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Friday, December 10, 2010

इच्छाएं ही दुख का कारण होती है: स्वामी गणेशानंद

 सीहोर.जिस प्रकार जगत असीम है,उसी प्रकार मनुष्य की इच्छाएं भी अनंत हैं । परमात्मा के वास्तविक स्वरूप को जानकर ही हम पूर्ण स्वस्थ हो सकते हैं यह उद्गार योग गुरू स्वामी गणेशानंद ने आवासीय स्कूल ग्राउंड पर पांच दिवसीय संगीतमय ध्यान,योग चिकित्सा शिविर के दूसरे दिन गुरूवार सुबह योग साधकों को संबोधित करते हुऐ व्यक्त किए। पतंजलि योग समिति एवं भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की जिला इकाई के तत्वावधान में प्रात: पांच से सात बजे  तक भोपाल नाका स्थित आवासीय खेलकूद ग्राउंड पर 12 दिसंबर तक योग शिविर चल रहा है। गुरूवार को दीप प्रज्वलन के साथ योग शिविर का शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर योगाचार्य स्वामी रामदेव के परम शिष्य स्वामी गणेशानंद के सानिध्य में  योग शिविर संयोजक समाज सेवी मनोहर राय, उषा सक्सेना मेडीकल एसोसिएशन  अध्यक्ष ओम राय ,दिनेश ठाकुर, सुर्दशन राय, योगेश राठी, सुरेश त्यागी, विशेष रूप से उपस्थित थे । इसके पश्चात स्वामी गणेशानदं का पुष्प गुच्छ से स्वागत विष्णु परमार आष्टा, अशोक त्यागी, धीरेन्द्र सिंह, सुरेश बाबू राठौर,  किशन सिंह राठौर, मीडिया प्रभारी संतोष सिहं, कमलेश याज्ञिक, सतीश शर्मा, रामप्रकाश गुप्ता, सीमा जोशी, उज्वल प्रभा त्यागी , आशा राठौर, रजनी राठौर ने किया । आज स्वामी गणेशानदं ने योग साधकों को संबोधित करते हुऐ कहा कि मनुष्य की वासनाऐं कभी पूरी नही होती हंै। हम विदेशी संस्कति के अधांनुकरण में अपनी गौरवशाली परंपराओं को भूलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रियान्तर ही विश्राम है हमारे लिए ढाई सुख हैं।

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