यालय से भी कुछ ही कदमों की दूरी पर स्थित है। देखना यह है कि उनका वादा कब तक पूरा होता है। ग्रामीणों ने कहा ....जब से इस गांव को सीहोर से हटाकर बरखेड़ी से जोड़ा गया है तब से ही इस प्रकार की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों कर्मचारियों को इस बात की जानकारी है कि बिजली पूरी रात नहीं रहती है ऐसी स्थिति हम रात कैसे गुजराते होंगे किसी कल्पना सहज भाव से की जा सकती है।
- सलाम भाई
हमारे गांव में बिजली के न रहने से हम सभी के सारे काम भी रुक जाते है गांव में पढ़ने वाले बच्चों को तो और भी परेशान होना पड़ता है दुर्भाग्य यह है कि न तो हमारी नेता सुनते है और न ही अधिकारी वर्ग सुनता है ऐसी स्थिति में हम जाए भी तो जाएं कहा। हमारे गांव को वापस सीहोर से जोड़ा जाए।
- हफीज खां
विभाग को हमारी समस्या से कोई लेना देना नहीं है वर्षो पहले गांव के  बिजली के तार चोर चुराकर ले गए थे वो चोरी आज भी परेशानी का सबब बनी हुई जिसके बाद ही हमारे गांव को बरखेड़ी डीपी से जोड़ दिया गया। आज हम लोगों को किसी भी काम को पूरा करने के लिए रात आठ बजे तक का ही समय रहता है।
- बसात खां
विभाग की अनदेखी सभी पर भारी पड़ने लगी है पिछले तीन दिन से तो एक मिनिट के लिए भी लाइट नहीं आई जिसके कारण परेशान हो रहे है कोई भी कार्य नहीं हो पा रहा है। अधिकारियोें से कहते है तो भी सुनवाई नहीं होती है ऐसी विकट स्थिति   में कुछ नहीं कर पाते है।         
  - सलीम खां
विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण विकट स्थिति बन गई है। अधिकारियों को चाहिए कि वे व्यवस्था को दुरूस्त कराएं, ताकि हम ग्रामीणों की कठिनाईयां दूर हो सकें।
  - नीरज प्रजापति

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