यदि आपके पास कोई समाचार या फोटो है तथा आप भी किसी समस्या को शासन स्तर पर पंहुचाना चाहते हैं और किसी विषय पर लिखने के इच्छुक है,तो आपका स्वागत है ईमेल करे- writing.daswani@gmail.com, Mob No.-+919425070052

Sunday, December 5, 2010

आक्रोशित यात्रियों ने कार्यालय घेरा

  सीहोर   रविवार की सुबह रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने जमकर नारेबाजी करते हुए स्टेशन मास्टर के कक्ष का घेराव किया जिससे हंगामें की  स्थिति बन गई। रेलवे विभाग को पुलिस को मदद लेने पर विवश होना पड़ा तथा गाड़ी के आगे जाने के बाद ही स्थिति सामान्य हुई।रविवार की सुबह रेलवे स्टेशन पर उस समय हंगामें का वातावरण बन गया जब छिंदवाड़ा से इन्दौर की जाने वाली पंचवेली ट्रेन को सीहोर स्टेशन पर खड़ा कर दिया गया। यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हजारों यात्री हैरान परेशान होकर अपनी यात्रा बीच में ही स्थगित कर अन्य साधनों से इन्दौर के लिए रवाना हुए जबकि जो यात्री टेन में ही रवाना हुए वे भी रात तक ही इंदौर तक पहुंच पाए।  आज सुबह छिंदवाड़ा से इंदौर की ओर जाने वाली पंचवेली ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से सुबह साढ़े ग्याहरा बजे आई पर उसे निर्धारित स्टापेज के आधा घंटे के बाद भी रवाना नहीं किया गया तो यात्रियों ने नीचे आना शुरू कर दिया और स्टेशन मास्टर के कक्ष पर पहुंचना प्रारंभ कर  दिया। यहां पर उपस्थित स्टेशन मास्टर द्वारा हमेशा की भांति जब यात्रियों की बात को अनुसुना किया जाना प्रारंभ किया गया तो उन्हें भी कल्पना नहीं थी कि यहां पर हंगामें की स्थिति बन जाएगी।
देखते ही देखते भीड़
स्टेशन मास्टर के कक्ष के बाहर देखते ही देखते सैंकड़ों की संख्या में यात्रियों का जमावड़ा दिखाई देने लगा जवाब न देने पर लोगों ने स्टेशन मास्टर मुर्दाबाद और रेल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाना शुरू कर दिए। स्थिति को बिगड़ते देख रेलवे पुलिस भी यहां पर आ गई पर यात्रियों के मान से इनकी संख्या भी गिनती की ही थी। लोगों को समझना उनके लिए भी मुश्किल का ही काम हो रहा था
कारण यह था
बताया जाता है कि स्टेशन मास्टर ने काफी देर बाद यह बताना शुरू  किया कि शुजालपुर के समीप ट्रेक का कार्य चल रहा है जिसके कारण गाड़ी आगे नहीं जा सकेगी पर कितनी देर रूकेगी यह नहीं बताया जा सकता है। वो तो हमने यहां पर इसलिए ट्रेन खड़ी करवा दी है ताकि आप जंगल से बच सके क्योंकि यहां तो शहर है और चाय पानी की भी सुविधा है।
रवाना होने लगे
काफी देर बाद स्टेशन मास्टर द्वारा की गई घोषणा के बाद हजारों यात्रियों ने अपना रूट बदलने का निर्णय ले लिया उनका कहना था कि करीब एक घंटे के बाद स्टेशन मास्टर यह बता रहे है यदि यह पहले ही बता देते तो शायद दिक्कत कम होती। यात्रियों ने स्थानीय लोगों से जानकारी लेकर इंदौर, देवास आदि जगहों के लिए बस से जाने का निर्णय लिया। जिसके लिए तांगे और आॅटों की मदद ली गई इनके द्वारा भी यात्रियों को बस स्टैंड पहुंचानें के लिए मनमाने दाम वसूले गए। जिससे भी यात्रियों को दिक्क्त  का सामना करना पड़ा।
कम पड़ गए
बीच में यात्रा स्थगित कर बस से जाने वाले यात्रियों को स्टेशन से बस स्टैंड पहुंचने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि जितने भी आटो और तांगे थे वे भी यात्रियों की संख्या के कारण कम पड़ गए थे जिसके कारण कई यात्रियों को तो लंबी दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी। यात्रियों में आक्रोश का वातावरण बना हुआ था उनका कहना था कि पहले भोपाल में काफी देर रोका गया और अब यहां पर उसे रोक लिया गया है। यहां पर सारे जवाबदार अधिकारी मौजूद है पर कोई कुछ भी बताने का तैयार नहीं है।
पैसा गया पानी में
यात्रियों को आज जहां अनावश्यक रुप से परेशानी का सामना करना पड़ा वहीं पर उन्हें पैसे से भी हाथ धोना पड़ गया यहां पर स्टेशन मास्टर द्वारा पैसे वापस करने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि पैसा लेना है तो भोपाल जाओ जिससे यात्री भड़क उठे पर वो कुछ करने की स्थिति में नहीं थे यहां से केवल उन यात्रियों को पैसे वापस  किए जा रहे थे जिन्होेंने सीहोर स्टेशन से टिकट लिया था उन्हें भी दस रुपए काट कर राशि वापस की जा रही थी।
गाड़ी आगे रवाना
यहां पर स्थिति बिगड़ती जा रही थी जिसके कारण न केवल पूरा स्टाफ बल्कि पुलिस को भी परेशानी उठाना पड़ रही थी इन सभी का यही प्रयास था कि जैसे भी गाड़ी यहां से आगे बढ़ जाए पर ऐसा होने में समय लग रहा था पर जैसे ही गाड़ी का आगे रवाना किया गया वैसे ही इन सभी ने राहत की सांस ली।
आगे जाकर फंसे
टेन सीहोर स्टेशन से तो करीब एक बजे रवाना हो गई पर इन यात्रियों के लिए रविवार का दिन मुसीबतों से ही भरा हुआ था जिसके कारण उन्हें पहले दो एक घंटे से भी अधिक समय तक कालापीपल स्टेशन पर खड़े रहना पड़ा। यहां पर यात्रियों द्वारा हंगामा किया गया तो यहां से गाड़ी को शुजालपुर के लिए रवाना किया गया तो वहां पर दो घंटे से भी अधिक समय तक गाड़ी खड़ी रही इस तरह जो गाड़ी इंदौर दोपहर तक पहुंच जाती है वो बमुश्किल रात तक ही पहुंच सकी। स्थानीय नागरिक भी बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे उनका कहना था कि स्टेशन प्रबंधन को यहां पर ही बता देना था कि गाड़ी देर रात तक इंदौर पहुंचेगी तो यात्री अपने गंतव्य तक समय पर पहुंच तो जाते पर दुर्भाग्य का विषय रहा कि यात्रियों की सुध नहीं ली गई। अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा..सीहोर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों द्वारा हंगामा खडाÞ कर देने की यह पहली वारदात है कुछ साल पहले जरुर पुलिस   जवान और स्टेशन मास्टर के साथ विवाद के कारण हंगामा खड़ा हो गया था। आज की स्थिति बिगड़ती देखकर रेलवे पुलिस के अलावा मंडी पुलिस से आग्रह कर अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था कराना पड़ी तब जाकर स्थिति संभली। बताया जाता है कि जिस प्रकार से स्टेशन पर यात्रियों का हूजुम एकत्रित हुआ था उसे स्थिति बिगड़ते देर नहीं लगती क्योंकि स्टेशन स्टाफ संतोषजनक उत्तर देने की जगह समस्या से पल्ला झाड़ते हुए बार बार यही कह रहा था कि हम कुछ जवाब देने की स्थिति में नहीं है जिसके कारण ही यात्री बार बार आक्रोशित होकर नारे बाजी करने लग रहे थे। ठंड में भी पसीने-पसीने...आज दिन भर शीत लहर चल रही थी स्टेशन पर इस सर्दी भरे माहौल में गर्म वातावरण नजर आ रहा था लोग ठंड से बचाव के सारे साधन किए हुए थे पर यहां पर  स्टेशन मास्टर विनय सिंह पसीने-पसीने नजर आ रहे थे जिस प्रकार से यात्रियों का आक्रोश बढ़ रहा उससे उनका एक ही प्रयास था कि जैसे भी हो गाड़ी सीहोर स्टेशन की सीमा को पार कर जाए फिर यात्री जाने और आगे का स्टेशन मास्टर। उनके द्वारा किए जाने वाले प्रयासों में एक घंटे के बाद सफलता मिली और जब गाड़ी रवाना हुई तो उन्होंने अपना पसीना पोंछकर पुलिस को धन्यवाद दिया। बाद में पत्रकारों से चर्चा करने पर वो ट्रेन के स्टापेज कराने की सलाह दे रहे थे पर घटनाक्रम के लिए प्रश्न करने पर कहा कि हम इसके लिए उत्तर दायी नहीं है। 
मुझे इंटरव्यूह के लिए इंदौर जाना था पर टेन में फंस गया हूं ऐसी स्थिति में बस से जाने को विवश हूं। यहां पर कोई जबाब देना को तैयार  नहीं था।
- मनीष हनवत, भोपाल
मैं छिंदवाड़ा से इंदौर जा रही हूं, छोटे बच्चे साथ हैं, लेकिन स्टेशन पर कोई कुछ बताने को ही तैयार नहीं है कि ट्रेन कब रवाना होकर कब इंदौर पहुंचेगी, कोई नहीं बता रहा है।
- ज्योति शर्मा, छिंदवाड़ा
मैं होशंगाबाद से इंदौर जा रहा हूं, लेकिन टिकिट के पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं। कितने ही यात्री बिना पैसे लिए चले गए हैं। यह विभाग की मनमानी है।
- अभिषेक जोशी, होशंगाबाद
ट्रेन गतंव्य पर देरी से पहुंचेगी, यह जानकारी सीहोर स्टेशन को थी, उसके बाद भी मुझे टिकिट दिया गया। जब ऐसा था तो सीहोर से जाने वालों को टिकिट क्यों दिए गए।
- मोहम्मद आसिफ, सीहोर

1 comments:

Anonymous said...

[1 Deus ainda cura !!! Musica de Rodrigo Claro

http://www.youtube.com/watch?v=cxnHZd_jvQM&feature=related ]

[2. Milagre Nº4 na Nigeria -miracle in nigeria- Cancer de Mama Estoura TB JOSHUA NIGERIA LAGOS

http://www.youtube.com/watch?v=BVBSGNr3bDA ]

[3 Miracles in Nigeria 05 - Determined Cripple

http://www.youtube.com/watch?v=wA6G4oR1tDY ]


[4]Benny Hinn - Mighty Anointing in Milwaukee

http://www.youtube.com/watch?v=sthm3vH6ixY&feature=related