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Sunday, December 12, 2010

विदेश में रहकर हिंदी की सेवा करना गौरवशाली- दुबे


सम्मान,  वांशिगटन के साहित्यकार लेखक राकेश खंडेलवाल का सीहोर में शिवना ने किया गरिमामय सम्मान
 सीहोर। आज जब अपने देश में ही लोग हिंदी को भूल रहे है ऐसे में विदेश में रहकर हिन्दी की सेवा करना हम सब के लिए गौरव की बात है। यह बात हिन्दी प्राध्यापक डा.श्रीमती पुष्पा दुबे ने शिवना द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त की। शवना द्वारा इस वर्ष का सारस्वत सम्मान वांशिगटन निवासी राकेश खंडेलवाल को साहित्य सेवा के लिए यहां शनिवार की रात का आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया गया।
कार्यक्रम हिन्दी प्राध्यापक साहित्यकार पुष्पा दुबे के मुख्यआतिथ्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार नारायण कासट की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में श्री खंडेलवाल को इस वर्ष का शिवना सारवस्त सम्मान प्रदान किया गया।  पूर्ण विधि विधान के साथ पादुका पूजन की भांति तथा मंत्रोच्चार के बीच जब यह सम्मान प्रदान किया गया तो श्री खंडेलवाल भावुक हो गए। अतिथियों ने उन्हें शाल श्रीफल भेंटकर किया जाकर सम्मानपत्र प्रदान किया गया। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलित किया। अतिथियों का स्वागत आयोजक पंकज पुरोहित सुबीर, शैलेष तिवारी, सोनू ठाकुर, धर्मेंद्र कौशल, सनी गोस्वामी, सुधीर मालवीय आदि  द्वारा  किया गया। पीसी लैब पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए डा. पुष्पादुबे ने कहा कि आज लोगों को जब विदेश में जाने का अवसर मिलता है तो उनके सामने केवल एक ही मकसद पैसा कमाने का होता है पर श्री खंडेलवाल ने वहां पर साहित्य की सेवा कर हिन्दी भाषी लोगों का मान बढ़ाया है। विदेश में जाकर पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं है पर वहां पर अपने देश और साहित्य की सेवा करना नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा दायक है। वरिष्ठ साहित्यकार श्री कासट  ने कहा है कि आज हम साकार और निराकार दोनों का ही सम्मान कर रहे है। श्री खंडेलवाल के साथ-साथ उनके काव्य सर्जन का सम्मान कर हम गौरवान्वित हो रहे है। आयोजन के सूत्रधार साहित्यकार पंकज पुरोहित सुबीर ने शिवना सम्मान पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि शिवना का सफर सीहोर से अमेरिका तक पहुंच गया है जिसके पीछे कहीं न कहीं श्री खंडेलवाल की भी भूमिका है। अंत में आभार पत्रकार शैलेष तिवारी ने माना। कार्यक्रम में सर्वश्री दिनेश द्विवेदी (कोटा), लेफ्टिनेंट कर्नल गौतम राजरिशी (कश्मीर), वीनस केशरी (इलाहाबाद), रविकांत पांडेय (कानपुर ), प्रकाश अर्श (नई दिल्ली), अंकित सफर (मुम्बई) आदि  भी उपस्थित थे।

3 comments:

दिगम्बर नासवा said...

ये गर्व की बात है राकेश जी विदेश में भी अपनी पहचान को यथावत बनाए हुवे हैं ... बहुत बहुत बधाई राकेश खंडेलवाल जी को इस सम्मान पर ...

तिलक राज कपूर said...

अकेला चना भाड़ नहीं फ़ोड़ सकता लेकिन अकेला साहित्‍यकार बहुत कुछ कर जाता है, विशेषकर मधुर गीतों का गीतकार।
बधाई।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

अादरणीय खंडेलवाल जी हम सब के बीच मे बने रहें. उनकी गीतमालाएं सदैव मन मोह जाती है.
इस सम्मान समारोह के लिये शिवना के सभी सदस्यों को बहुत बहुत बधाई.